Ukraine के बाद Putin का अगला टारगेट कौन? बाल्टिक देशों में क्यों मची है खलबली

By Editor
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रूस के बाद Putin का अगला टारगेट: बाल्टिक देशों में खलबली, क्या फिनलैंड है प्रमुख निशाना?

Putin: रूस-यूक्रेन युद्ध के करीब तीन वर्षों के बाद, रूस की योजनाएं उत्तरी यूरोप के देशों के लिए चिंता का कारण बन चुकी हैं। इस समय रूस के हमले से न केवल यूक्रेन बल्कि फिनलैंड, एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया जैसे बाल्टिक देशों पर भी खतरा मंडरा रहा है। फिनलैंड के प्रमुख अखबार ‘इल्तालेहटी’ ने सरकारी रक्षा रिपोर्ट और नाटो सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है कि रूस फिनलैंड और अन्य बाल्टिक देशों पर हमले की योजना बना सकता है। नाटो ने अपने सदस्य देशों को इस खतरे के बारे में सतर्क किया है और एकजुट होकर इसका मुकाबला करने के लिए तैयारी की सलाह दी है।

फिनलैंड और बाल्टिक देशों में बढ़ते खतरे का संकेत

Putin: फिनलैंड के लिए विशेष रूप से खतरा बढ़ गया है क्योंकि रूस ने अपनी सैन्य गतिविधियों को पूर्वी यूरोप में और अधिक बढ़ा दिया है। नाटो सूत्रों ने चेतावनी दी है कि रूस नाटो सदस्य देशों के पूर्वी हिस्से पर एक साथ हमले कर सकता है, जिसमें फिनलैंड, एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया शामिल हो सकते हैं। रूस की 14वीं सेना कौर, जो समुद्र, ज़मीन और आकाश से हमलों को अंजाम दे सकती है, इस योजना का हिस्सा हो सकती है।

Putin: रूस की मंशा बाल्टिक देशों में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने की है। इसके लिए रूस उत्तरी फिनलैंड और नार्वे में एक बफर जोन बनाने की योजना पर भी काम कर रहा है। इस रणनीति का उद्देश्य इन देशों को रूस के प्रभाव क्षेत्र में लाना है, जिससे रूस की सैन्य शक्ति इन क्षेत्रों में और अधिक मजबूत हो सके।

फिनलैंड का रणनीतिक महत्व और रूस की योजनाएं

Putin: फिनलैंड का रणनीतिक महत्व बढ़ चुका है, खासकर रूस के संदर्भ में, जो अपनी सीमा को और विस्तारित करना चाहता है। रूस की योजना के अनुसार, वह फिनलैंड के उत्तरी क्षेत्र में स्थित इवालो हवाई अड्डे पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है। इसके अलावा, कोला प्रायद्वीप पर तैनात रूसी मिसाइल बल फिनलैंड को निशाना बना सकते हैं। यह एक गंभीर खतरा है क्योंकि फिनलैंड का दक्षिणी और दक्षिणपूर्वी तटरेखा रूस के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

नाटो की प्रतिक्रिया और तैयारियां

Putin: नाटो सूत्रों के अनुसार, रूस की यह संभावित सैन्य योजना न केवल फिनलैंड के लिए बल्कि पूरे बाल्टिक क्षेत्र के लिए खतरनाक हो सकती है। नाटो देशों के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन सकती है, क्योंकि रूस की सेना बाल्टिक देशों की राजधानियों – तालीन, रिगा और विलनियस – पर हमले की कोशिश कर सकती है। इसके परिणामस्वरूप न केवल इन देशों की संप्रभुता को खतरा हो सकता है, बल्कि यह यूरोप की सुरक्षा संरचना को भी हिला सकता है।

Putin: बाल्टिक देशों ने नाटो की मदद से अपनी रक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है, लेकिन रूस की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच इन देशों की रक्षा क्षमताओं को लगातार चुनौती दी जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस का लक्ष्य एक भूमि गलियारा स्थापित करना है, जो कि बेलारूस और रूस के बीच एक लिंक के रूप में कार्य कर सके। इसके लिए रूस कलिनिनग्राद और बेलारूस के बीच एक भूमि गलियारे की स्थापना की कोशिश में है, जिससे यह क्षेत्र पूरी तरह से रूस के प्रभाव में आ सके।

रूस की सैन्य ताकत और आने वाले खतरे

Putin: रूस की सैन्य शक्ति इन क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही है। रूस ने न केवल अपने मिसाइल बलों को मजबूत किया है, बल्कि उसने अपनी सेनाओं को विभिन्न स्थानों पर तैनात करना शुरू कर दिया है। इन कदमों के जरिए रूस अपनी सैन्य शक्ति का विस्तार करने और नाटो देशों को रणनीतिक रूप से चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। रूस के लिए यह क्षेत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां पर उसे अपनी सैन्य स्थिति को मजबूत करने और अपनी सामरिक जरूरतों को पूरा करने का अवसर मिलता है।

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