रांची में BJP नेता अनिल टाइगर की हत्या पर झारखंड बंद, भारी बवाल और विरोध प्रदर्शन
गुरुवार को झारखंड में BJP नेता अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में राज्यव्यापी बंद का आयोजन किया गया, जिसका व्यापक असर रांची और अन्य शहरों में देखने को मिला। यह घटना बुधवार को कांके थाना क्षेत्र में हुई, जहां बाइक सवार दो अपराधियों ने BJP नेता और पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल महतो टाइगर की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से रांची समेत कई इलाकों में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन और बवाल मचा, जिससे प्रशासन को स्थिति पर काबू पाने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू करनी पड़ी।
BJP नेता अनिल टाइगर की हत्या
कांके थाना क्षेत्र स्थित शिव मंदिर के पास एक होटल में BJP नेता अनिल टाइगर की हत्या हुई। वह होटल में अकेले बैठे मोबाइल देख रहे थे, तभी बाइक सवार दो अपराधी वहां पहुंचे और बिना किसी चेतावनी के उनके सिर में गोली मार दी। घटना के बाद अफरातफरी मच गई, और आसपास के लोग उन्हें तत्काल रिम्स अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अनिल टाइगर BJP की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य, ग्रामीण जिला महामंत्री और कांके महावीर मंडल के अध्यक्ष थे। वह पहले आजसू पार्टी में भी सक्रिय थे और कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके थे। हाल ही में वह पांचवीं बार कांके महावीर मंडल के अध्यक्ष चुने गए थे।
हत्यारे की गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक शूटर को गिरफ्तार किया है, जिसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और अपराधियों तक पहुंचने की पूरी कोशिश की जा रही है। हालांकि, इस हत्या के कारण आक्रोशित जनता ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
झारखंड बंद का आह्वान और प्रभाव
अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में BJP और विपक्षी दलों ने झारखंड बंद का आह्वान किया था। बंद का असर रांची में व्यापक रूप से देखा गया। सुबह से ही रांची के विभिन्न हिस्सों में BJP कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन करने लगे। विरोध स्वरूप कई जगहों पर टायर जलाए गए और रास्तों को जाम किया गया।
धुर्वा बस स्टैंड, नेवारी विकास गोल चक्कर, हरमू रोड, किशोरगंज चौक और रांची पिस्का मोड़ पर बंद समर्थकों ने सड़कों पर टायर जलाए और दुकानों को बंद कराया। बंद का असर अन्य शहरों में भी देखने को मिला, हालांकि यह मिश्रित था। कुछ इलाकों में दुकानों और व्यापारिक गतिविधियों पर इसका असर ज्यादा था, जबकि कुछ इलाकों में जनजीवन सामान्य रहा।
रांची में भारी सुरक्षा व्यवस्था
रांची में बंद के दौरान पुलिस और प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था लागू की थी। कई इलाकों में पुलिस की तैनाती की गई थी, और दंगों की स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त बल भेजा गया था। वहीं, प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए उन्हें शांतिपूर्वक आंदोलन करने की अपील की, लेकिन कुछ जगहों पर विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस हत्या की घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आईं। BJP और आजसू ने इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया और राज्य सरकार से जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ने की मांग की। विपक्षी दलों ने भी इस मामले की गहरी निंदा की और इस प्रकार की घटनाओं के बढ़ते मामले पर चिंता जताई। BJP और आजसू के नेताओं ने राज्य सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए और इसे कानून-व्यवस्था की बड़ी नाकामी बताया।
अधिकारी की प्रतिक्रिया
घटना के बाद ग्रामीण एसपी सुमित अग्रवाल सहित पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर जाम हटवाया। हालांकि, पुलिस को इस दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और सड़कों पर टायर जलाए। प्रशासन का कहना है कि वे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।
भविष्य में स्थिति का अनुमान
झारखंड बंद के दौरान रांची और अन्य शहरों में जो स्थिति बनी, वह प्रशासन के लिए एक बड़ा चुनौती बन सकती है। हालांकि, पुलिस की त्वरित कार्रवाई से स्थिति को काबू किया गया, लेकिन प्रदर्शनकारियों का आक्रोश अभी भी जारी है। सरकार और विपक्षी दलों के बीच विवाद के कारण इस मुद्दे पर राजनीतिक रूप से भी गर्मी बनी हुई है। अब यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले को कैसे सुलझाते हैं और क्या झारखंड में राजनीतिक माहौल शांत हो पाता है या नहीं।
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