यूक्रेन युद्ध में Trump की वापसी से पहले पश्चिमी सहयोगियों का नई सैन्य सहायता पर जोर
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने Trump के व्हाइट हाउस में वापस आने के बाद एक “नए अध्याय” की शुरुआत होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने पश्चिमी देशों से रूस पर शांति लाने के लिए और अधिक सैन्य सहायता की मांग की है, ताकि युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस पर दबाव डाला जा सके। यह बयान एक ऐसे समय में आया है, जब यूक्रेन युद्ध के तीन साल पूरे होने जा रहे हैं और जेलेंस्की इस संघर्ष में पश्चिमी सहयोगियों से अधिक समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं।
Trump की वापसी: एक नया अध्याय
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों के नेताओं से अपनी बैठक के दौरान कहा कि 11 दिनों में जब Trump के सत्ता में लौटने का समय आएगा, तो यह यूरोप और पूरी दुनिया के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। उनका कहना था, “अब से हमें एक दूसरे पर और अधिक भरोसा करने की आवश्यकता होगी, और मिलकर बड़े नतीजे हासिल करने होंगे।” उन्होंने इसे एक अवसर के रूप में देखा और इस बात पर जोर दिया कि इस समय पर अधिक सैन्य सहयोग से रूस पर शांति के लिए दबाव डाला जा सकता है।
यूक्रेन की बढ़ती सैन्य आवश्यकता और पश्चिमी देशों से लगातार सैन्य मदद की मांग के बावजूद, जेलेंस्की ने यह भी कहा कि सहयोगियों की तैनाती एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। उनका उद्देश्य है रूस पर शांति के लिए प्रभावी दबाव बनाना, ताकि युद्ध का अंत हो सके और यूरोप में स्थिरता बनी रहे।
पश्चिमी सहयोगियों से सैन्य मदद की अपील
Trump : जेलेंस्की ने यह बार-बार कहा है कि यूक्रेन को अधिक सैन्य सहायता की आवश्यकता है, विशेष रूप से युद्ध की मौजूदा स्थिति में। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि युद्ध के बढ़ते प्रभाव के बीच, पश्चिमी सहयोगियों से यूक्रेन को और अधिक सैनिक भेजने की आवश्यकता है। जेलेंस्की का मानना है कि जितने ज्यादा संभव उपाय यूक्रेन के पास होंगे, उतनी ही बेहतर स्थिति होगी रूस पर दबाव बनाने के लिए। उनका मानना है कि पश्चिमी देशों की अधिक सैन्य सहायता से ही युद्ध को समाप्त करने में मदद मिल सकती है और यूक्रेन को एक मजबूत स्थिति में रखा जा सकता है।
अमेरिका, जो कि यूक्रेन का प्रमुख सहयोगी रहा है, ने अब तक 65 अरब डॉलर से अधिक की सैन्य सहायता यूक्रेन को दी है। इस सहायता में विभिन्न प्रकार के हथियार, तकनीकी मदद और सैन्य साजो-सामान शामिल हैं, जो यूक्रेन को रूस के आक्रमण के खिलाफ अपनी रक्षा में मदद कर रहे हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भी यूक्रेन के लिए नए सैन्य पैकेज की घोषणा की है, जो कि 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का है। यह सहायता यूक्रेन की सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए दी जा रही है।
रामश्टाइन बैठक: पश्चिमी देशों का सहयोग और समर्थन
Trump : हाल ही में, रामश्टाइन में पश्चिमी देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई थी, जहां यूक्रेन को और अधिक सैन्य सहायता देने की चर्चा हुई। इस बैठक की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा, “रूसी आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन का संघर्ष केवल यूक्रेन के लिए नहीं, बल्कि हम सभी के लिए मायने रखता है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम मुक्त और संप्रभु देशों के अधिकारों का बचाव करें, ताकि निरंकुश शासक अपने साम्राज्यवादी मंसूबों को न थोप सकें।
Trump : ऑस्टिन का यह बयान यूक्रेन के लिए पश्चिमी देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और साथ ही यह भी बताता है कि रूस के खिलाफ इस संघर्ष में दुनिया के लोकतांत्रिक देशों का एकजुट होना कितना जरूरी है। यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता, एक तरह से रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौती देने का प्रयास है, और इससे पश्चिमी देशों के बीच एकता को भी प्रगाढ़ करने का संदेश मिलता है।
यूक्रेन के संघर्ष में पश्चिमी समर्थन का महत्व
Trump : यूक्रेन को मिलने वाला सैन्य समर्थन न केवल उसकी रक्षा क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि यह रूस के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरोध सुनिश्चित करता है। पश्चिमी देशों की यह सहायता यूक्रेन को यह संदेश देती है कि वे अकेले नहीं हैं, बल्कि दुनिया भर के लोकतांत्रिक देश उनके साथ खड़े हैं। रूस का आक्रमण केवल एक देश की संप्रभुता पर हमला नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र और स्वतंत्रता पर भी हमला है, जिसे दुनिया भर के देशों ने संयुक्त रूप से चुनौती दी है।
Trump : यूक्रेन के लिए दी जा रही सैन्य सहायता केवल युद्ध के उपकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्रशिक्षण, खुफिया जानकारी और अन्य रणनीतिक सहायता भी शामिल है। पश्चिमी देशों का यह प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए है कि रूस को अपनी विस्तारवादी नीति में सफलता न मिले और दुनिया में लोकतांत्रिक देशों का प्रभुत्व बनाए रखा जाए।
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