1 अप्रैल से लागू होंगे 5 बड़े वित्तीय नियम: UPI से लेकर क्रेडिट कार्ड तक, आपके जीवन पर पड़ेगा सीधा असर
नया वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है, और इसके साथ ही कई अहम नियमों में बदलाव होगा। इनमें UPI पेमेंट से लेकर बैंकों में न्यूनतम बैलेंस रखने तक के नियम शामिल हैं। ये बदलाव ना केवल टैक्सपेयर्स, बल्कि सामान्य बैंक ग्राहकों, व्यापारियों और क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। इस लेख में हम आपको 1 अप्रैल से लागू होने वाले इन बदलावों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिनका आपके वित्तीय जीवन पर सीधा असर पड़ेगा।
1. UPI पेमेंट से जुड़ी नई गाइडलाइंस
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI से जुड़ी एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसका प्रभाव 1 अप्रैल से होगा। इस नई गाइडलाइन के तहत, सभी बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) को अब अपनी UPI आईडी को हर हफ्ते अपडेट करना होगा। इसके कारण, उन UPI आईडी को बंद किया जा सकता है जो लंबे समय से निष्क्रिय हैं। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि UPI ट्रांजैक्शन्स को और अधिक सुरक्षित और एरर-फ्री बनाया जा सके। इसका मतलब यह है कि अगर आपने अपनी UPI आईडी को लंबे समय से इस्तेमाल नहीं किया है, तो आपको उसे फिर से एक्टिवेट करने के लिए प्रक्रिया को फॉलो करना पड़ सकता है।
2. GST पोर्टल पर मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA)
जीएसटी पोर्टल में भी 1 अप्रैल से महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं। नए नियमों के अनुसार, अब मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) लागू किया जाएगा, जिससे पोर्टल को अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा। इस व्यवस्था से टैक्सपेयर्स के साथ होने वाले फ्रॉड में कमी आएगी और पोर्टल की सुरक्षा में सुधार होगा। इसके अलावा, ई-वे बिल्स के लिए नए नियम भी लागू हो रहे हैं। अब केवल उन ट्रांजैक्शन्स के लिए ई-वे बिल जनरेट किया जाएगा जिनका बेस डॉक्यूमेंट 180 दिन से अधिक पुराना नहीं है। यह कदम कारोबारियों को और अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा प्रदान करेगा।
3. क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव
क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के लिए भी कई अहम बदलाव हो रहे हैं। 1 अप्रैल से कुछ क्रेडिट कार्ड्स के रिवार्ड प्वाइंट सिस्टम में बदलाव देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए, SBI SimplyCLICK और Air India SBI Platinum Credit Card के रिवार्ड प्वाइंट्स में बदलाव किया गया है। इसके अलावा, एक्सिस बैंक भी अपने विस्तारा क्रेडिट कार्ड को अपडेट कर रहा है, जो अब एयर इंडिया के साथ मर्ज हो चुका है। इन बदलावों से क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के लिए रिवार्ड्स और लाभ में बदलाव हो सकता है, और उन्हें अपनी खर्च की आदतों पर ध्यान देना होगा।
4. टैक्स स्लैब में बदलाव और आयकर में छूट
एक अप्रैल से नए टैक्स स्लैब में बदलाव किए गए हैं। अब 12 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को आयकर में छूट मिलेगी। इसका मतलब यह है कि अगर आपकी सालाना आय 12 लाख रुपये तक है, तो आपको अगले वित्तीय वर्ष में आयकर नहीं देना होगा। इसके अलावा, वेतनभोगी कर्मचारियों को 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा, जिससे उनकी टैक्स योग्य आय में कमी आएगी। इसके चलते न्यू टैक्स रिजीम में 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके साथ ही टैक्स स्लैब में भी कुछ अन्य बदलाव किए गए हैं, जो टैक्सपेयर्स को राहत देंगे और उनके लिए आयकर भरने में आसानी होगी।
5. बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की लिमिट में बदलाव
1 अप्रैल से कई बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस की लिमिट को बढ़ा दिया है। इनमें प्रमुख बैंकों जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और केनरा बैंक शामिल हैं। अब इन बैंकों के ग्राहकों को अपने खातों में न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य होगा, और यदि वे इस लिमिट को पूरा नहीं करते हैं, तो उन्हें पेनाल्टी का सामना करना पड़ेगा। यह बदलाव ग्राहकों को अपने खातों में पर्याप्त बैलेंस बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगा। इस नए नियम से बैंक खाता धारकों को यह ध्यान रखना होगा कि वे अपनी खातों में निर्धारित न्यूनतम बैलेंस रखें ताकि कोई अतिरिक्त शुल्क या पेनाल्टी न लगे।
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