जस्टिस यशवंत वर्मा का स्थानांतरण, Allahabad हाईकोर्ट के वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, केंद्र से कोलेजियम के निर्णय को रद्द करने की मांग
दिल्ली हाईकोर्ट से Allahabad हाईकोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा के स्थानांतरण के बाद Allahabad हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी। उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा लिया गया स्थानांतरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता, तब तक वे न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करेंगे।
Allahabad: बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे पर संघर्ष जारी रखा जाएगा। एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से कोलेजियम के निर्णय में हस्तक्षेप कर इसे रद्द करने की मांग की है। इसके अतिरिक्त, फोटो एफिडेविड सेंटर को भी अगली सूचना तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
लखनऊ नगर निगम में पार्षद निधि बढ़ाई गई, 2025-26 के लिए बजट मंजूर
इस बीच, लखनऊ नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। पार्षदों की विकास निधि को 1.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.10 करोड़ रुपये करने का निर्णय लिया गया है। यह कदम शहर के विकास कार्यों को तेज करने और बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से उठाया गया है। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नगर निगम का कुल बजट 4236.63 करोड़ रुपये मंजूर किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 196.99 करोड़ रुपये अधिक है। इस बजट में सफाई व्यवस्था को प्राथमिकता दी गई है और इसके लिए 558.40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
महापौर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में हुई नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में कुल 12 सदस्य उपस्थित थे। इस बैठक में पार्षद निधि में बढ़ोतरी पर सहमति बन गई, जिससे शहर के विकास कार्यों में गति आने की उम्मीद है। वहीं, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि महापौर और नगर आयुक्त की निधि में भी कटौती पर सहमति बनी है। पहले महापौर की निधि 30 करोड़ रुपये थी, जिसे घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि नगर आयुक्त की निधि 25 करोड़ रुपये थी, जिसे अब 15 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
नगर निगम की सफाई व्यवस्था के लिए बड़ा बजट प्रावधान, विकास कार्यों के लिए विशेष फोकस
Allahabad: नगर निगम के बजट में सफाई व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण राशि का प्रावधान किया गया है। सफाई के लिए 558.40 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जो यह दर्शाता है कि नगर निगम ने इस क्षेत्र में सुधार करने के लिए प्राथमिकता दी है। सफाई व्यवस्था का सुधार लखनऊ के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह न केवल शहर की सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
महापौर और नगर आयुक्त की निधि में कटौती, शहर के विकास के लिए नए कदम
Allahabad: साथ ही, महापौर और नगर आयुक्त की निधि में कटौती की गई है। महापौर की निधि को 30 करोड़ रुपये से घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि नगर आयुक्त की निधि को 25 करोड़ रुपये से घटाकर 15 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि शहर के विकास कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे और फंड का सही तरीके से उपयोग हो।
अधिवक्ताओं का संघर्ष और प्रशासनिक निर्णय, शहर के भविष्य पर प्रभाव
इस समय, जहां एक ओर Allahabad हाईकोर्ट के वकील न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं, वहीं लखनऊ नगर निगम द्वारा लिए गए निर्णय शहर के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। पार्षदों की निधि में बढ़ोतरी और सफाई व्यवस्था के लिए बजट में वृद्धि शहर के विकास की दिशा को और मजबूती देगी। दूसरी ओर, न्यायिक कार्यों का असर प्रशासन और नागरिकों पर भी पड़ सकता है, जो न्यायपालिका पर निर्भर रहते हैं।
Read More: क्या आपको मिल रहा है JioHotstar सब्सक्रिप्शन फ्री? जानें इसे चेक करने का तरीका।