Delhi को मिलेगी महिला सीएम? BJP का दांव इन 4 नेताओं में से किसी पर!

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Delhi विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत और मुख्यमंत्री की बहस

Delhi विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शानदार जीत हासिल की, जिससे राजनीतिक गलियारों में मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा गर्म हो गई है। बीजेपी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जिससे Delhi में 27 साल बाद पार्टी को सत्ता हासिल हुई।

इस जीत के बाद सवाल उठ रहा है कि बीजेपी अगला मुख्यमंत्री कौन बनाएगी, और खासकर महिला नेतृत्व को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।

महिला उम्मीदवारों पर बीजेपी का फोकस

Delhi विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चार महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिनमें से सभी ने जीत हासिल की है। अब इस जीत के बाद पार्टी द्वारा किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाने की संभावना को लेकर चर्चा हो रही है।

  1. रेखा गुप्ता: शालीमाग बाग से बीजेपी उम्मीदवार रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी की बंदना कुमारी को हराया और 29,595 वोटों से जीत हासिल की। यह सीट बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, और रेखा गुप्ता की जीत को पार्टी की उम्मीदों के मुताबिक माना जा रहा है।
  2. शिखा रॉय: ग्रेटर कैलाश से बीजेपी की शिखा रॉय ने आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज को हराया। शिखा को 49,594 वोट मिले, और उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 3,188 वोटों से हराया। शिखा का यह प्रदर्शन बीजेपी के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुआ है।
  3. पूनम शर्मा: पूनम शर्मा ने वजीरपुर सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने आम आदमी पार्टी के राजेश गुप्ता को 11,425 वोटों से हराया। पूनम ने 54,721 वोट प्राप्त किए, और इस जीत से उनकी राजनीतिक स्थिति मजबूत हुई है।
  4. नीलम पहलवान: नजफगढ़ से बीजेपी की नीलम पहलवान ने आम आदमी पार्टी के तरुण कुमार को 1,01,708 वोटों से हराया। यह सीट भी बीजेपी के लिए अहम मानी जा रही है, और नीलम की जीत को पार्टी की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।

बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा

Delhi में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए बीजेपी के नेताओं के बीच मंथन चल रहा है। कुछ नेता कह रहे हैं कि नए मुख्यमंत्री का चयन नवनिर्वाचित विधायकों में से किया जाना चाहिए। बीजेपी के सांसद योगेंद्र चंदोलिया का कहना है कि मुख्यमंत्री के रूप में एक सक्षम नेता का चयन होना चाहिए, जो पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों में से हो।

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नवनिर्वाचित विधायकों में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाने से पार्टी को मिले जनादेश का सम्मान होगा। इस दावे को कुछ अन्य नेताओं ने भी समर्थन दिया, जो पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री की उम्मीदवारी को लेकर खुलकर चर्चा कर रहे हैं।

Delhi में महिला मुख्यमंत्री का इतिहास

Delhi में अब तक तीन महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इनमें सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी का नाम प्रमुख है। सुषमा स्वराज ने 1998 में Delhi की मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी। इसके बाद कांग्रेस की शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक Delhi की मुख्यमंत्री रही। आप पार्टी की आतिशी ने 21 सितंबर, 2024 से 9 फरवरी, 2025 तक मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला था।

कब होगा शपथग्रहण समारोह?

Delhi में नई सरकार का शपथग्रहण समारोह 14 फरवरी के बाद होने की संभावना है। बीजेपी के नेताओं के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे की वजह से शपथग्रहण की प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी 10 फरवरी को फ्रांस और अमेरिका के लिए रवाना हो गए थे, और उनके लौटने के बाद ही नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी।

मुख्यमंत्री पद को लेकर आगे की रणनीति

बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद अब पार्टी के सामने बड़ा सवाल यह है कि मुख्यमंत्री पद पर किसे बैठाया जाए। बीजेपी की रणनीति इस बात पर निर्भर करेगी कि वह कौन सा चेहरा सामने लाती है, जिससे पार्टी का संदेश मजबूती से जनता तक पहुंच सके। पार्टी की कोशिश होगी कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए एक ऐसा नेता चुने, जो न सिर्फ पार्टी की जीत को मजबूती दे, बल्कि Delhi की सियासत में भी नया मोड़ ला सके।

नए नेतृत्व के लिए पार्टी की उम्मीदें

बीजेपी का ध्यान इस समय अपने नए नेतृत्व पर केंद्रित है। पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जो मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवार माने जा रहे हैं। इनमें कुछ दिग्गज नेता और कुछ युवा चेहरों की चर्चा हो रही है, जो अपने-अपने क्षेत्र में जनता के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं।

Delhi विधानसभा चुनावों में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री के चयन को लेकर जो चर्चाएं हैं, उनमें अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बीजेपी कौन सा चेहरा आगे लाएगी। हालांकि, पार्टी के भीतर यह निर्णय जल्द लिया जाएगा और उम्मीद जताई जा रही है कि बीजेपी महिला मुख्यमंत्री पर भी विचार कर सकती है, ताकि पार्टी को मिले जनादेश का आदर किया जा सके।

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