Israel सेना गाजा में अस्पतालों पर हमलों को उचित ठहराने में विफल, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में खुलासा
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के कार्यालय द्वारा मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि Israel सेना गाजा पट्टी में अस्पतालों, एम्बुलेंसों और चिकित्सा कर्मियों पर हुए हमलों को सही ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं दे पाई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि Israel ने अपने दावों की स्वतंत्र पुष्टि करने के लिए जरूरी जानकारी नहीं दी है कि जिन अस्पतालों और चिकित्सा सेवाओं पर हमले किए गए थे, उन्हें सैन्य उद्देश्यों के रूप में देखा गया था और उन्होंने अपनी विशेष सुरक्षा खो दी थी।
गाजा में स्वास्थ्य सेवा पर गंभीर प्रभाव
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार एजेंसी ने बताया कि इजरायल ने 7 अक्टूबर 2023 से 30 जून 2024 के बीच गाजा में 38 अस्पतालों और 12 क्लीनिकों में से कम से कम 27 पर 136 हमले किए, जिनका गाजा में स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन हमलों ने गाजा की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को पूरी तरह से संकट में डाल दिया, जिससे जरूरत के समय में फिलिस्तीनियों को चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है।
अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने इजरायल पर गंभीर आरोप लगाए, कहां कि इजरायल ने चिकित्सा सुविधाओं को “मौत के जाल” में बदल दिया, जहाँ फिलिस्तीनी नागरिकों को सुरक्षित महसूस करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जिन नागरिकों, मरीजों और कर्मचारियों ने चिकित्सा सुविधाओं में शरण ली थी, उनकी हत्या करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन है।
गाजा में हिंसा और बढ़ती मौतें
यह घटना 7 अक्टूबर, 2023 से शुरू हुई जब गाजा पट्टी से Israel पर अभूतपूर्व रॉकेट हमले किए गए थे। इसके साथ ही, फिलिस्तीनी आंदोलन हमास के लड़ाकों ने इजरायल की सीमा में घुसपैठ की, सेना और नागरिकों पर गोलीबारी की और बंधक बना लिया। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि इस हमले में लगभग 1,200 इजरायली नागरिक मारे गए थे। इसके जवाब में, इजरायल ने ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स शुरू किया और गाजा के क्षेत्र की पूरी नाकाबंदी कर दी।
Israel के हमलों में बड़े पैमाने पर तबाही
गाजा पट्टी में Israel हमलों के कारण हाल के महीनों में स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, मरने वालों की संख्या 45,500 से अधिक हो चुकी है। यह आंकड़ा इस बात को साफ तौर पर दर्शाता है कि इजरायली हमलों ने गाजा में भयावह मानवीय संकट उत्पन्न कर दिया है।
अस्पतालों, चिकित्सा सुविधाओं और नागरिकों को निशाना बनाए जाने से गाजा में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है, जिससे रोगियों और घायलों को इलाज मिलने में कठिनाइयां उत्पन्न हो रही हैं। गाजा की संकुलित परिस्थितियों ने इस संकट को और बढ़ा दिया है, जिससे फिलिस्तीनी नागरिकों की जीवन रेखा, चिकित्सा देखभाल, पर सीधा असर पड़ा है। यह संकट न केवल एक मानवाधिकार उल्लंघन का रूप ले चुका है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक गहरी चिंता का विषय बन चुका है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता
इस रिपोर्ट और Israel द्वारा अस्पतालों पर किए गए हमलों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गहरी चिंता व्याप्त हो गई है। मानवाधिकार संगठन और कई देशों ने Israel पर गाजा में नागरिकों और चिकित्सा कर्मचारियों की जान को खतरे में डालने और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
इस रिपोर्ट के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र ने Israel से मांग की है कि वह अस्पतालों पर हमले करने की अपनी नीति को तुरंत रोकें और ऐसे हमलों के लिए जवाबदेही तय करें। साथ ही, Israel से आग्रह किया गया है कि वह गाजा में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान को लेकर अपनी नीति में बदलाव लाए, ताकि नागरिकों को आवश्यक चिकित्सा सहायता मिल सके।
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