ब्रिक्स देशों ने 17वें शिखर सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के सभी रूपों से सख्ती से निपटने की प्रतिबद्धता जताई। रियो डी जनेरियो में जारी संयुक्त घोषणा पत्र में सदस्य देशों ने आतंकवाद के खिलाफ “zero tolerance” नीति अपनाने और दोहरे मानदंडों को खारिज करने का आह्वान किया।
घोषणा पत्र में कहा गया कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और आतंकवादियों व उनके समर्थकों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।
ब्रिक्स नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की और आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही, वित्तपोषण और सुरक्षित पनाहगाहों पर रोक लगाने की आवश्यकता पर बल दिया।
भारत को वर्ष 2026 के लिए ब्रिक्स की अध्यक्षता सौंपी गई है और 18वां शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित होगा। सदस्य देशों ने भारत को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया।
घोषणा पत्र में वैश्विक शासन में सुधार, बहुपक्षवाद को मजबूत करने और ग्लोबल साउथ के सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही गई। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र, WTO और अन्य वैश्विक संस्थाओं में विकासशील देशों को उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग की गई।
ब्रिक्स ने जलवायु परिवर्तन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सामाजिक रूप से निर्धारित रोगों के उन्मूलन जैसे विषयों पर साझा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने और 2028 में कोप-30 की मेजबानी के लिए भारत की उम्मीदवारी का स्वागत किया।
इंडोनेशिया को ब्रिक्स का नया सदस्य बनाया गया, जबकि बेलारूस, मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, नाइजीरिया, कजाकिस्तान, क्यूबा, युगांडा, उज्बेकिस्तान और बोलिविया को भागीदार देशों के रूप में शामिल किया गया।