Chandrakar की हत्या के खिलाफ पत्रकारों का चक्का जाम प्रदर्शन

Chandrakar

पत्रकार Chandrakar की हत्या के विरोध में बीजापुर में चक्का जाम, शहीद का दर्जा देने की मांग

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार Chandrakar की हत्या के विरोध में बस्तर संभाग के पत्रकारों ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग 63 पर अस्पताल चौक में चक्का जाम कर दिया। यह घटना पत्रकार समुदाय के लिए एक बड़ा आघात साबित हुई है, जिसके बाद आक्रोशित पत्रकारों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पत्रकारों ने मृतक Chandrakar को शहीद का दर्जा देने की मांग की है और हत्यारों को फांसी की सजा देने की भी जोरदार मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की सम्पत्ति को कुर्क करने की भी अपील की है, जिनके घर से मुकेश का शव बरामद किया गया था।

हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
Chandrakar: पत्रकारों का आरोप है कि इस हत्या को एक सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया और शव को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के घर में फेंक दिया गया। पत्रकारों का कहना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे। उन्होंने सरकार से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है और यह भी कहा कि यह केवल एक पत्रकार की हत्या नहीं है, बल्कि यह मीडिया की स्वतंत्रता और सुरक्षा पर एक गंभीर हमला है।

घटना का पूरा घटनाक्रम
Chandrakar कुछ दिन पहले से लापता थे, और शुक्रवार को उनका शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के घर से बरामद किया गया। शव मिलने के बाद यह मामला एक बड़ी सनसनी बन गया, और पत्रकार समुदाय के बीच गुस्से की लहर दौड़ गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन पत्रकारों का कहना है कि सरकार को इस हत्या के मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

पत्रकारों का शहीद का दर्जा देने की मांग
Chandrakar: बीजापुर में आयोजित चक्का जाम के दौरान पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर को शहीद का दर्जा देने की मांग की। उनका कहना है कि वह केवल एक पत्रकार नहीं थे, बल्कि समाज के सच को उजागर करने वाले एक बहादुर व्यक्ति थे। पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे आगे और बड़े प्रदर्शन करेंगे।

सुरक्षा की मांग
Chandrakar: पत्रकारों ने राज्य सरकार से मीडिया समुदाय के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की भी मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि अगर सरकार इस मामले में कार्रवाई करती है, तो यह पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को सुनिश्चित करेगा।

कड़ी पुलिस जांच की आवश्यकता
Chandrakar: जैसा कि इस हत्या के मामले में कुछ कड़ियां सामने आई हैं, पत्रकार समुदाय का कहना है कि पुलिस को इस घटना की तह तक पहुंचने के लिए कड़ी जांच करनी चाहिए और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहिए। पत्रकारों ने यह भी कहा कि वे सरकार और पुलिस प्रशासन की तरफ से जल्द कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।

समाज का समर्थन
बीजापुर के पत्रकार Chandrakar की हत्या के बाद, पत्रकारों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने भी इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इस हत्या को एक जघन्य अपराध बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की। उन्होंने कहा कि यह केवल एक पत्रकार की हत्या नहीं, बल्कि समाज के सच को उजागर करने वालों पर हमला है।

स्थानीय निवासियों ने सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और इस तरह की घटनाओं के लिए कड़ी कार्रवाई करने की अपील की। इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने Chandrakar को शहीद का दर्जा देने और उनके हत्यारों को फांसी की सजा देने की भी मांग की। इस हत्या के विरोध में बीजापुर जिले में जगह-जगह धरने और प्रदर्शन हुए, जो सरकार और प्रशासन के खिलाफ गुस्से का प्रतीक बने।

सरकार की प्रतिक्रिया
Chandrakar: सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और पुलिस प्रशासन को जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि, पत्रकारों का कहना है कि कार्रवाई में तेजी लानी चाहिए ताकि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई न हो।

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