Rahul Gandhi का लोकसभा में मोदी सरकार पर हमला: संविधान, बेरोजगारी और फर्जी वोटर्स पर उठाए सवाल
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi ने कई मुद्दों पर मोदी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने सबसे पहले मोहन भागवत के उस बयान का मुद्दा उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली, बल्कि जब अयोध्या में राम मंदिर बना तब देश को असली आज़ादी मिली।
Rahul Gandhi ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस देश की असली पहचान संविधान से है, और यही संविधान देश को चलाने का मार्गदर्शक है। उन्होंने यह भी कहा कि जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे, तो उन्होंने संविधान को अपने सिर पर रखा था, लेकिन आज उसी संविधान को नज़रअंदाज किया जा रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जब Rahul Gandhi को मोहन भागवत के बयान पर टिप्पणी करते हुए रोका, तो Rahul Gandhi ने जोर देकर कहा कि संविधान को ही इस देश का मार्गदर्शक मानना होगा और हम उसे कभी नहीं बदलने देंगे। उन्होंने RSS पर भी आरोप लगाए कि उसने कभी संविधान को स्वीकार नहीं किया और उसे तुच्छ समझा।
बेरोजगारी का मुद्दा और ‘मेक इन इंडिया’ की विफलता
Rahul Gandhi ने बेरोजगारी के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि देश में बेरोजगारी का समाधान नहीं हो सका। उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को इस मुद्दे पर जिम्मेदार ठहराया। Rahul Gandhi ने कहा कि हर सरकार ने बेरोजगारी के मुद्दे पर केवल वादे किए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारों ने बेरोजगारी को लेकर युवाओं को कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है।
इसके अलावा, Rahul Gandhi ने ‘मेक इन इंडिया’ के प्रधानमंत्री मोदी के विचार को भी विफल बताते हुए कहा कि यह योजना ठीक थी, लेकिन इसमें कोई सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ के अंतर्गत विनिर्माण दर घट रही है, जो इस योजना की विफलता को दर्शाता है। उन्होंने ‘मेड इन इंडिया’ की जगह ‘असेंबल्ड इन इंडिया’ शब्द का उपयोग करते हुए कहा कि मोबाइल फोन जैसे उत्पाद भारत में केवल असेंबल किए जा रहे हैं, लेकिन असली निर्माण की प्रक्रिया भारत में नहीं हो रही है।
फर्जी वोटर्स और चुनाव आयोग पर सवाल
Rahul Gandhi ने लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच की अवधि में अचानक मतदाताओं की संख्या में भारी वृद्धि पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 70 लाख नए वोटर अप्रत्याशित रूप से आए थे। Rahul Gandhi ने चुनाव आयोग से इस पर जानकारी देने की मांग की और कहा कि आयोग को इस फर्जी वोटर समस्या पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने इस संदर्भ में चुनाव आयोग से उचित जवाब की उम्मीद जताई, ताकि लोकतंत्र के इस पवित्र मामले में कोई धांधली न हो।
संविधान का सम्मान: कांग्रेस की गर्व की बात
Rahul Gandhi ने कहा कि उन्हें यह देखकर गर्व हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी को संविधान के सामने सिर झुकाना पड़ा, और यह कांग्रेस के लिए एक गर्व का क्षण था। उन्होंने बताया कि जब भाजपा नेता ‘400 पार’ और संविधान को बदलने की बात कर रहे थे, तब कांग्रेस ने एकजुट होकर संविधान की रक्षा की। Rahul Gandhi ने इस पर गर्व करते हुए कहा कि यह कांग्रेस की महानता है कि हम संविधान को बचाए रखने में सफल रहे।
RSS और संविधान का विवाद
Rahul Gandhi ने कहा कि आरएसएस ने कभी संविधान को स्वीकार नहीं किया और हमेशा इसके खिलाफ रहा है। उनका यह बयान भाजपा और आरएसएस की विचारधारा पर सीधा हमला था। Rahul Gandhi ने दावा किया कि कांग्रेस ने अपनी नीतियों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि कोई भी ताकत संविधान को चुनौती न दे सके, और इस कारण प्रधानमंत्री मोदी को संविधान के सामने सिर झुकाना पड़ा।
कांग्रेस और विपक्ष का संगठित प्रयास
Rahul Gandhi ने विपक्ष की एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में खड़ी रही है, और यही कारण है कि प्रधानमंत्री को संविधान के समक्ष समर्पण करना पड़ा। Rahul Gandhi का यह बयान यह साबित करता है कि कांग्रेस के लिए संविधान की रक्षा सर्वोपरि है, और वे किसी भी सूरत में इसे कमजोर नहीं होने देंगे।
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