Uttarakhand के चमोली में ग्लेशियर हादसा: 50 से ज्यादा मजदूर दबे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Uttarakhand के चमोली जिले में एक भयंकर हिमस्खलन ने 50 से अधिक मजदूरों की जान जोखिम में डाल दी है। यह हादसा माणा गांव के पास हुआ, जहां सीमा सड़क संगठन (BRO) के तहत सड़क निर्माण में लगे मजदूर बर्फ के पहाड़ के नीचे दब गए। हादसे में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए बचाव दल की कोशिशें लगातार जारी हैं।
माना गांव में हुए इस भयंकर हिमस्खलन में 57 मजदूर दबे
Uttarakhand: माणा गांव के पास सीमा सड़क संगठन (BRO) के कैंप में यह भयानक हिमस्खलन हुआ, जिसके चलते सड़क निर्माण के दौरान कार्य कर रहे 57 मजदूर हिमस्खलन के शिकार हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और बचाव दल मौके पर पहुंचे और 10 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला। इन मजदूरों में से कुछ की हालत गंभीर थी, जिन्हें माणा के पास सेना के कैंप में भर्ती कराया गया।
भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावटें
Uttarakhand: बीआरओ के अधिशासी अभियंता सीआर मीना ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा कि मौके पर कुल 57 मजदूर फंसे हुए थे, जबकि रेस्क्यू टीम ने 10 मजदूरों को बचा लिया है। इस हादसे के बाद भारी बर्फबारी के कारण बचाव कार्य में रुकावटें आई हैं। टीम को घटनास्थल पर पहुंचने में कठिनाई हो रही है। तीन से चार एंबुलेंस भी मौके पर भेजी गई हैं, लेकिन बर्फबारी और पहाड़ी रास्तों की समस्याएं राहत कार्यों को प्रभावित कर रही हैं।
सीएम धामी ने राहत कार्यों पर जताई चिंता
Uttarakhand के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली हादसे को लेकर गहरी चिंता जताई और सोशल मीडिया पर राहत कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “चमोली जिले में माणा गांव के पास बीआरओ के द्वारा संचालित सड़क निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन के कारण कई मजदूर दब गए हैं। राहत और बचाव कार्य जारी हैं और मैं भगवान बदरी विशाल से प्रार्थना करता हूं कि सभी श्रमिक सुरक्षित हों।”
Read More: Devendra Fadnavis को मिली धमकी, पाकिस्तानी नंबर से भेजा गया मैसेज!
सरकार और प्रशासन की ओर से एहतियात बरती जा रही है
Uttarakhand: स्थानीय प्रशासन ने इलाके में रहने वाले निवासियों को भी अलर्ट किया है, ताकि किसी अन्य आपदा से बचा जा सके। पिछले 48 घंटों से इलाके में हो रही भारी बर्फबारी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। ग्लेशियर के गिरने के कारण निर्माण स्थलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है।
राहत और बचाव कार्य में ITBP और BRO की भूमिका
Uttarakhand: इस मुश्किल परिस्थिति में ITBP और BRO के कर्मचारियों ने राहत और बचाव कार्य में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। दोनों संगठन बर्फ में दबे हुए मजदूरों को निकालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, जबकि बर्फबारी और खराब मौसम राहत कार्यों में बाधा डाल रहा है।
सड़क निर्माण कार्य में लगे मजदूरों का संघर्ष
Uttarakhand: मिली जानकारी के अनुसार, यह सभी मजदूर एक निजी ठेकेदार के साथ सड़क निर्माण के कार्य में लगे हुए थे। वे इलाके में सड़क निर्माण कर रहे थे, जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बर्फबारी हो रही थी। ग्लेशियर के गिरने से सड़कों पर भारी मलबा और बर्फ जमा हो गई, जिससे निर्माण स्थल को काफी नुकसान पहुंचा है।
संभावित खतरों से सरकार और प्रशासन की संवेदनशीलता
Uttarakhand: स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता दी है। इसके अलावा, इलाके में भारी बर्फबारी के कारण सुरक्षा के लिहाज से पूरे क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है। इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सजग और सक्रिय है।
Read More: Bihar विधानसभा में बड़ा हंगामा, लेफ्ट विधायक ने क्यों लगाई हथकड़ी?