मुख्यमंत्री Mohan Yadav ने महाकुंभ की शुरुआत पर प्रसन्नता व्यक्त की
उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 13 जनवरी 2025 से शुरू हो चुका है, और इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने इसे ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है। डॉ. Mohan Yadav ने सोशल मीडिया के जरिए महाकुंभ के शुभारंभ पर अपनी शुभकामनाएं दीं और इसे भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना के अद्भुत मिलन का अवसर बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने भी महाकुंभ की शुरुआत पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर इस आयोजन को लेकर ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने महाकुंभ को एक श्रद्धा, भक्ति और अध्यात्म का महाकुम्भ बताते हुए सभी श्रद्धालुओं के लिए मंगलमय शुभकामनाएं दीं।
महाकुंभ का ऐतिहासिक महत्व
महाकुंभ मेला भारतीय धर्म और संस्कृति का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है। यह आयोजन हर 12 वर्ष में एक बार आयोजित होता है और इसमें विश्वभर से लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस बार महाकुंभ मेला प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु गंगा, यमुन और सरस्वती नदियों के संगम में डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करने की आस्था रखते हैं।
महाकुंभ का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और समाज के सामूहिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा भी है। यह आयोजन आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को प्रोत्साहित करने का एक प्रमुख अवसर है, जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और समुदायों के लोग एकजुट होते हैं। महाकुंभ मेला न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक उत्सव है।
मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav का संदेश
मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने महाकुंभ के शुभारंभ पर ट्वीट करते हुए लिखा, “आस्था, भक्ति एवं अध्यात्म के महाकुंभ का शुभारंभ…पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर तीर्थराज प्रयागराज की पुण्य भूमि पर आज विश्व के सबसे विशाल समागम ‘महाकुंभ’ का शुभारंभ हुआ। महाकुंभ के माध्यम से देश-विदेश से श्रद्धालुओं को भारत की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक चेतना के दर्शन होंगे। कुम्भ में पधारे समस्त श्रद्धालुओं को प्रथम स्नान की मंगलमय शुभकामनाएं। आप सभी श्रद्धालुओं पर मां गंगा की कृपा बरसे, समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हों, यही कामना है।”
मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav का यह संदेश भारतीय समाज की गहरी आध्यात्मिक भावना और धार्मिक आस्थाओं को उजागर करता है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जो लोगों को भारतीय संस्कृति और आस्था से जोड़ता है।
महाकुंभ और भारतीय संस्कृति
महाकुंभ मेला भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है। यह आयोजन न केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय समाज के सामूहिक जीवन और एकता का उत्सव भी है। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु संगम में स्नान करते हैं, और यही स्नान उन्हें आत्मशुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का रास्ता दिखाता है।
इस मेले के माध्यम से भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का संदेश पूरे विश्व में फैलता है। महाकुंभ के आयोजन के दौरान, भारत के विविध धार्मिक और सांस्कृतिक तत्व एक स्थान पर एकत्रित होते हैं, जो भारतीय समाज की सामूहिकता और विविधता को दर्शाते हैं।
राजनीतिक नेताओं की शुभकामनाएं
महाकुंभ की शुरुआत पर न केवल मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav, बल्कि राज्य मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) तथा कांग्रेस के नेताओं ने भी महाकुंभ मेला के आयोजन को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की है। नेताओं ने इस आयोजन को भारतीय समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सम्मानित किया और सभी श्रद्धालुओं के लिए मंगलमय शुभकामनाएं दीं।
राजनीतिक दलों के नेताओं ने महाकुंभ मेला को एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक समागम के रूप में देखा और इस आयोजन को लेकर देशवासियों के बीच एकता और भाईचारे का संदेश फैलाने की उम्मीद जताई।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या
महाकुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा सार्वजनिक धार्मिक समागम है, और इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस बार के महाकुंभ में भारतीय राज्यों के अलावा विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक ताकत और संस्कृति का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है।
महाकुंभ मेला विश्वभर के लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन चुका है। भारतीय संस्कृति में गहरी आस्था रखने वाले लोग इस मेले में सम्मिलित होते हैं और अपनी श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करते हैं।
मुख्यमंत्री का योगदान
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने महाकुंभ के आयोजन में सक्रिय भागीदारी और समर्थन जताया है। वे हमेशा भारतीय संस्कृति, धार्मिक आयोजनों और सामाजिक कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश में भी कई महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जो राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं।
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