India-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक समझौते के दो वर्षों में व्यापार दोगुना, 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुँचने का लक्ष्य
India और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (भारत-ऑस्ट्रेलिया एक्टा) के तहत द्विपक्षीय व्यापार ने पिछले दो वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है। 2020-21 में जहां दोनों देशों के बीच व्यापार 12.2 अरब अमरीकी डॉलर था, वहीं 2022-23 में यह बढ़कर 26 अरब अमरीकी डॉलर हो गया। इस सकारात्मक प्रगति को ध्यान में रखते हुए दोनों देश अब और व्यापक समझौते पर चर्चा कर रहे हैं ताकि इस विकास को और भी गति दी जा सके।
India-ऑस्ट्रेलिया व्यापार संबंधों में वृद्धि
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, भारत-ऑस्ट्रेलिया एक्टा के तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 2023-24 में हालांकि कुल व्यापार में कुछ नरमी आई और यह 24 अरब अमेरिकी डॉलर तक सिमट गया, लेकिन फिर भी ऑस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात 14 प्रतिशत बढ़ा।
अभी तक अप्रैल-नवंबर 2024 के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार 16.3 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो इस समझौते की सफलता और व्यापारिक संबंधों की मजबूती को दर्शाता है।
India-ऑस्ट्रेलिया समझौते के तहत व्यापार के लाभ
India और ऑस्ट्रेलिया के बीच तरजीही आयात डेटा का आदान-प्रदान 2023 में शुरू हुआ था, जिससे समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन का पता चलता है। मंत्रालय के अनुसार, निर्यात उपयोग 79 प्रतिशत और आयात उपयोग 84 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। यह दर्शाता है कि व्यापारिक साझेदारी में तेजी आई है और दोनों देशों के बीच प्रमुख क्षेत्रों में वृद्धि देखी जा रही है।
मुख्य रूप से कपड़ा, रसायन, कृषि, हीरे जड़े सोने और टर्बोजेट जैसे उत्पादों में वृद्धि हुई है, जो निर्यात समझौते द्वारा सक्षम विविधीकरण को दर्शाते हैं। इन उत्पादों के अलावा, दोनों देशों के बीच धातु अयस्कों, कपास, लकड़ी और लकड़ी के उत्पादों के आयात में भी वृद्धि हुई है, जिसने भारतीय उद्योगों को गति दी है।
नई संभावनाएं और वृद्धि की दिशा
India-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौते से भारत को कई नई संभावनाओं की ओर अग्रसर होने का अवसर मिला है। जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में अब भी वृद्धि की गुंजाइश है, जहां दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और अधिक बढ़ावा मिल सकता है। मंत्रालय के अनुसार, समझौते के तहत दोनों देशों के उद्योगों को एक-दूसरे से कच्चे माल की आपूर्ति को सुनिश्चित किया गया है, जिससे उनके उद्योगों को मजबूती मिली है।
India-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौते से छोटे और मध्यम व्यवसायों को लाभ
India-ऑस्ट्रेलिया एक्टा ने दोनों देशों के छोटे और मध्यम व्यवसायों (एमएसएमई) के लिए नए अवसर उत्पन्न किए हैं। यह व्यापार समझौता भारत में एमएसएमई क्षेत्र की वृद्धि के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध हुआ है, जहां भारत के छोटे उद्योगों को अब ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख व्यापारिक साझीदार से कच्चे माल की आपूर्ति और बाजार की पहुंच मिल रही है।
India-ऑस्ट्रेलिया सेका वार्ता और भविष्य की दिशा
India-ऑस्ट्रेलिया एक्टा की सफलता के आधार पर, दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सेका) पर भी वार्ता चल रही है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूती मिलेगी। अब तक 10 औपचारिक दौर और अंतर-सत्रीय चर्चाएं हो चुकी हैं, जिनका उद्देश्य व्यापार और आर्थिक सहयोग के दायरे को और विस्तारित करना है।
हाल ही में 4 से 6 दिसंबर 2023 तक नई दिल्ली में भारत और ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों के बीच सेका वार्ता का एक और दौर आयोजित किया गया, जिसमें दोनों देशों के अधिकारियों ने आगामी व्यापारिक अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की।
India-ऑस्ट्रेलिया व्यापार संबंधों का वैश्विक परिपेक्ष्य
India और ऑस्ट्रेलिया के व्यापारिक संबंधों को वैश्विक परिपेक्ष्य में देखा जाए तो यह दोनों देशों के आर्थिक सहयोग के मजबूत संकेत हैं। इस साझेदारी ने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को नया आयाम दिया है, जिससे न केवल द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिला है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती मिली है।
India का मानना है कि यह व्यापारिक समझौता उनके उद्योगों को वैश्विक बाजारों में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने का मौका प्रदान करता है, वहीं ऑस्ट्रेलिया को भी भारत जैसे बड़े बाजार में अपनी उपस्थिति स्थापित करने का अवसर मिला है।
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