लॉटरी और हॉर्स रेस पर TDS नियमों में बदलाव: जानें नया नियम

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लॉटरी और हॉर्स रेस पर TDS नियमों में बदलाव: जानिए नए नियमों की पूरी जानकारी

हाल ही में सरकार ने लॉटरी और हॉर्स रेस से जुड़ी कमाई पर TDS (Tax Deducted at Source) लगाने के तरीके में बदलाव का ऐलान किया है। यह बदलाव 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में किया गया। नए नियमों के तहत, अब लॉटरी और हॉर्स रेस जीतने पर 10,000 रुपये से अधिक की प्रत्येक आय पर TDS कटेगा, जबकि पहले यह लिमिट 10,000 रुपये के पार एक बार कटती थी।

इस बदलाव के साथ सरकार का उद्देश्य टैक्स सिस्टम को और अधिक पारदर्शी और सरल बनाना है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि टीडीएस के नियमों में हुए बदलाव का क्या असर पड़ेगा, और टैक्स चुकाने में अधिक पारदर्शिता कैसे आएगी।

TDS के नए नियमों का प्रभाव

पहले तक, अगर किसी व्यक्ति ने लॉटरी या हॉर्स रेस से एक फाइनेंशियल ईयर में 10,000 रुपये से ज्यादा की आय कमाई, तो उस पर टीडीएस लागू होता था। हालांकि, अब से जब भी किसी व्यक्ति की लॉटरी या हॉर्स रेस से आय 10,000 रुपये से अधिक होगी, तो उस पर टीडीएस कटेगा, चाहे वह आय कितनी भी बार हो। इसका मतलब है कि अब पहले के मुकाबले अधिक बार टीडीएस कटेगा। इससे सरकार को टैक्स संग्रहण में मदद मिलेगी और साथ ही टैक्स चोरी को रोकने में भी सहायता मिलेगी।

सरकार का उद्देश्य: टैक्स सिस्टम को सरल बनाना

सरकार ने इस बदलाव के पीछे एक प्रमुख उद्देश्य रखा है—टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाना। नए नियमों के तहत हर बार जब भी लॉटरी और हॉर्स रेस से 10,000 रुपये से ज्यादा की कमाई होगी, उस पर सीधे टीडीएस कट जाएगा। इससे न केवल टैक्स चुकाने में आसानी होगी, बल्कि टैक्स चोरी को भी रोका जा सकेगा। यह बदलाव भारत के टैक्स सिस्टम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के करीब लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

TDS की दर और कटौती

नई व्यवस्था के तहत, लॉटरी और हॉर्स रेस से किसी भी आय पर 30% की दर से टीडीएस कटेगा, यदि वह आय 10,000 रुपये से अधिक है। यह कटौती सीधे विजेता के इनकम से की जाएगी और सरकार के खजाने में जमा कर दी जाएगी। इससे हर वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स के मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी और करदाताओं को सही समय पर टैक्स चुकाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

सरकार द्वारा अन्य टीडीएस नियमों में बदलाव

बजट 2024-25 में सिर्फ लॉटरी और हॉर्स रेस पर ही नहीं, बल्कि अन्य विभिन्न टैक्स श्रेणियों में भी बदलाव किया गया है। इनमें म्यूचुअल फंड, डिविडेंड, और कमीशन पर भी टीडीएस लगाने के नियमों में बदलाव किया गया है। इन बदलावों से टैक्स संग्रहण में सुधार की संभावना है और सरकार को टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी।

लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) पर बदलाव

1 फरवरी के बजट में सरकार ने लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेश भेजे जाने वाले पैसे पर भी कुछ अहम बदलाव किए। पहले इस स्कीम के तहत 7 लाख रुपये से अधिक के रेमिटेंस पर TCS (Tax Collected at Source) लागू होता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति शिक्षा के लिए विदेश में पैसा भेजता है, तो 7 लाख रुपये से ऊपर भेजी गई राशि पर 5% टीसीएस लगेगा, लेकिन कुछ खास वित्तीय संस्थानों के जरिए लोन लेकर शिक्षा के लिए भेजे जाने वाले पैसे पर टीसीएस की यह दर लागू नहीं होगी।

विदेश इलाज के लिए भेजे गए पैसे पर टीसीएस

अगर आप इलाज के लिए विदेश पैसा भेजते हैं, तो 5% TCS का नियम पहले की तरह ही लागू रहेगा। यह नियम विदेश में चिकित्सा उपचार के लिए भेजे गए पैसे पर किसी प्रकार की छूट की अनुमति नहीं देता है, और यह कटौती सीधे रेमिटेंस के समय की जाएगी। इस बदलाव का उद्देश्य यह है कि टैक्स का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके और किसी भी प्रकार की टैक्स चोरी को रोका जा सके।

इस बदलाव का प्रभाव आम व्यक्ति पर

लॉटरी और हॉर्स रेस से जुड़े नए TDS नियमों का असर उन लोगों पर पड़ेगा जो इन गतिविधियों से इनकम अर्जित करते हैं। पहले जहां उन्हें केवल एक बार साल में 10,000 रुपये से अधिक की आय पर TDS का सामना करना पड़ता था, अब हर बार जब उनकी कमाई 10,000 रुपये से ऊपर होगी, तो TDS कटेगा। यह नियम उन व्यक्तियों के लिए यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें सही समय पर अपना टैक्स भरना पड़े और उनके द्वारा किए गए टैक्स भुगतान में कोई गड़बड़ी न हो।

क्या है TDS?

TDS (Tax Deducted at Source) एक ऐसा टैक्स है जो स्रोत से ही काट लिया जाता है। इसका मतलब है कि जब कोई व्यक्ति लॉटरी या हॉर्स रेस जीतता है, तो उसकी कमाई से सीधे टैक्स काट लिया जाता है और सरकार के खजाने में जमा कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया टैक्स चुकाने को सरल बनाती है और सुनिश्चित करती है कि टैक्स चोरी न हो।

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