आशीष सूद का बड़ा हमला: Kejriwal सरकार के शिक्षा दावों पर उठाए सवाल
दिल्ली विधानसभा में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने Kejriwal सरकार के शिक्षा सुधारों पर सवाल उठाते हुए आंकड़ों के साथ आरोप लगाए। सूद ने दावा किया कि दिल्ली में 20 हजार क्लासरूम बनाने का जो वादा किया गया था, वह केवल 7 हजार तक ही सीमित रहा। उनका कहना था कि टॉयलेट, स्टोररूम, और अन्य सुविधाओं को भी क्लासरूम के रूप में गिना गया, जो शिक्षा क्रांति के दावों के विपरीत है। सूद ने इस संदर्भ में कहा कि पीडब्ल्यूडी के इस चलन को उनकी सरकार समाप्त करेगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
सूद का आरोप: प्रचार पर ज्यादा खर्च हुआ, शिक्षा पर कम
आशीष सूद ने Kejriwal सरकार के दौरान किए गए खर्चों का भी विश्लेषण किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के सुधारों पर जितना खर्च होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। उदाहरण के तौर पर, हैप्पीनेस करिकुलम पर 4 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन उसके प्रचार पर 20 करोड़ 87 लाख रुपये खर्च किए गए। इसी तरह, देशभक्ति करिकुलम पर 49 लाख रुपये खर्च किए गए, लेकिन इसके प्रचार पर 11 करोड़ 49 लाख रुपये खर्च किए गए। सूद ने यह आरोप भी लगाया कि Kejriwal सरकार का ध्यान शिक्षा के वास्तविक सुधारों पर नहीं, बल्कि प्रचार पर ज्यादा था।
मणिपुर के मुकाबले दिल्ली का शिक्षा खर्च: सूद की आलोचना
आशीष सूद ने मणिपुर का उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि जो लोग हर बार मणिपुर की शिक्षा व्यवस्था की आलोचना करते हैं, वे दिल्ली में केवल 1.5% का खर्च शिक्षा पर कर रहे थे। सूद के अनुसार, मणिपुर शिक्षा पर ज्यादा खर्च करता है, जबकि दिल्ली में शिक्षा के नाम पर लगातार भ्रष्टाचार हो रहा है। उनका कहना था कि जो लोग गरीबों के मसीहा बनने का दावा करते हैं, वे असल में शिक्षा के क्षेत्र में कुछ खास नहीं कर रहे हैं।
आशीष सूद की चेतावनी: “तुम्हारे कर्म तुमसे मिलने आएंगे”
मंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि एक दिन उन लोगों के कर्म उन तक पहुंचेंगे, जो शिक्षा के नाम पर झूठे दावे करते हैं और जनहित के मुद्दों को नजरअंदाज करते हैं। सूद ने चेतावनी दी कि लोगों को झूठे दावों से धोखा नहीं देना चाहिए, क्योंकि सच सामने आकर रहेगा।
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता
आशीष सूद की इस बयानबाजी से यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली में शिक्षा के सुधारों को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सूद ने न केवल Kejriwal सरकार के दावों की खामियों को उजागर किया, बल्कि उन मुद्दों पर भी चर्चा की जो आज भी शिक्षा के क्षेत्र में अनुत्तरित हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी और केवल प्रचार पर खर्च होने वाले पैसों को सही जगह पर खर्च किया जाएगा। उनका लक्ष्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
Read More: अलगाववाद का अंत होने की ओर बढ़ रहा है जम्मू कश्मीर: Amit Shah