13 फरवरी को Natco Pharma के शेयरों में भारी गिरावट आई, जो कंपनी के कमजोर तिमाही परिणामों का परिणाम था। निवेशकों ने इस गिरावट के बीच भारी मात्रा में बिकवाली की, जिससे स्टॉक 20% टूटकर ₹975 के स्तर तक पहुंच गया। यह गिरावट कंपनी के कमजोर वित्तीय परिणामों के कारण आई, जिससे निवेशकों में चिंता पैदा हो गई। इसके अलावा, शेयरों में बिकवाली को रोकने के लिए कंपनी द्वारा घोषित डिविडेंड भी प्रभावी नहीं हुआ।
कमजोर तिमाही नतीजे और मुनाफे में गिरावट
Natco Pharma का शुद्ध मुनाफा 13 फरवरी को समाप्त तिमाही में 38% घटकर ₹132.4 करोड़ हो गया। पिछले साल की इसी अवधि में शुद्ध मुनाफा ₹212.7 करोड़ था। इसके साथ ही, कंपनी का राजस्व भी 37% घटकर ₹474.8 करोड़ रह गया, जो पिछले साल ₹758.6 करोड़ था। इन परिणामों से साफ है कि कंपनी के कारोबार में बड़ी गिरावट आई है, जो निवेशकों के लिए चिंता का कारण बनी।
इसके अलावा, EBITDA मार्जिन में भी भारी गिरावट देखने को मिली। कंपनी का EBITDA मार्जिन पिछले साल के 35.3% से घटकर सिर्फ 8.2% रह गया, जो कि 2,717 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट को दर्शाता है। यह गिरावट भी निवेशकों के लिए एक बड़ा संकेत था कि कंपनी का मुनाफा घट रहा है और उसकी वित्तीय स्थिति कमजोर हो रही है।
फॉर्मूलेशन एक्सपोर्ट्स में भारी गिरावट
Natco Pharma: कंपनी के लिए सबसे बड़ा झटका फॉर्मूलेशन एक्सपोर्ट्स में आई भारी गिरावट से लगा। इस क्षेत्र में कंपनी की बिक्री 50% से अधिक घटकर ₹285.8 करोड़ रह गई, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह ₹605.6 करोड़ थी। यह गिरावट कंपनी की विदेशी बाजारों में प्रदर्शन को प्रभावित कर रही है, जिससे उसकी आय में कमी आई है।
घरेलू फॉर्मूलेशन बिक्री भी गिरकर ₹96.1 करोड़ हो गई, जो पिछले साल ₹99.4 करोड़ थी। हालांकि यह गिरावट अधिक गंभीर नहीं थी, लेकिन यह भी दर्शाती है कि कंपनी को घरेलू बाजार में भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
बिकवाली और भारी ट्रेडिंग वॉल्यूम
13 फरवरी को Natco Pharma के शेयरों में बिकवाली की गति और तेज हो गई। यह गिरावट निरंतर पांचवें सत्र में जारी रही, और स्टॉक में करीब 20% की गिरावट आई। पिछले पांच सत्रों में इस स्टॉक का एक चौथाई मूल्य समाप्त हो चुका है।
13 फरवरी को, शेयर ₹1200 से ऊपर बंद हुआ था और अगले ही दिन ₹300 तक गिरकर ₹975 पर आ गया। यह गिरावट निवेशकों के मन में चिंता पैदा कर रही है, जो किसी भी सकारात्मक खबर या परिणाम की उम्मीद में निवेश कर रहे थे। इसके अलावा, heavy trading volume भी इस गिरावट का एक बड़ा कारण रहा। करीब 24 लाख शेयरों का लेन-देन हुआ, जो एक महीने के औसत 5 लाख शेयरों से लगभग पांच गुना अधिक था। इस भारी ट्रेडिंग वॉल्यूम ने बिकवाली को और बढ़ावा दिया।
डिविडेंड का ऐलान, लेकिन बिकवाली पर कोई असर नहीं
Natco Pharma: कंपनी ने अपने निवेशकों को यह खुशखबरी दी कि वह इस वित्त वर्ष के लिए तीसरे डिविडेंड का ऐलान कर रही है। कंपनी ने ₹1.50 प्रति शेयर का डिविडेंड देने की घोषणा की। हालांकि, डिविडेंड का ऐलान भी शेयरों में गिरावट को रोकने में सफल नहीं रहा। यह दर्शाता है कि निवेशक कंपनी के कमजोर परिणामों से निराश हैं, और डिविडेंड का ऐलान भी उनकी चिंताओं को दूर नहीं कर सका।
Natco Pharma: इसका मुख्य कारण यह हो सकता है कि निवेशक फर्म के वित्तीय स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। कमजोर तिमाही परिणाम और गिरते हुए मुनाफे ने निवेशकों के बीच भय पैदा कर दिया, और डिविडेंड का ऐलान भी इस बिकवाली को रोकने में नाकामयाब रहा।
विश्लेषकों का क्या कहना है?
विश्लेषकों के मुताबिक, Natco Pharma के कमजोर तिमाही नतीजे और गिरते मुनाफे ने निवेशकों के विश्वास को हिलाकर रख दिया है। इसके बावजूद कि कंपनी ने डिविडेंड का ऐलान किया, लेकिन कंपनी के वित्तीय स्थिति में सुधार की कोई ठोस योजना नहीं दिख रही है। फार्मास्युटिकल सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है और कंपनियों के लिए अधिक लाभ कमाना मुश्किल हो रहा है।
Natco Pharma: विश्लेषक यह भी मानते हैं कि यदि कंपनी अगले कुछ तिमाहियों में अपनी बिक्री और मुनाफे को बढ़ाने में सफल नहीं होती, तो उसकी स्थिति और भी कमजोर हो सकती है। हालांकि, कुछ विश्लेषक यह भी कहते हैं कि Natco Pharma एक मजबूत ब्रांड है और अगर वह अपनी रणनीतियों में बदलाव करती है, तो उसे अगले कुछ महीनों में सुधार देखने को मिल सकता है।
Read More: लॉटरी और हॉर्स रेस पर TDS नियमों में बदलाव: जानें नया नियम