Syria: 24 साल से शासन कर रहे बशर अल-असद, विरासत से सत्ता तक और 12 साल की बगावत – जानिए उनकी कहानी

By Editor
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Syria: बशर अल-असद की सत्ता पर खतरा, 24 साल से शासन और 12 साल से बगावत – जानिए कौन हैं बशर अल-असद?

Syria के राष्ट्रपति बशर अल-असद का जीवन और करियर कई जटिलताओं और विवादों से भरा हुआ है। बशर अल-असद का जन्म 11 सितंबर 1965 को दमिश्क में हुआ था। वे सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति हाफिज अल-असद के छोटे बेटे हैं, जो 1970 से 2000 तक सीरिया के राष्ट्रपति रहे। बशर का प्रारंभिक जीवन एक डॉक्टर के रूप में था, और उन्होंने दमिश्क विश्वविद्यालय से चिकित्सा में डिग्री प्राप्त की थी। हालांकि, बशर का राजनीतिक जीवन एक संयोग था, क्योंकि वे पहले सेना में शामिल नहीं थे, लेकिन उनके बड़े भाई बासिल की मृत्यु 1994 में एक कार दुर्घटना में हो गई, जिसके बाद बशर को राजनीति में प्रवेश करना पड़ा।

2000 में हाफिज अल-असद की मृत्यु के बाद, बशर को अपने पिता की विरासत को संभालने के लिए राष्ट्रपति पद पर बैठाया गया। बशर का सत्ता में आने का रास्ता उनके पिता की सख्त और निरंकुश शासन प्रणाली के तहत था, लेकिन बशर ने शुरुआत में यह संदेश दिया कि वे अधिक उदारवादी और सुधारक होंगे। हालांकि, यह उम्मीदें जल्द ही धूमिल हो गईं, और बशर ने अपने शासन में कठोर नियंत्रण बनाए रखा।

बशर अल-असद का शासन और विवाद
बशर अल-असद ने शुरुआत में कुछ राजनीतिक और आर्थिक सुधारों का वादा किया था, लेकिन समय के साथ उनका शासन और भी निरंकुश और विवादास्पद होता गया। 2001 के बाद, उनके शासन ने मानवाधिकारों के उल्लंघन, विरोधियों की गिरफ्तारी और सरकार के खिलाफ बोलने वाले पत्रकारों की सजा देने की प्रवृत्ति अपनाई।

कई बार असद के शासन के खिलाफ विपक्ष ने आवाज उठाई, लेकिन असद ने अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए दमनात्मक कदम उठाए। बशर के शासन में सीरिया की राजनीति में एक तरह की सामरिक और राजनीतिक स्थिरता आई, लेकिन यह स्थिरता पूरी तरह से जनता के अधिकारों की कीमत पर आई।

Syria में 2011 की बगावत और गृहयुद्ध
2011 में Syria में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ आया, जब राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। यह विरोध आंदोलन अरब जगत में “अरब स्प्रिंग” के हिस्से के रूप में शुरू हुआ था। विरोधी दलों ने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और स्वतंत्रता की कमी के खिलाफ आवाज उठाई।

शुरुआत में असद सरकार ने इसे मामूली विरोध प्रदर्शन समझा, लेकिन जैसे-जैसे विरोध बढ़ा, सरकार ने दमनकारी कार्रवाई की, जिससे बगावत और हिंसा का सिलसिला शुरू हो गया। असद सरकार ने विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सैन्य बलों का इस्तेमाल किया, जिससे संघर्ष और भी बढ़ गया। इसके परिणामस्वरूप सीरिया में एक गृहयुद्ध शुरू हो गया, जो 2011 से अब तक जारी है।

विदेशी हस्तक्षेप और Syria का विभाजन
Syria में गृहयुद्ध के बाद, कई विदेशी शक्तियां सीरिया के आंतरिक संघर्ष में घुसीं। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने विद्रोहियों को समर्थन दिया, जबकि रूस और ईरान ने बशर अल-असद के शासन का समर्थन किया। रूस ने सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप किया और बशर अल-असद को सत्ता में बनाए रखने के लिए कई सैन्य अभियानों में भाग लिया। इसके साथ ही, सीरिया में आतंकवादी संगठन जैसे ISIS ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और बड़ी संख्या में नागरिकों की हत्या की।

इसके परिणामस्वरूप सीरिया का एक बड़ा हिस्सा बिखर गया। विद्रोही समूहों ने सीरिया के कई अहम क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया, जिसमें अलेप्पो शहर भी शामिल था। हालांकि, असद शासन को रूस का समर्थन प्राप्त था, और इसके कारण वह अपनी सत्ता को बचाए रखने में सफल रहा। रूस के सैन्य समर्थन ने असद के खिलाफ विद्रोहियों की ताकत को काफी हद तक कमजोर किया और कई अहम क्षेत्रों को असद के नियंत्रण में वापस लाया।

बशर अल-असद का शासन: आलोचना और समर्थन
बशर अल-असद के शासन को लेकर Syria में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं रही हैं। उनके आलोचक उन्हें एक निरंकुश शासक मानते हैं, जिन्होंने अपने नागरिकों पर अत्याचार किया और विपक्षी आवाजों को दबाने के लिए हिंसा का सहारा लिया। दूसरी ओर, उनके समर्थक उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में देखते हैं, जिन्होंने सीरिया की अखंडता को बनाए रखा और बाहरी हस्तक्षेप को नकारा।

असद के समर्थकों का यह भी कहना है कि बशर ने Syria में आतंकवादियों को हराया और देश को पश्चिमी देशों की बढ़ती घेराबंदी से बचाया। रूस और ईरान ने उन्हें मजबूत समर्थन दिया, जबकि पश्चिमी देश और अरब राज्य उनके शासन के खिलाफ खड़े रहे। उनके शासन में, बशर अल-असद ने सीरिया को एक शक्ति के रूप में बनाए रखा, लेकिन इसकी कीमत हजारों लोगों की जान, विनाश और नागरिक संघर्षों के रूप में चुकानी पड़ी।

असद के सामने चुनौतियां और भविष्य
आज, बशर अल-असद के शासन को फिर से गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। विद्रोही समूहों ने फिर से कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है, और Syria के विभिन्न हिस्सों में संघर्ष जारी है। रूस और अमेरिका की लगातार बढ़ती घेराबंदी के बीच, असद को यह सुनिश्चित करना है कि वह अपनी सत्ता को बनाए रख सकें। इसके साथ ही, असद को अंदरूनी और बाहरी दोनों ही मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

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