चंडीगढ़ मेयर चुनाव: BJP ने कांग्रेस-आप गठबंधन को हराया, हरप्रीत कौर बबला ने जीती जीत
चंडीगढ़ में मेयर चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं, और इस बार BJP ने कांग्रेस और आप (AAP) के गठबंधन को हराते हुए बाजी मारी है। BJP की उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला ने इस चुनाव में जीत दर्ज की है और कांग्रेस-आप गठबंधन की प्रत्याशी प्रेमलता को शिकस्त दी। इस जीत के साथ BJP ने मेयर पद पर कब्जा जमाया, जबकि इस चुनाव से पहले कई विवाद उठ चुके थे।
BJP की कड़ी मेहनत और रणनीति ने बदल दी बाजी
BJP की उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला को इस चुनाव में कुल 19 वोट मिले, जबकि कांग्रेस-आप गठबंधन की उम्मीदवार प्रेमलता को 17 वोट ही मिल सके। BJP की इस जीत को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है। यह चुनाव BJP के लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि पिछले साल के चुनाव में हुए विवादों के बाद पार्टी को यह जीत मिलना एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चुनाव प्रक्रिया
पिछले साल चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोप लगे थे, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठे थे। उस समय वोटों की गिनती में हंगामा हुआ था और एक वीडियो भी सामने आई थी, जिसमें वोटों की गिनती के दौरान गड़बड़ी की ओर इशारा किया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल दिया था और चुनाव प्रक्रिया की निगरानी रखने के लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। इसके साथ ही, इस बार पूरी चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हो।
गुप्त मतदान और क्रॉस वोटिंग की संभावना
चंडीगढ़ में इस बार मेयर का चुनाव गुप्त मतदान के जरिए हुआ था, जो क्रॉस वोटिंग की संभावना को बढ़ा सकता था। गुप्त मतदान में पार्षदों को बैलेट पेपर पर निर्दिष्ट स्थानों पर वोट डालने के लिए कहा गया था। इस प्रक्रिया से क्रॉस वोटिंग की आशंका थी, क्योंकि गुप्त मतदान से यह पता नहीं चल पाता कि किस पार्षद ने किसे वोट दिया। हालांकि, BJP की रणनीति और कार्यकर्ताओं की मेहनत ने इस क्रॉस वोटिंग की संभावना को मात दी और उनकी जीत सुनिश्चित की।
AAP-कांग्रेस गठबंधन की रणनीति का असर
चंडीगढ़ में मेयर पद के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन था। AAP के पास मेयर पद था, जबकि कांग्रेस के पास सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद थे। दिलचस्प यह है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में ये दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं, लेकिन चंडीगढ़ में उनके बीच गठबंधन हुआ था। इस गठबंधन के पास कुल 20 वोट थे, जिसमें कांग्रेस के 6 पार्षद, AAP के 13 पार्षद और एक वोट चंडीगढ़ के सांसद का था।
गठबंधन का मानना था कि अगर क्रॉस वोटिंग नहीं होती तो उनकी जीत पक्की थी। हालांकि, BJP ने अपनी रणनीति को सही तरीके से लागू करते हुए क्रॉस वोटिंग के बावजूद मेयर पद पर कब्जा जमा लिया। कांग्रेस के पार्षद गुरबख्श रावत के BJP में शामिल होने से भी BJP की स्थिति मजबूत हुई थी, जिससे उनकी जीत का रास्ता साफ हो गया।
चुनाव के बाद की स्थिति और आने वाले चुनाव
चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद, अब सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। इन तीनों पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया एक जैसी ही होगी, और जैसे-जैसे ये चुनाव पूरे होंगे, चंडीगढ़ की नई सरकार का गठन भी होगा। BJP ने पहले ही इन तीनों पदों के लिए अपने उम्मीदवारों को खड़ा कर दिया है, और यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में क्या BJP इन पदों पर भी जीत हासिल कर पाती है या नहीं।
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