देश में बढ़ता Cancer का खतरा: 15 लाख युवा हुए शिकार, ये खाने की आदतें बना रही हैं मुख्य कारण

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भारत में Cancer के मामलों में तेज़ी से वृद्धि: आंकड़े, कारण और रोकथाम के उपाय

भारत में Cancer के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है। भारतीय चिकित्सा परिषद (ICMR) के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में कैंसर के मामलों की संख्या 15 लाख तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक गंभीर चेतावनी है, क्योंकि कैंसर अब युवा पीढ़ी को भी अपनी चपेट में लेने लगा है। इसके साथ ही, ये आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि कैंसर की दर लगातार बढ़ रही है, और इसके साथ कई नए प्रकार के कैंसर भी सामने आ रहे हैं।

Cancer के बढ़ते मामले:

भारत में Cancer के मामलों में बढ़ोतरी से जुड़े आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। ICMR के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में कैंसर के मामलों की संख्या 14,26,447 थी, जो 2022 में बढ़कर 14,61,427 और 2023 में 14,96,972 हो गई। इस वृद्धि को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2025 तक कैंसर के मामलों में 10 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है।

यह केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि इसके पीछे एक गंभीर स्वास्थ्य संकट भी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 15 से 39 वर्ष की आयु के बीच कैंसर के 84,100 मामले सामने आए हैं, जो कि सभी प्रकार के कैंसर का 4.3 फीसदी है। यह आंकड़ा भी भारत में कैंसर के मामलों की स्थिति को गंभीर बनाता है।

युवाओं में Cancer का बढ़ता खतरा:

भारत में अब Cancer के मामलों में सबसे ज्यादा युवा वर्ग प्रभावित हो रहा है। पुरुषों में फेफड़े का कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसके अलावा, 14 साल तक की उम्र में लिम्फोइड ल्यूकेमिया (एक प्रकार का रक्त कैंसर) के मामले भी बढ़े हैं। ये आंकड़े हमें यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि कैंसर अब किसी एक उम्र वर्ग या वर्ग विशेष तक सीमित नहीं रह गया है।

युवाओं में बढ़ते Cancer के मामले जीवनशैली और आहार संबंधी आदतों से जुड़े हैं। आधुनिक समय में वेस्टर्न डाइट, पैक्ड फूड, अत्यधिक तला-भुना खाना, और एल्कोहल व तंबाकू का सेवन कैंसर के जोखिम को बढ़ा रहे हैं। कैंसर का सही समय पर पता चलने से मरीज की जिंदगी बच सकती है, लेकिन इलाज की कीमत और जागरूकता की कमी भी इस बीमारी के उपचार में एक बड़ी चुनौती बनती है।

Cancer की वजह:

Cancer के बढ़ते मामलों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। प्रदूषण, खराब खानपान, मानसिक तनाव, अनुवांशिकी, और जीवनशैली से जुड़े कई तत्व कैंसर के खतरे को बढ़ा रहे हैं। प्रदूषण, जो हवा, पानी और खाद्य पदार्थों में मिलकर मानव शरीर के लिए खतरा बनता है, खासकर फेफड़े के कैंसर का कारण बन सकता है। इसके अलावा, अस्वास्थ्यकर आहार जैसे कि अत्यधिक शक्कर, नमक, फैट, और पैक्ड फूड से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिससे कैंसर के विकास का खतरा बढ़ता है।

तंबाकू और शराब के अत्यधिक सेवन से गले, मुंह, और लिवर कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इस समय जीवनशैली से जुड़े बदलाव जैसे नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, तनाव का कम करना, और तंबाकू-शराब का सेवन कम करने से कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

Cancer की जांच और उपचार:

ICMR के आंकड़ों के मुताबिक, अब Cancer का जल्दी पता लगाने के लिए बेहतर डायग्नोस्टिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इन तकनीकों ने कैंसर के इलाज में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। समय पर निदान कैंसर को शुरुआती चरण में ही पकड़ने में मदद करता है, जिससे उपचार संभव हो पाता है।

Cancer के मामलों में बढ़ोतरी के बावजूद, भारत में कैंसर उपचार की सुविधा में लगातार सुधार हो रहा है। आधुनिक कैंसर उपचार के तरीके, जैसे कि कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, और इम्यूनोथेरेपी, कैंसर के मरीजों के लिए नई उम्मीदें पैदा कर रहे हैं।

Cancer के प्रति जागरूकता और रोकथाम:

हर साल 4 फरवरी को पूरे विश्व में Cancer दिवस मनाया जाता है, जिसमें लोगों को कैंसर के बारे में जागरूक किया जाता है और इसके बचाव के उपायों पर चर्चा की जाती है। भारत में कैंसर दिवस का उद्देश्य लोगों को इस घातक बीमारी के प्रति जागरूक करना और उपचार के उपायों को बढ़ावा देना है।

Cancer के बढ़ते मामलों के बावजूद, अगर समय रहते इसके प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए और स्वस्थ जीवनशैली अपनाई जाए, तो कैंसर के मामलों में कमी लाई जा सकती है। इसके साथ ही, स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम, और तंबाकू-शराब से दूरी बनाने से कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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