जयपुर में VVIP मूवमेंट के दौरान बिजली गुल, प्रशासन पर उठे सवाल

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जयपुर, राजस्थान – शनिवार रात जयपुर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के एक दिवसीय दौरे के दौरान एक अप्रत्याशित घटना ने प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया। रात करीब 10 बजे, जब जेपी नड्डा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ मोतीडूंगरी Ganesh Mandir में दर्शन के लिए पहुंचे, तभी मंदिर परिसर की बिजली अचानक गुल हो गई। इस VVIP मूवमेंट के दौरान हुई इस तकनीकी चूक से न केवल सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई, बल्कि दोनों नेताओं को करीब 12 मिनट तक अंधेरे में ही मंदिर परिसर में रहना पड़ा।

VVIP मूवमेंट घटना का विवरण

जेपी नड्डा के जयपुर आगमन का उद्देश्य राजनीतिक बैठकों और धार्मिक दर्शनों का एक संयोजन था। शनिवार की रात का उनका कार्यक्रम मोतीडूंगरी Ganesh Mandir के दर्शन के साथ समाप्त होना था। जैसे ही दोनों गणमान्य व्यक्ति मंदिर में प्रवेश करने वाले थे, लाइटें चली गईं। यह स्थिति किसी भी VVIP सुरक्षा प्रोटोकॉल के लिए एक गंभीर उल्लंघन मानी जाती है। अंधेरे के कारण मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं और सुरक्षाकर्मियों में कुछ समय के लिए भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। आनन-फानन में मंदिर प्रबंधन ने जनरेटर की सहायता से बिजली आपूर्ति बहाल की, लेकिन तब तक 12 मिनट का समय बीत चुका था। इस घटना ने प्रशासन की तैयारियों और आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं पर सवालिया निशान लगा दिया है।

VVIP सुरक्षा DISCOM में हड़कंप और जिम्मेदार इंजीनियरों पर कार्रवाई की संभावना

इस घटना के बाद JAIPUR DISCOM (जयपुर डिस्कॉम) में भारी हड़कंप मच गया है। प्रारंभिक सूत्रों के अनुसार, यह बिजली कटौती तिलक नगर स्थित 33/11 केवी सब-स्टेशन में आई तकनीकी खराबी के कारण हुई। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, पंचवटी सब-डिवीजन के अंतर्गत आता है, जिसकी जिम्मेदारी अधिशासी अभियंता (Executive Engineer) एनके अग्रवाल के पास है। इस गंभीर चूक के लिए जिम्मेदार इंजीनियरों पर कड़ी कार्रवाई की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

डिस्कॉम के आंतरिक सूत्रों का कहना है कि VVIP प्रोटोकॉल के तहत ऐसे महत्वपूर्ण समय पर बिजली आपूर्ति की निरंतरता सुनिश्चित करना अनिवार्य है। ऐसे में यह तकनीकी खराबी एक गंभीर लापरवाही मानी जा रही है। डिस्कॉम के अधिकारी अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या यह सिर्फ एक तकनीकी खराबी थी या इसमें किसी प्रकार की मानवीय चूक शामिल थी। इस घटना ने डिस्कॉम की विश्वसनीयता और आपातकालीन सेवाओं पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

VVIP मूवमेंट अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस मामले पर DISCOM जनसंपर्क अधिकारी (Public Relations Officer) राजेंद्र त्रिवेदी ने मीडिया को बताया कि सोमवार को सर्कल एसई (Circle Superintending Engineer) से रिपोर्ट मिलने के बाद ही पूरे मामले पर आधिकारिक जानकारी दी जा सकेगी। यह बयान दर्शाता है कि डिस्कॉम इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और आंतरिक जांच प्रक्रिया जारी है।

वहीं, दक्षिण सर्कल के अधीक्षण अभियंता अनिल टोडवाल ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा, “मैं इस मामले में कुछ भी बोलने के लिए अधिकृत नहीं हूं। अधिक जानकारी जनसंपर्क अधिकारी से ली जा सकती है।” अधिकारियों की यह चुप्पी इस बात का संकेत देती है कि मामला कितना संवेदनशील है और इसकी उच्च स्तरीय जांच की जा रही है। यह घटनाक्रम जयपुर के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। Power outage के इस मामले में राजनीतिक दबाव भी महसूस किया जा रहा है।

VVIP सुरक्षा और प्रोटोकॉल पर सवाल

VVIP सुरक्षा एक अत्यंत संवेदनशील विषय है, और ऐसे में बिजली गुल होना सुरक्षा में एक बड़ी सेंध मानी जाती है। अंधेरे में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की संभावना बढ़ जाती है। सुरक्षा एजेंसियों को इस घटना के बाद अपनी प्रोटोकॉल समीक्षा करनी होगी। यह घटना दर्शाती है कि आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए और अधिक मजबूत योजनाएं और बुनियादी ढांचा तैयार करने की आवश्यकता है।

मंदिर जैसे सार्वजनिक स्थानों पर, जहां बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होते हैं, बिजली आपूर्ति की निरंतरता अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस घटना ने न केवल VIP सुरक्षा को प्रभावित किया, बल्कि आम जनता के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए, अधिकारियों को सब-स्टेशनों और वितरण लाइनों के नियमित रखरखाव और उन्नयन पर ध्यान केंद्रित करना होगा। साथ ही, back-up power systems की प्रभावशीलता की भी जांच की जानी चाहिए।

भविष्य की कार्रवाई और उम्मीदें

जयपुर डिस्कॉम को इस घटना से सबक लेते हुए अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करना होगा। इसमें जनरेटर और अन्य बैकअप प्रणालियों का नियमित परीक्षण, तकनीकी कर्मचारियों का प्रशिक्षण और आपातकालीन संचार प्रोटोकॉल में सुधार शामिल है। इस घटना की पूरी जांच से न केवल दोषियों की पहचान होगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सुधार भी लागू किए जा सकेंगे।

यह उम्मीद की जाती है कि डिस्कॉम जल्द ही इस मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाएगा। यह घटना बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर एक महत्वपूर्ण प्रकाश डालती है और जनता की अपेक्षा है कि ऐसी चूक दोबारा न हो। जयपुर प्रशासन को भी इस मामले को गंभीरता से लेना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में किसी भी VVIP मूवमेंट के दौरान ऐसी कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।

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