दिल्ली विधानसभा सत्र: AAP विधायक का मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिलने का हंगामेदार घटनाक्रम
AAP: दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी से 27 फरवरी तक शुरू हो चुका है, और इस सत्र में दिल्ली की राजनीति में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) विपक्षी भूमिका में है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) सत्ता में है। इस दौरान, AAP विधायक और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ कुछ राजनीतिक विवादों और आरोप-प्रत्यारोपों का सामना कर रहे हैं।
AAP विधायक का मुख्यमंत्री से मिलने का हंगामेदार प्रयास
इस सत्र के पहले दिन, AAP के विधायक और नेता गिल्ली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिलने पहुंचे। कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के विधायक मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांग चुके थे, लेकिन जब समय नहीं मिला, तो वे सीधे मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उनके कार्यालय में पहुंच गए। यह घटना एक समय की बात बन गई, और मुख्यमंत्री ने अंततः उन्हें अंदर बुलाकर बातचीत की। बताया गया कि इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये देने के मुद्दे पर चर्चा करना था।
महिलाओं को 2,500 रुपये देने का मुद्दा
इस मुलाकात में मुख्य मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली चुनाव से पहले की गई उस घोषणा पर था, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि भाजपा दिल्ली में सत्ता में आती है तो उनकी सरकार महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये देने की योजना शुरू करेगी। हालांकि, यह वादा अब तक लागू नहीं हुआ है। AAP विधायक इस मुद्दे को प्रमुख रूप से उठाने के लिए मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे। AAP के नेता इस योजना को लेकर सवाल उठा रहे थे कि नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी क्यों नहीं दी गई, जैसा कि प्रधानमंत्री ने चुनावी रैली में वादा किया था।
विपक्ष की भूमिका और विधानसभा सत्र के मुद्दे
आम आदमी पार्टी इस सत्र में विपक्षी भूमिका में है और विभिन्न मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। AAP विधायक आतिशी ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था और एक पत्र भी लिखा था जिसमें उन्होंने सवाल उठाया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो वादा किया था, उसे क्यों लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दिल्ली की महिलाओं को गुमराह किया है और उन्हें ठगा हुआ महसूस करवा दिया है।
बीजेपी का रुख और योजना की घोषणा
इस बीच, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भाजपा नेताओं ने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसार यह योजना मार्च से लागू होगी। उन्होंने कहा कि योजना का पूरी तरह से पालन किया जाएगा और भाजपा सरकार अपने चुनावी वादे को पूरा करेगी। हालांकि, AAP ने इस पर संदेह जताया है और सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है।
सत्र में अन्य प्रमुख मुद्दे
इस सत्र में सीएजी (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी, जिस पर भाजपा के नेताओं ने पहले ही बयान दिया है। इसके साथ ही, आम आदमी पार्टी महिलाओं को हर महीने 25 रुपये देने के भाजपा के वादे को प्रमुख मुद्दा बनाएगी। ऐसे में यह विधानसभा सत्र हंगामेदार हो सकता है, क्योंकि दोनों प्रमुख दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति का दौर जारी रहेगा।
सीएजी रिपोर्ट और अन्य मुद्दों पर विवाद
सत्र के दौरान भाजपा द्वारा पेश की जाने वाली सीएजी रिपोर्ट भी बड़ा मुद्दा बन सकती है। AAP ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि वह इस रिपोर्ट को लेकर भाजपा को घेरने की कोशिश करेगी। सीएजी रिपोर्ट के जरिए कई वित्तीय मुद्दों और सरकारी योजनाओं पर सवाल उठाए जा सकते हैं, जिसे लेकर दोनों दलों के बीच तीखी बहस हो सकती है।
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