राजस्थान के जैसलमेर में GST काउंसिल की 55वीं बैठक, बड़े फैसलों की संभावना

By Editor
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GST काउंसिल की 55वीं मीटिंग: प्रमुख फैसलों की संभावना और सेक्टर्स पर प्रभाव

आज राजस्थान के जैसलमेर में GST काउंसिल की 55वीं बैठक हो रही है, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ-साथ कई अन्य उच्च अधिकारी भी भाग ले रहे हैं। इस मीटिंग में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है, जिसमें विशेष रूप से इश्योरेंस सेक्टर, लक्जरी प्रोडक्ट्स, और इलेक्ट्रिक वाहनों के जीएसटी रेट्स को लेकर चर्चा होने की संभावना है।

1. लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर GST में कटौती:
कई रिपोर्ट्स के अनुसार, GST काउंसिल लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर लगाए गए GST दर को घटाने पर विचार कर सकती है। मौजूदा समय में इन सेक्टर्स में 18% जीएसटी लागू होता है, लेकिन यह संभव है कि इसे घटाकर 12% किया जा सकता है। इससे बीमा पॉलिसी खरीदने वाले ग्राहकों को राहत मिल सकती है।

2. लक्जरी प्रोडक्ट्स पर GST में बढ़ोतरी:
बैठक में लक्जरी प्रोडक्ट्स पर GST रेट्स बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है। विशेष रूप से 25,000 रुपये से अधिक की कीमत वाली घड़ियों पर 18% के स्थान पर 28% जीएसटी लगाने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही 15,000 रुपये से अधिक की कीमत वाले जूतों पर भी जीएसटी रेट्स बढ़ाए जा सकते हैं। यह निर्णय उपभोक्ताओं के लिए महंगाई का कारण बन सकता है, लेकिन सरकार का मानना है कि इससे उच्च वर्ग के उपभोक्ताओं से अधिक राजस्व प्राप्त होगा।

3. रेडी-मेड कपड़ों पर GST बढ़ाने की चर्चा:
इस मीटिंग में रेडी-मेड कपड़ों पर भी चर्चा की जाएगी। वर्तमान में, 1,500 रुपये से कम कीमत वाले रेडी-मेड कपड़ों पर 5% GST लगता है, लेकिन 1,500 रुपये से अधिक की कीमत वाले कपड़ों पर 18% और 10,000 रुपये से अधिक कीमत वाले रेडी-मेड कपड़ों पर 28% जीएसटी लगाने की संभावना है। यह बदलाव कपड़ा उद्योग और उपभोक्ताओं पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है।

4. इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST बढ़ोतरी:
इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में भी बैठक में चर्चा हो सकती है। वर्तमान में, इलेक्ट्रिक वाहनों पर 12% जीएसटी लगाया जाता है, लेकिन यह संभावना है कि इसे बढ़ाकर 18% किया जाए। इस बढ़ोतरी से इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिससे ग्राहकों को एक बड़ा आर्थिक बोझ झेलना पड़ सकता है। हालांकि, इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है, जो परिवहन और ऊर्जा क्षेत्र के विकास में उपयोगी हो सकता है।

5. एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) पर GST लागू करने की चर्चा:
एक और महत्वपूर्ण मुद्दा एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) को जीएसटी के स्लैब में लाने पर हो सकता है। वर्तमान में, ATF पर राज्य सरकारें वैट (VAT) वसूलती हैं, लेकिन यदि इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो इससे एविएशन सेक्टर के लिए एक समान कर संरचना बन सकती है।

6. कुल 148 आइटम्स पर चर्चा:
GST काउंसिल की बैठक में कुल 148 आइटम्स पर चर्चा की जाएगी, जिनमें से कुछ आइटम्स पर जीएसटी रेट्स में वृद्धि हो सकती है, जबकि कुछ पर कटौती की संभावना जताई जा रही है। इस बैठक में विशेष रूप से लक्जरी प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिक वाहनों, और रेडी-मेड कपड़ों पर जीएसटी रेट्स में बदलाव हो सकता है।

इससे विभिन्न सेक्टर्स पर अलग-अलग असर पड़ेगा। जहां कुछ सेक्टर्स को राहत मिल सकती है, वहीं कुछ के लिए महंगाई का सामना करना पड़ सकता है। यह बैठक आगामी नीति बदलावों और राजस्व संग्रह के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

7. सरकारी दृष्टिकोण और उम्मीदें:
केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इस मीटिंग से उम्मीदें लगाए बैठी हैं कि जीएसटी के माध्यम से राजस्व संग्रह को बढ़ाया जा सकेगा। इसके अलावा, जीएसटी के स्लैब में बदलाव से विभिन्न उद्योगों और उपभोक्ताओं को नई दिशा मिल सकती है। हालांकि, इस बैठक के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि सरकार कौन से फैसले लागू करती है और इसका प्रभाव अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं पर क्या पड़ेगा।

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