Bihar विधानसभा में अमेरिकी वापसी पर हंगामा: लेफ्ट विधायकों ने हथकड़ी में किया प्रदर्शन
Bihar विधानसभा में आज अमेरिका और केंद्र सरकार के खिलाफ एक बड़ी राजनीतिक हलचल मच गई, जब लेफ्ट के विधायकों ने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारतीयों के साथ किए गए अपमानजनक बर्ताव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विधायकों ने हथकड़ी में बंधे हुए विधानसभा का रुख किया और अपनी नाराजगी जताई।
उन्होंने यह आरोप लगाया कि भारत सरकार ने अमेरिकी प्रशासन के सामने घुटने टेक दिए हैं और इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। उनका कहना था कि सरकार को यह बताना चाहिए कि भारतीयों के साथ बुरा सलूक क्यों सहन किया गया।
हथकड़ी से भारतीयों की वापसी: क्या है पूरा मामला?
Bihar: यह मामला तब सामने आया जब अमेरिका ने अपने सैन्य विमान के जरिए अवैध अप्रवासियों को भारत भेजा। खबरों के मुताबिक, इन भारतीय निर्वासितों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीरें बंधी हुई थीं। अमेरिका द्वारा इस तरह से भारतीय नागरिकों के साथ बर्ताव ने देश में भारी विरोध पैदा किया।
विपक्षी दलों ने इसे देश की इज्जत और स्वाभिमान के खिलाफ बताया और इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। खासकर, लेफ्ट विधायकों ने इस मुद्दे को लेकर विधानसभा में प्रदर्शन किया और कहा कि मोदी सरकार को इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। उनका आरोप था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने देश की अस्मिता को नष्ट किया और उन्हें घुटने टेकने के लिए मजबूर किया।
लेफ्ट विधायकों का प्रदर्शन: ‘हमारे लोगों को हथकड़ी में भेजा गया’
Bihar: लेफ्ट के विधायकों ने विधानसभा में हाथों में हथकड़ी लगाकर और जंजीर बांधकर प्रदर्शन किया। उनके हाथों में एक बैनर भी था, जिस पर लिखा था, “भारत के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ करना बंद करो” और “अमेरिका द्वारा प्रवासी भारतीयों के साथ घोर अपमानजनक व्यवहार पर मोदी सरकार चुप क्यों है?”
इस प्रदर्शन में शामिल विधायकों ने कहा कि यदि मोदी सरकार इस मुद्दे पर उचित कदम नहीं उठाती तो वे इसका विरोध जारी रखेंगे। उनका आरोप था कि मोदी सरकार ने इस मामले को हल्के में लिया और देश के सम्मान की रक्षा नहीं की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान: ‘यह अमेरिकी एसओपी का हिस्सा था’
Bihar: जब यह मामला संसद में उठा, तो विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अमेरिका का यह व्यवहार उसकी एसओपी (Standard Operating Procedure) का हिस्सा था और भारतीय नागरिकों के साथ ऐसा बर्ताव अमेरिकी प्रशासन की प्रक्रिया का पालन था।
उन्होंने विपक्ष को यह आश्वासन भी दिया कि भारत सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत कर रही है ताकि भविष्य में ऐसे अपमानजनक व्यवहार को रोका जा सके। विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर लगातार दबाव बना रही है ताकि अमेरिकी अधिकारियों के साथ भारतीय नागरिकों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए।
राजनीतिक दबाव: विपक्षी दलों का लगातार हमला
Bihar: देशभर में इस मामले पर आक्रोश फैलने के बाद विपक्षी दलों ने संसद में हंगामा किया और इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार से जवाब मांगा कि भारतीयों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार क्यों सहन किया गया और क्या सरकार इस पर उचित कार्रवाई करेगी।
विपक्षी दलों का कहना था कि इस घटना ने भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचाया है और इसे लेकर सरकार की चुप्पी समझ से परे है। विपक्ष ने कहा कि यह सरकार की नीतियों और विदेश नीति की नाकामी को उजागर करता है, जहां देश के नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
संभावित सुरक्षा उल्लंघन और भविष्य में सुरक्षा उपाय
Bihar: इस घटना ने यह सवाल उठाया कि जब भारतीय नागरिकों को अपमानजनक परिस्थितियों में वापस भेजा जा रहा था, तो क्या सरकार ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की थी? क्या उन्हें सही तरीके से और बिना किसी हिंसा के स्वदेश लाया गया था?
विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने इस मामले में अमेरिकी प्रशासन को ज्यादा अहमियत दी और भारतीय नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन होने दिया। इससे यह साबित होता है कि सरकार ने अपनी विदेश नीति में सही दिशा में कदम नहीं उठाए।
मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल: क्या भारत ने अपनी स्वायत्तता खो दी?
Bihar: इस घटना ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल उठाए हैं। विपक्ष का कहना है कि अमेरिका के सामने इस प्रकार की चुप्पी देश की स्वायत्तता और गरिमा को नष्ट करती है। कई राजनीतिक नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारतीयों के अधिकारों को नजरअंदाज किया।
Bihar: उनकी नीति को लेकर यह सवाल उठ रहा है कि क्या भारत ने अपनी स्वायत्तता और सम्मान को खतरे में डालकर सिर्फ विदेश नीति में अमेरिका के साथ अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की?
Read More: Devendra Fadnavis को मिली धमकी, पाकिस्तानी नंबर से भेजा गया मैसेज!