Rehana Riyaz चिश्ती की डूंगरपुर में महिला आयोग की जनसुनवाई

By Editor
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Rehana Riyaz

राज्य महिला आयोग अध्यक्ष Rehana Riyaz चिश्ती की डूंगरपुर में जिला स्तरीय जनसुनवाई: महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण पहल

डूंगरपुर, राजस्थान – राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष Rehana Riyaz चिश्ती ने हाल ही में डूंगरपुर जिले में महिला आयोग की जिला स्तरीय जनसुनवाई आयोजित की। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों और समस्याओं के बारे में जागरूक करना था। घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, और अन्य घरेलू मुद्दों के संदर्भ में कई महिलाएं इस जनसुनवाई में पहुंची। इस दौरान राज्य महिला आयोग ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया और महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ उन्हें दिलवाने के लिए दिशा-निर्देश दिए।

महिला सशक्तिकरण के लिए सरकारी योजनाएं और दिशा-निर्देश

Rehana Riyaz चिश्ती ने महिला सशक्तिकरण को लेकर राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों का जिक्र किया। उनका कहना था कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई हैं। इन योजनाओं के तहत महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और आर्थिक स्वावलंबन के क्षेत्र में कदम उठा सकती हैं। Rehana Riyaz ने महिलाओं को इन योजनाओं का सही तरीके से लाभ उठाने के लिए निर्देश दिए और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि महिलाओं के लिए कई प्रकार की योजनाएं उपलब्ध हैं, जैसे कि स्वरोजगार योजनाएं, महिला हेल्पलाइन सेवाएं, और विभिन्न प्रकार के कानूनी और मानसिक स्वास्थ्य सहायता कार्यक्रम। उन्होंने यह भी कहा कि महिला सशक्तिकरण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को समाज में समान अधिकार प्रदान करना और उन्हें अपने फैसले खुद लेने की ताकत देना है।

घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना पर विशेष ध्यान

जनसुनवाई में महिलाओं ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया, जिसमें अधिकांश शिकायतें घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना से संबंधित थीं। इस पर Rehana Riyaz चिश्ती ने कहा कि महिलाओं को घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना के मामलों में अपनी आवाज उठानी चाहिए और उन्हें इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का पूरा अधिकार है। उन्होंने महिलाओं को यह भी बताया कि राज्य महिला आयोग इस तरह के मामलों में पूरी तरह से मदद करेगा और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।

Rehana Riyaz ने यह भी बताया कि सरकार ने घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान और आश्रय प्रदान करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनके जरिए महिलाएं अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं। उन्होंने कहा, “हम महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं, ताकि वे किसी भी प्रकार के शोषण या हिंसा का विरोध कर सकें।”

जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों का समर्थन

इस जनसुनवाई में डूंगरपुर जिले के जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन, सहायक निदेशक महिला अधिकारिता मोतीलाल मीणा, सीएमएचओ डॉक्टर अलंकर गुप्ता सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने महिला आयोग के प्रयासों का समर्थन किया और महिला सशक्तिकरण के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता है और इस दिशा में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन और अन्य सेवाएं उपलब्ध हैं, जो उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहती हैं।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम

Rehana Riyaz चिश्ती ने जनसुनवाई के दौरान घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई उपायों की घोषणा की। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे अपनी शिक्षा और कौशल को बढ़ाएं ताकि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकें। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं जिनके तहत महिलाएं स्वरोजगार शुरू कर सकती हैं और अपनी आय बढ़ा सकती हैं।

Rehana Riyaz: इस अवसर पर राज्य महिला आयोग ने महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और वर्कशॉप आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा, ताकि महिलाएं विभिन्न उद्योगों में काम करने के लिए तैयार हो सकें और अपने परिवारों का बेहतर तरीके से पालन-पोषण कर सकें।

अधिकारी और आयोग के सदस्य भी सक्रिय रहे

Rehana Riyaz: इस आयोजन के दौरान राज्य महिला आयोग के सदस्य भी सक्रिय रूप से मौजूद थे। उन्होंने जनसुनवाई के संचालन में मदद की और विभिन्न शिकायतों के समाधान के लिए आवश्यक कार्रवाई की। महिला आयोग के सदस्य ने महिलाओं के मामलों को गंभीरता से लिया और उनके समाधान के लिए आयोग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

इस जनसुनवाई ने यह स्पष्ट कर दिया कि महिला आयोग महिलाओं के मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए उनके लिए एक सुरक्षित और समर्थ वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जनसुनवाई में भाग लेने वाली महिलाओं को अपनी समस्याओं के समाधान की उम्मीद जगी, और साथ ही उन्हें यह विश्वास हुआ कि वे कभी अकेली नहीं हैं और उन्हें हमेशा न्याय मिलेगा।


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