PM Modi की अमेरिका यात्रा: डिपोर्टेशन और टैरिफ जैसे अहम मुद्दों पर वार्ता की संभावना
PM Modi बुधवार शाम को अमेरिका पहुंचे, और उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ। अमेरिकी यात्रा के पहले दिन में, PM Modi ने ब्लेअर हाउस में बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की, साथ ही अमेरिकी इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड से भी चर्चा की।
इस यात्रा के दौरान PM Modi और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच महत्वपूर्ण मुलाकात होनी है, जो भारत-अमेरिका रिश्तों के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकती है। इस मुलाकात में व्यापार और रक्षा सहयोग बढ़ाने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है, लेकिन दो महत्वपूर्ण मुद्दे डिपोर्टेशन और टैरिफ पर क्या निर्णय होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
डिपोर्टेशन: भारतीय प्रवासियों की वापसी और अमानवीय बर्ताव
5 फरवरी को एक अमेरिकी सैन्य विमान ने 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को अमृतसर डिपोर्ट किया। इस घटना ने भारतीय संसद में काफी हलचल मचाई। विपक्षी दलों का आरोप है कि डिपोर्टेशन तो ठीक है, लेकिन इस बार भारतीयों को जिस अमानवीय तरीके से भेजा गया, वह अत्यंत निंदनीय है। इन प्रवासियों को सैन्य विमान में हथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर भेजा गया, जो कि भारत-अमेरिका रिश्तों पर सवाल उठाता है।
पार्लियामेंट में यह मुद्दा गरमाने के बाद, PM Modi के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह इस मुद्दे को ट्रंप के सामने रखें। हालांकि, ट्रंप के प्रशासन के लिए यह कोई नया मुद्दा नहीं है, क्योंकि उनके कार्यकाल के दौरान अवैध प्रवासियों के डिपोर्टेशन पर जोर दिया गया है। उनकी प्राथमिकता हमेशा अवैध प्रवासियों को अमेरिका से बाहर करना रही है। बावजूद इसके, भारतीय सरकार को उम्मीद है कि PM Modi इस बर्ताव पर ट्रंप से अपनी बात रख सकते हैं, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
क्या ट्रंप भारत की बात मानेंगे?
यह सवाल उठता है कि क्या डोनाल्ड ट्रंप इस मुद्दे पर भारत की बात मानेंगे। उनके लिए अवैध प्रवासियों का डिपोर्टेशन एक बड़ी प्राथमिकता है और वह इसके लिए बहुत कड़े कदम उठा चुके हैं। अगर भारत ट्रंप से आग्रह करता है कि वह भारतीय नागरिकों के लिए कुछ नरमी दिखाएं, तो यह देखना होगा कि ट्रंप इस मामले में कितने लचीले रहते हैं।
इससे पहले, अमेरिका ने ऐसी डिपोर्टेशन प्रक्रिया में और कड़ी नीतियां अपनाई हैं, जिससे लाखों प्रवासियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। हालांकि, भारत सरकार की कोशिश होगी कि ट्रंप से मुलाकात के दौरान भारतीय नागरिकों के साथ मानवीय तरीके से व्यवहार करने का आग्रह किया जाए।
टैरिफ वॉर: क्या भारत बच पाएगा?
अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ पर विवाद पहले भी उठ चुका है। डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार भारत को “टैरिफ किंग” कहा है और यह आरोप लगाया है कि भारत में अमेरिकी उत्पादों पर अत्यधिक टैरिफ लगाए जाते हैं। ट्रंप के कार्यकाल में, भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला लिया था, जिससे अमेरिका ने भी जवाबी कदम उठाया था।
अब यह सवाल उठता है कि क्या ट्रंप भारत पर टैरिफ लगाएंगे। अमेरिका ने पहले ही मैक्सिको और कनाडा से आने वाली वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाया है, और चीन पर भी 10% टैरिफ लगाया गया है। हालांकि, भारत अभी इस टैरिफ वॉर से बचा हुआ है, लेकिन ट्रंप ने पिछले कार्यकाल में भारत को टारगेट करते हुए कई बार यह आरोप लगाया है कि भारत के टैरिफ दरें अमेरिकी उत्पादों पर बहुत ज्यादा हैं।
PM Modi के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह इस मुद्दे पर ट्रंप से बातचीत करें और किसी भी तरह की टैरिफ वॉर से बचने की कोशिश करें। इसके लिए हो सकता है कि भारत को अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में कुछ छूट देनी पड़े। हालांकि, यह ट्रंप को मनाने का आसान काम नहीं होगा, क्योंकि वह अपने व्यापारिक हितों में काफी सख्त नजर आते हैं।
PM Modi की रणनीति: व्यापार और रक्षा सहयोग पर ध्यान
PM Modi की यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और रक्षा सहयोग को मजबूत करना है। दोनों देशों के बीच पहले से ही व्यापारिक रिश्ते मजबूत हैं, लेकिन यह दोनों नेता इन रिश्तों को और बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने का इरादा रखते हैं। इसके अलावा, रक्षा क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने की दिशा में बातचीत की संभावना है।
हालांकि, डिपोर्टेशन और टैरिफ जैसे मुद्दे दोनों देशों के बीच कुछ तनाव पैदा कर सकते हैं, लेकिन PM Modi की रणनीति होगी कि वह इन मुद्दों को हल करने की कोशिश करें, ताकि भारत और अमेरिका के रिश्ते और मजबूत हो सकें।
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