मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav का स्पष्ट रुख: जनता का अहित बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, न्यायालय के आदेश का पालन होगा
Mohan Yadav: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड का रासायनिक अपशिष्ट इंदौर के नजदीक धार जिले के पीथमपुर पहुंचाए जाने के बाद से इस मुद्दे को लेकर स्थानीय समुदाय में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने इस विरोध के बीच स्पष्ट किया कि राज्य सरकार किसी भी स्थिति में जनता का अहित नहीं होने देगी और इस विषय को न्यायालय में उठाकर कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही कोई कदम उठाया जाएगा। उनका कहना था कि इस मुद्दे पर सरकार की प्राथमिकता जनता के हितों का संरक्षण और सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करना है।
पीथमपुर में बढ़ते विरोध के कारण
बीते कुछ दिनों से पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे के संदर्भ में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। स्थानीय लोग इस कचरे को लेकर विभिन्न चिंताओं और अफवाहों के बीच परेशान थे। इस विरोध प्रदर्शन में दो व्यक्तियों ने आत्मदाह करने की भी कोशिश की, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। स्थानीय लोगों ने पीथमपुर बंद की अपील भी की थी, जिससे प्रशासन को इस मुद्दे को शीघ्र सुलझाने की आवश्यकता महसूस हुई।
उच्चस्तरीय बैठक के बाद, मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने इस मुद्दे को लेकर संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि पीथमपुर में लोगों को सही तथ्यों की जानकारी नहीं थी, जिसके परिणामस्वरूप अफवाहें फैलीं और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी तथ्य और जानकारी सभी संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ साझा की गई।
सरकार का रुख: न्यायालय के आदेश का पालन
Mohan Yadav ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का रुख न्यायालय के आदेशों के अनुरूप है और किसी भी कार्यवाही से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जनता का अहित ना हो। उन्होंने कहा, “हम जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाली सरकार हैं, और हम हमेशा इस नीति पर चलेंगे।” डॉ. Mohan Yadav ने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत यूनियन कार्बाइड के कचरे का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित किया है और यह कार्यवाही केवल न्यायालय के आदेश पर ही की गई है।
उन्होंने बताया कि न्यायालय ने आदेश दिया था कि 4 जनवरी तक यह कचरा पीथमपुर के निर्धारित स्थान पर पहुंचा दिया जाए, और 6 जनवरी तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की मांग की थी। राज्य सरकार ने इन आदेशों का पालन करते हुए, कचरे को निर्धारित स्थान पर पहुंचाया। मुख्यमंत्री ने इस बात की पुष्टि की कि सुरक्षा के सभी मानकों का पालन किया गया है, और इस मामले में किसी प्रकार के खतरे की स्थिति नहीं उत्पन्न होनी चाहिए।
जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए जाएंगे
Mohan Yadav ने यह भी कहा कि अगर जनता के बीच किसी प्रकार की सुरक्षा संबंधी चिंताएं उत्पन्न होती हैं, तो राज्य सरकार इस विषय को न्यायालय में उठाएगी और उस पर कार्यवाही करने से पहले न्यायालय के आदेश का पालन करेगी। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार जनभावनाओं को समझती है और इस मामले में उचित कदम उठाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
Mohan Yadav ने कहा, “हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जनता का विश्वास बना रहे और कोई भी कार्यवाही जो जनता के लिए हानिकारक हो, उससे बचा जाए। राज्य सरकार इस विषय को न्यायालय में पूरी तरह से रखेगी और न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन करने के लिए तत्पर रहेगी।”
उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा और अधिकारियों की उपस्थिति
इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. Mohan Yadav ने उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल, वरिष्ठ सांसद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना और प्रमुख सचिव विधि सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में यूनियन कार्बाइड के कचरे के पीथमपुर में डंप किए जाने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सरकार इस मामले में जनता की भावनाओं और सुरक्षा को प्राथमिकता देगी, और उचित कदम उठाने के लिए सरकार पूरी तरह से सजग है। उन्होंने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की ग़लतफहमी को दूर करने के लिए सरकार ने पूरी पारदर्शिता के साथ कार्रवाई की है।
पीथमपुर में कचरे का जलाना: योजना और सुरक्षा उपाय
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाए जाने की योजना थी, हालांकि फिलहाल उसे केवल वहां रखा गया है। कचरे को जलाने की प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करना बेहद आवश्यक है। Mohan Yadav ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस प्रक्रिया में कोई भी अनहोनी न हो और सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जाए।