Rahul Gandhi ने ‘मेक इन इंडिया’ पर उठाए सवाल, भाजपा ने किया पलटवार
कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल पर सवाल उठाए, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने उनका तीखा विरोध किया। Rahul Gandhi ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया’ की विफलता का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री ने इस पहल का उल्लेख तक नहीं किया, इस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस का 10 साल का शासन विफल रहा और मोदी सरकार ने भारत को एक नई दिशा दी है।
Rahul Gandhi का बयान
Rahul Gandhi ने एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में अपने भाषण में ‘मेक इन इंडिया’ का उल्लेख नहीं किया और इस पहल को असफल माना। उन्होंने कहा कि भारत को एक ऐसे विजन की आवश्यकता है, जो विनिर्माण क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करे और वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धी बन सके। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भारत को इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी, आप्टिक्स, और ए.आई. जैसी उभरती हुई तकनीकों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि पिछले सरकारों ने नौकरियों को लेकर जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने में वे असफल रहे हैं।
भा.ज.पा. का पलटवार
भा.ज.पा. ने Rahul Gandhi के आरोपों का तीखा जवाब दिया। पार्टी के आइटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने Rahul Gandhi के बयान का खंडन करते हुए सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने आंकड़ों के जरिए यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि मोदी सरकार के तहत विनिर्माण क्षेत्र में प्रगति हुई है और देश ने उत्पादन के मामले में महत्वपूर्ण विकास किया है। उनका कहना था कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं और भारत उत्पादन का वैश्विक केंद्र बन रहा है।
कांग्रेस सरकार की विफलता पर भा.ज.पा. का निशाना
अमित मालवीय ने Rahul Gandhi की टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा कि यह अच्छा है कि कांग्रेस नेता ने अंततः यह स्वीकार किया कि उनकी पार्टी के शासनकाल में नौकरियों का सृजन नहीं हुआ। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार के दौरान इंटेल जैसे बड़े निवेशक भारत में चिप प्लांट लगाने का इरादा रखते थे |
लेकिन सरकारी नीतियों के कारण वह निवेश चीन और वियतनाम चला गया। इस कारण भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण में दशकों तक पीछे रहना पड़ा। मालवीय ने यह भी कहा कि 2014 से 2024 तक मोदी सरकार के तहत 17.9 करोड़ नई नौकरियों का सृजन हुआ, जबकि 2004 से 2014 तक केवल 2.9 करोड़ नौकरियां सृजित हुईं।
मोदी सरकार के सुधारों पर जोर
भा.ज.पा. ने यह भी बताया कि मोदी सरकार ने कई साहसिक कदम उठाए हैं, जिनमें से एक प्रमुख कदम उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजना है। इस योजना के तहत 14 प्रमुख क्षेत्रों और अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। मालवीय ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस की सरकार के दृष्टिकोण में समस्याओं पर आंसू बहाने का ही काम किया गया, जबकि मोदी सरकार उन समस्याओं का समाधान करने के लिए काम कर रही है।
Rahul Gandhi के बयान का राजनीतिक असर
Rahul Gandhi का यह बयान भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, क्योंकि यह सवाल देश के सबसे बड़े विकास कार्यक्रमों में से एक पर उठाए गए हैं। भाजपा इसे कांग्रेस की राजनीति का हिस्सा मानते हुए उनकी आलोचना कर रही है, जबकि Rahul Gandhi के समर्थक इसे सरकार की विफलताओं को उजागर करने का एक तरीका मानते हैं। उनका यह बयान भारतीय राजनीति के एक गंभीर मुद्दे को उठाता है और यह इस बात का संकेत भी हो सकता है कि वे भविष्य में इस विषय पर और गहन बहस की शुरुआत कर सकते हैं।
कांग्रेस का विनिर्माण दृष्टिकोण और भविष्य की योजना
कांग्रेस ने पहले भी यह दावा किया है कि मोदी सरकार के उद्योग और रोजगार बढ़ाने के प्रयास अभी तक अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाए हैं। Rahul Gandhi का यह कहना कि सरकार को एक नई और प्रभावी नीति अपनाने की आवश्यकता है, दर्शाता है कि कांग्रेस भविष्य में उद्योग और रोजगार पर अपने दृष्टिकोण को फिर से पेश कर सकती है। वहीं, भाजपा इस बात पर जोर दे रही है कि मोदी सरकार के तहत अब विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रही है, और भारत उत्पादन के वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा है।