Kolkata: ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के दोषी को उम्र कैद की सजा
Kolkata की सियालदा कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के आरोपी संजय रॉय को उम्रभर की सजा सुनाई है। यह मामला इस समय काफी सुर्खियों में है क्योंकि सीबीआई ने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा दी। इस निर्णय पर पीड़ित परिवार ने अपनी नाराजगी जताई है और कहा कि दोषी को फांसी दी जानी चाहिए थी।
सीबीआई की फांसी की मांग पर कोर्ट का निर्णय
Kolkata: कोर्ट के सामने सीबीआई की तरफ से यह बयान दिया गया था कि इस मामले में आरोपी को फांसी दी जानी चाहिए क्योंकि यह मामला बेहद ही गंभीर और दुर्लभ है। सीबीआई का मानना था कि आरोपी ने अपनी हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। हालांकि, जज ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह मामला ‘रेयर ऑफ द रेयर’ नहीं है और इसलिए दोषी को उम्र भर की सजा दी जानी चाहिए। इसके साथ ही, जज ने यह भी स्पष्ट किया कि संजय रॉय की उम्र कैद 14 वर्षों में खत्म नहीं होगी, बल्कि उसे अपनी पूरी ज़िन्दगी जेल में ही काटनी होगी।
पीड़ित परिवार का विरोध और जज से नाराजगी
Kolkata: संजय रॉय को उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद पीड़ित महिला डॉक्टर के परिवार ने अदालत के फैसले पर तीव्र नाराजगी जताई। परिवार ने न केवल सजा को हलका करार दिया, बल्कि 50,000 रुपये के मुआवजे को भी अस्वीकार कर दिया। उनका कहना था कि डॉक्टर बिटिया का हत्यारा फांसी का हकदार है, न कि यह मामूली सजा। परिवार का कहना था कि इस तरह के अपराधों में अपराधी को कठोरतम सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक कड़ा संदेश जाए।
अदालत के फैसले के बाद संजय रॉय का बयान
Kolkata: कोर्ट में पेशी के दौरान संजय रॉय ने एक बार फिर से खुद को निर्दोष बताया और अदालत से अपनी सजा में रहम की गुहार लगाई। उसकी मां भी कोर्ट रूम में बैठी थी और उसने जज से अपने बेटे के लिए दया की अपील की। संजय ने कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है, लेकिन अदालत ने उसके दावे को नकारते हुए सजा का ऐलान किया।
कोर्ट की प्रक्रिया और अंतिम फैसला
Kolkata: आज कोर्ट में फैसला सुनाए जाने से पहले, जज साहब ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। सीबीआई ने दोषी के लिए फांसी की सजा की सिफारिश की, वहीं आरोपी के वकील ने उसकी उम्र, मानसिक स्थिति और पारिवारिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कम सजा की मांग की। इसके बाद कोर्ट ने सजा पर फैसला 2:45 बजे तक सुरक्षित रख लिया था, और अंत में दोषी को उम्रभर की सजा सुनाई गई।
महिला डॉक्टर की हत्या और समाज पर असर
यह घटना Kolkata के एक प्रतिष्ठित अस्पताल की है, जहाँ एक ट्रेनी डॉक्टर की हत्या और रेप की घटना ने पूरे समाज को हिला दिया। इस केस ने सवाल उठाए हैं कि महिलाओं की सुरक्षा और उनके प्रति हिंसा की घटनाओं में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी क्यों हो रही है। इस तरह के मामलों में न्याय मिलने की प्रक्रिया में देरी, सजा का निस्तारण और दोषियों को अधिकतम सजा देने में असमर्थता की आलोचना की जा रही है।
जज का बयान और ऊपरी अदालत में अपील का विकल्प
Kolkata: फैसला सुनाने के बाद जज ने पीड़ित परिवार से कहा कि उनका काम समाप्त हो चुका है, लेकिन अगर परिवार को लगता है कि न्याय नहीं हुआ है तो वे ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं। यह बयान कोर्ट की न्यायिक स्वतंत्रता और पारदर्शिता को दर्शाता है। इसके साथ ही, जज ने यह भी साफ किया कि पीड़ित पक्ष को मुआवजा देने का अधिकार था, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार किया, जिससे कोर्ट का फैसला एक और विवाद का कारण बन गया।
समाज में इस फैसले को लेकर चर्चा
Kolkata: इस फैसले के बाद पूरे समाज में इस पर बहस छिड़ गई है। एक तरफ जहां पीड़ित परिवार और उनके समर्थक इसे न्याय का मजाक करार दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे एक सटीक और उचित फैसला मानते हैं। समाज में इस बात को लेकर चिंतन किया जा रहा है कि इस तरह के गंभीर मामलों में अपराधियों को कठोर सजा मिलनी चाहिए ताकि महिलाओं के प्रति हिंसा और अपराध को रोका जा सके।
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