राजस्थान में मिलावट रोकथाम और खाद्य सुरक्षा को लेकर एफएसएसएआई के सीईओ जी. कमला वर्धन ने प्रदेश के प्रयासों की सराहना की। जयपुर में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने बताया कि सेंपलिंग के साथ-साथ आमजन में जागरूकता बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
सख्त सेंपलिंग और केस निस्तारण
- अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 18,213 खाद्य सेंपल लिए गए
- इनमें से 863 अनसेफ, 3734 सब-स्टैंडर्ड, और 131 मिस ब्रांडेड पाए गए
- 17,615 सेंपल्स पर कार्रवाई पूरी, शेष 598 मामलों का जिलावार निस्तारण जारी है
AI आधारित एप की तैयारी खाद्य सुरक्षा आयुक्त एच. गुईटे ने बताया कि एक AI आधारित मोबाइल एप विकसित किया जा रहा है, जिससे आमजन को रियल टाइम जानकारी और शिकायत दर्ज करने की सुविधा मिलेगी।
दूध, घी, पनीर जैसे उत्पादों पर विशेष ध्यान सीईओ ने निर्देश दिए कि दैनिक उपभोग वाले उत्पादों के सेंपल नियमित रूप से लिए जाएं और संबंधित केसों का त्वरित निस्तारण हो।
रिक्त पदों की पूर्ति और प्रशिक्षण फूड सेफ्टी ऑफिसर्स के रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए गए। साथ ही मास्टर ट्रेनर्स और एफएसओ को दिशा-निर्देशों से अपडेट रहने को कहा गया।
90 दिन में केस निस्तारण का लक्ष्य रेगुलेटरी डिविजन के निदेशक राकेश कुमार ने बताया कि अधिनियम के तहत सेंपलिंग के बाद अधिकतम 90 दिनों में केस का निर्णय आवश्यक है।
मॉनसून में अतिरिक्त सतर्कता बारिश के मौसम को देखते हुए सभी एफएसओ को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए।