मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने मध्यप्रदेश को डेयरी कैपिटल बनाने के लिए उठाए महत्वपूर्ण कदम
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने हाल ही में एक संगोष्ठी के दौरान राज्य में डेयरी क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में देश की डेयरी कैपिटल बनने की अपार क्षमता है और राज्य का कृषि और पशुपालन क्षेत्र समृद्धि की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। उनके अनुसार, राज्य के युवा शक्ति का उपयोग डेयरी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में किया जा सकता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
भारत के सबसे युवा देश होने के कारण युवा शक्ति का उपयोग जरूरी
डॉ. Mohan Yadav ने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में भारत सबसे युवा देशों में से एक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार, भारत के विकास में युवा शक्ति का पूरा उपयोग करना बहुत जरूरी है। डेयरी टेक्नोलॉजी युवा पीढ़ी के लिए एक नए मार्ग को खोल सकती है, जिससे न सिर्फ उनकी नौकरी के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि वे देश के विकास में भी योगदान कर सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में डेयरी टेक्नोलॉजी के अकादमिक डिग्री कोर्स की शुरुआत की जा रही है, जो छात्रों को इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्रदान करेगा।
विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी टेक्नोलॉजी का नया कोर्स
मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में आयोजित संगोष्ठी के दौरान यह भी घोषणा की कि अब पशुपालन डिग्री कोर्स केवल जबलपुर में ही नहीं, बल्कि उज्जैन में भी उपलब्ध होगा। इससे मध्यप्रदेश के छात्र-छात्राओं को डेयरी टेक्नोलॉजी में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, भविष्य में यह कोर्स अन्य विश्वविद्यालयों में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू किया जाएगा।
मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति और जलवायु का उपयोग
मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अद्भुत संभावनाएं हैं, जो राज्य की भौगोलिक स्थिति, जलवायु और उर्वरक भूमि से उत्पन्न होती हैं। डॉ. Mohan Yadav ने कहा कि राज्य का औसत दूध उत्पादन 673 ग्राम प्रति व्यक्ति है, जबकि राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य को इन उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं होना चाहिए और इसके लिए समेकित प्रयासों की आवश्यकता है ताकि राज्य डेयरी क्षेत्र में देश का नंबर-वन राज्य बने।
पशुपालकों के लिए बोनस और अन्य लाभ
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार दूध की प्रति लीटर क्रय के आधार पर पशुपालकों को बोनस प्रदान करेगी। इसका उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को प्रोत्साहित करना और डेयरी उद्योग को और अधिक लाभकारी बनाना है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार पशुधन के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए भी प्रयासरत है। इसके लिए सिंचाई क्षेत्र को बढ़ाया जाएगा ताकि मालवा क्षेत्र में कृषि और पशुपालन को और भी मजबूत किया जा सके।
मध्यप्रदेश को डेयरी कैपिटल बनाने के लिए सरकार के संकल्प
मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने अपने संबोधन में मध्यप्रदेश को देश का डेयरी कैपिटल बनाने के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प की भी पुष्टि की। राज्य में उपलब्ध जल संसाधनों और भूमि की उर्वरता को देखते हुए डेयरी उद्योग को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का दुग्ध उत्पादन देश में तीसरे स्थान पर है, लेकिन इसके बावजूद हमें इस क्षेत्र में और अधिक विकास की आवश्यकता है।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना का महत्व
संगोष्ठी में संभागायुक्त और उज्जैन दुग्ध संघ प्रशासक संजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav का आभार व्यक्त करते हुए पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना और केन-बेतवा नदी लिंक परियोजनाओं के माध्यम से कृषि और पशुपालन को होने वाले फायदे पर चर्चा की। इन परियोजनाओं का लक्ष्य प्रदेश के जल संसाधनों का बेहतर उपयोग करना है, जो कृषि और पशुपालन दोनों क्षेत्रों के लिए फायदेमंद होगा।
मुख्यमंत्री का स्वागत और कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना के साथ की गई, जिसमें सभी उपस्थित लोग एकजुट होकर देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav को एनसीसी कैडेट्स द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। विश्वविद्यालय के कुलगुरु अर्पण भारद्वाज ने मुख्यमंत्री का स्वागत शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर किया।
मुख्यमंत्री ने विक्रम विश्वविद्यालय के एक्टिविटी कैलेंडर का विमोचन किया
मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने कार्यक्रम के दौरान विक्रम विश्वविद्यालय के एक्टिविटी कैलेंडर का विमोचन किया, जो विश्वविद्यालय में होने वाली गतिविधियों का विवरण प्रदान करता है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, डी. के. पाण्डेय, राजेश कुशवाह और विश्वविद्यालय का स्टाफ भी उपस्थित था।
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