Ukraine की सेना द्वारा गोरलोव्का पर हमले: दोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक की स्थिति
Ukraine की सेना ने 31 दिसंबर, 2024 की रात को स्वघोषित दोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर) के गोरलोव्का (जिसे होर्लिव्का भी कहा जाता है) शहर पर हमले किए। ये हमले Ukraine सशस्त्र बलों की ओर से किए गए थे, जिनमें कई रॉकेट हमले और अन्य सैन्य कार्रवाई शामिल थीं। गोरलोव्का, दोनेत्स्क से लगभग 50 किलोमीटर उत्तर में स्थित है, और यह क्षेत्र लंबे समय से संघर्ष के केंद्रों में से एक रहा है। इन हमलों के दौरान स्थानीय नागरिकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा, और बुनियादी ढांचे को भी व्यापक रूप से क्षति पहुंची।
गोरलोव्का पर हमले का विवरण
Ukraine: गोरलोव्का पर हमलों का विवरण देते हुए, दोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर) के प्रतिनिधि कार्यालय ने युद्ध अपराधों पर नियंत्रण और समन्वय (जेसीसीसी) के संयुक्त केंद्र के माध्यम से बताया कि स्थानीय समयानुसार, बुधवार रात करीब 10:00 बजे यूक्रेनी सशस्त्र समूहों ने गोरलोव्का पर कई हमले किए। ये हमले रॉकेट प्रणाली और भारी हथियारों के माध्यम से किए गए थे, जिससे शहर में कई विस्फोट हुए और आग लगने की घटनाएं सामने आईं।
हमलों के कारण नागरिकों में घबराहट फैल गई, और कई घरों, इमारतों और बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ। स्थानीय अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि कई नागरिक घायल हुए हैं और कुछ की मौत भी हो सकती है, हालांकि आधिकारिक आंकड़े अभी तक नहीं आए हैं।
गोरलोव्का और दोनेत्स्क क्षेत्र का महत्व
Ukraine: गोरलोव्का, दोनेत्स्क क्षेत्र के उत्तर में स्थित एक महत्वपूर्ण शहर है, जो 2014 से यूक्रेनी संघर्ष के कारण विवादों में रहा है। यह शहर वह स्थान है जहां युद्ध के दौरान नियमित रूप से संघर्ष और बमबारी की घटनाएं सामने आती हैं। यहां की जनसंख्या, जो कभी बड़ी थी, अब संघर्ष के कारण काफी कम हो चुकी है। गोरलोव्का और इसके आसपास का क्षेत्र रूस समर्थित अलगाववादी ताकतों और यूक्रेनी सेना के बीच एक प्रमुख युद्ध क्षेत्र रहा है।
दोनेत्स्क और लुगांस्क क्षेत्र, जिन्हें संयुक्त रूप से डोनबास क्षेत्र कहा जाता है, 2014 में यूक्रेन के युद्ध के शुरू होने के बाद से रूस समर्थित अलगाववादियों द्वारा नियंत्रित हैं। इस संघर्ष में दोनों पक्षों के हजारों सैनिक और नागरिक मारे गए हैं, और क्षेत्र में जीवन अत्यधिक कठिन हो गया है। गोरलोव्का इन दोनों क्षेत्रों के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहरों में से एक है, क्योंकि यहां से यूक्रेनी सेना को अलगाववादियों के खिलाफ मोर्चा बनाने में सहायता मिलती है।
यूक्रेनी सेना के हमलों का उद्देश्य
Ukraine: यूक्रेनी सेना के हमले, गोरलोव्का और अन्य क्षेत्रों में, यूक्रेनी सैन्य अभियानों का हिस्सा हैं, जिनका उद्देश्य रूस समर्थित बलों को कमजोर करना और उनके नियंत्रण वाले क्षेत्रों से उन्हें बाहर करना है। इन हमलों का मुख्य उद्देश्य, जैसा कि यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है, अलगाववादी ताकतों की आपूर्ति लाइनों को निशाना बनाना और उनकी सैन्य क्षमता को क्षति पहुंचाना है। हालांकि, ऐसे हमलों में अक्सर नागरिकों का नुकसान होता है, और यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आलोचनाओं का कारण बनता है।
Ukraine सेना द्वारा गोरलोव्का पर किए गए हमलों का उद्देश्य, इस क्षेत्र में रूस समर्थित बलों के प्रभाव को सीमित करना और अपनी स्थिति को मजबूत करना हो सकता है। यह हमला Ukraine द्वारा अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को पुनः स्थापित करने के प्रयासों का हिस्सा है, जो 2014 से चल रहे संघर्ष के बाद से जारी है।
डीपीआर और रूस का दृष्टिकोण
Ukraine: दोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर) ने गोरलोव्का पर हमले को “यूक्रेनी युद्ध अपराध” के रूप में वर्णित किया है। डीपीआर के अधिकारियों ने इसे क्षेत्रीय सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा पर हमला बताया है। इसके अलावा, रूस ने भी इस हमले की आलोचना की है, और इसे यूक्रेनी सेना द्वारा किए गए अत्याचारों के रूप में चित्रित किया है। रूस, जो डीपीआर और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक (एलपीआर) के स्वतंत्रता का समर्थन करता है, ने इस प्रकार की घटनाओं को यूक्रेनी आक्रामकता के उदाहरण के रूप में देखा है। रूस के राज्य मीडिया और अधिकारियों ने इस हमले को लेकर कई बयान दिए हैं, जिनमें इसे “निष्कपट और अत्यधिक आक्रामक” बताया गया है।
रूस के दृष्टिकोण में, यह हमलावर कार्य न केवल सैनिकों के खिलाफ हैं, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी नुकसान पहुंचाते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है। इससे रूस और अन्य देशों के बीच बढ़ते तनाव की संभावना और बढ़ जाती है, खासकर जब यह युद्ध अपराधों के आरोपों को और अधिक जटिल बनाता है।
संघर्ष की वर्तमान स्थिति और भविष्य
Ukraine: गोरलोव्का पर हमले के बाद, दोनों पक्षों के बीच संघर्ष की स्थिति में और तनाव उत्पन्न हो सकता है। इन हमलों ने यह दर्शा दिया कि संघर्ष अभी भी जारी है, और कोई भी पक्ष पूरी तरह से शांतिपूर्वक समाधान की ओर नहीं बढ़ रहा है। इस युद्ध के मानवाधिकारों पर प्रभाव गंभीर है, और इसमें नागरिकों की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संघर्ष के बारे में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, ताकि नागरिकों को नुकसान से बचाया जा सके और संघर्ष का समाधान निकाला जा सके। वहीं, यूक्रेन और रूस दोनों के लिए युद्ध विराम और शांति की ओर बढ़ने की आवश्यकता है, ताकि इस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
संक्षेप में, गोरलोव्का पर हुआ हमला Ukraine संघर्ष के जटिल और निरंतर चल रहे संघर्ष का एक और अध्याय है, जिसमें दोनों पक्षों की सेना और नागरिक जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
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