घर जमाई बनाने से किया इनकार तो बेरहमी से कर दी ससुर की हत्या

By admin
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साहिबगंज पुलिस ने मंगल बास्की की हत्या का खुलासा किया है. एसडीपीओ किशोर तिर्की ने प्रेस वार्ता कर बताया कि घर जमाई बनाने से इनकार करने पर उसने बेरहमी से अपने ससुर की हत्या कर दी.
साहिबगंज-झारखंड के साहिबगंज जिले के मिर्जाचौकी थाना क्षेत्र अंतर्गत गडरा से बरसाहा जानेवाली सड़क के किनारे मिले शव का पुलिस ने उद्भेदन कर लिया है. शव की शिनाख्त गोड्डा जिले के ललमटिया थानांतर्गत भोड़ाय के रहनेवाले मंगल बास्की (पिता चुन्नू बास्की) के रूप में हुई है. मामला हत्या का है. इस संबंध में एसडीपीओ किशोर तिर्की ने प्रेस वार्ता कर बताया कि हत्यारोपी अनिल टुडू को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं हत्याकांड में सहयोगी नाबालिग दोस्त को निरुद्ध किया गया है. घटना में प्रयुक्त बाइक (जेएच 18 एच 3420), अनिल टुडू की उजले रंग की शर्ट (खून का धब्बा लगा) व घटनास्थल से पत्थर, बांस की लकड़ी ( जिसमें खून का धब्बा लगा था) आदि पुलिस ने बरामद कर लिया है.

बेटी से पूछताछ के बाद हुआ खुलासा

एसडीपीओ ने बताया कि एसआइटी के सदस्यों ने सबसे पहले उसकी बेटी से पूछताछ की. राज खुलने के बाद मृतक के दामाद अनिल टुडू को गिरफ्तार किया गया. उसकी निशानदेही पर नाबालिग दोस्त को भी निरुद्ध किया गया.

बांस व पत्थर से वार कर मौत की नींद सुला दी

पूछताछ में आरोपी अनिल टुडू ने स्वीकार कर दिया कि उसने ससुर को सिर्फ इसलिए जान से मार दिया कि मंगल बास्की ने उसे घर जमाई बनाने से इनकार कर दिया था. पैसे मांगने पर भी अनिल को पैसे नहीं दे रहा था. इसी बात को लेकर अनिल गुस्सा था. 11 जून को मंगल बास्की मिर्जाचौकी के कीर्तनिया में बारात आया था. तभी उसकी मुलाकात दामाद से हुई. वहां से खाने-पीने के बाद दामाद आपने नाबालिग दोस्त के साथ ससुर को मोटरसाइकिल पर बिठाकर बसाहा गांव ले जा रहा था. गांव पहुंचने के एक किलोमीटर पहले ही उसने अपने ससुर को मोटरसाइकिल से उतारा फिर बांस से वार करना शुरू कर दिया. बांस के वार से जख्मी होकर जब ससुर जमीन पर गिर पड़े तो बड़े पत्थर से सिर कुचल दिया. इससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी. हत्या करने के बाद वह घर भी गया. लोगों को भरोसे में लेने के लिए अपने ससुर की खोजबीन भी की.

इसीएल में नौकरी करता था मंगल बास्की

मृतक मंगल बास्की एकल कंपनी लालमटिया में नौकरी करता था. बताया जा रहा है कि उनको वेतन के रूप में तकरीबन 80 हजार रुपये प्रति माह मिलता था. उनकी तीन बेटियां ही हैं. इसमें बड़ी पुत्री की शादी अनिल टुडू से हुई थी. ससुर के पैसे पर अनिल की नजर रहती थी. उसे लगता था कि अगर उसको घर जमाई बना लेते हैं, तो उसकी जिंदगी आराम से कट जायेगी क्योंकि उनका कोई पुत्र भी नहीं था. इस बाबात को लेकर वह अपने ससुराल पक्ष पर हमेशा दबाव बनाया करता था.

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