Ajit Pawar से बागी Chhagan Bhujbal भाजपा में शामिल होंगे! फडणवीस से मुलाकात, भतीजा भी साथ

Chhagan Bhujbal

Chhagan Bhujbal की भाजपा में जाने की चर्चाओं के बीच फडणवीस से मुलाकात, Ajit Pawar के बाद अगला कदम क्या होगा?

महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता Chhagan Bhujbal और उनकी नाराजगी के पीछे का कारण तब सामने आया, जब उन्हें महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा नहीं बनाया गया। इसके बाद, उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इस मुलाकात में छगन भुजबल के साथ उनके बेटे समीर भुजबल भी मौजूद थे। यह बैठक करीब 40 मिनट तक चली और इस बैठक के बाद से विभिन्न राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या छगन भुजबल भाजपा में शामिल होंगे और उनका अगला कदम क्या होगा?

Chhagan Bhujbal की नाराजगी

Chhagan Bhujbal, जो कि अजित पवार के करीबी सहयोगी माने जाते हैं, इस समय सरकार में अपनी स्थिति से असंतुष्ट हैं। उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें कम से कम कैबिनेट में स्थान मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे नाराज होकर भुजबल ने अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर व्यक्त की थी। उनका कहना था कि वह किसी के द्वार का खिलौना नहीं हैं, जिसे जब चाहा इस्तेमाल किया और जब चाहा छोड़ दिया। इसी कारण, भुजबल ने फडणवीस से मिलने का निर्णय लिया, और यह मुलाकात राजनीतिक हलकों में चर्चा का कारण बन गई।

क्या Chhagan Bhujbal भाजपा में शामिल हो रहे हैं?

मुलाकात के बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि Chhagan Bhujbal भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उनके समर्थक और कई राजनीतिक विश्लेषक इसे एक संकेत मान रहे हैं कि भुजबल भाजपा में जाने का विचार कर रहे हैं। Chhagan Bhujbal के समर्थकों का यह भी कहना है कि उन्हें ओबीसी समाज के लिए उनके संघर्ष और काम को सम्मानित किया जाना चाहिए। भाजपा में शामिल होने से Chhagan Bhujbal को ओबीसी वर्ग में अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिलेगा, क्योंकि भाजपा में ओबीसी नेताओं को अच्छा सम्मान प्राप्त है।

ओबीसी समाज में नाराजगी और भुजबल की स्थिति

ओबीसी समाज के प्रतिनिधियों से मिलने के बाद, यह बात सामने आई कि भुजबल की नाराजगी उनके अपने समुदाय के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। भुजबल को यह उम्मीद थी कि उन्हें कैबिनेट में जगह मिलेगी, जिससे ओबीसी समाज में उनका सम्मान बढ़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस पर उनके समर्थकों का कहना है कि अगर छगन भुजबल को सम्मानित नहीं किया जाता, तो ओबीसी समुदाय में नाराजगी बढ़ सकती है। इसे दूर करने के लिए उनकी भाजपा में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई है।

अजित पवार से संबंध और भविष्य की दिशा

अजित पवार और Chhagan Bhujbal के संबंध हमेशा से ही मजबूत रहे हैं। अजित पवार ने भुजबल को हमेशा अपने साथ रखा था, खासकर ओबीसी वर्ग के मुद्दों को लेकर। लेकिन जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए, तो भुजबल का रुख अचानक बदलता हुआ नजर आया। अब चर्चा यह भी है कि अजित पवार के रुख को देखते हुए भुजबल भाजपा में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं, ताकि ओबीसी समुदाय में अपनी स्थिति और राजनीतिक ताकत को मजबूत कर सकें।

बहुजन अघाड़ी का समर्थन

मुंबई में हाल ही में हुई बहुजन अघाड़ी की बैठक में भी Chhagan Bhujbal के बारे में विचार हुआ। बैठक में यह चर्चा की गई कि क्यों न भुजबल को समर्थन दिया जाए, क्योंकि उन्होंने हमेशा बहुजन समाज की आवाज उठाई है। अघाड़ी के सदस्य यह मानते हैं कि छगन भुजबल प्रदेश के बड़े ओबीसी नेता हैं और उनके पास समाज में एक मजबूत स्थिति है। यही कारण है कि उन्हें भाजपा से जोड़ने की बात की जा रही है, जहां ओबीसी नेताओं को सम्मान और महत्त्व दिया जाता है।

छगन भुजबल का अगला कदम

इस मुलाकात और चर्चाओं के बीच, सभी की नजरें अब Chhagan Bhujbal पर टिकी हुई हैं। अगर वह भाजपा में शामिल होते हैं, तो यह न केवल उनके लिए एक बड़ा राजनीतिक कदम होगा, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में भी एक बड़ा बदलाव ला सकता है। भाजपा में शामिल होकर भुजबल अपनी राजनीतिक ताकत को और बढ़ा सकते हैं और ओबीसी समुदाय में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।

साथ ही, अगर Chhagan Bhujbal भाजपा में शामिल होते हैं, तो यह अजित पवार और उनके सहयोगियों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। भुजबल का भाजपा से जुड़ना राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे भाजपा को महाराष्ट्र में ओबीसी समुदाय में और अधिक समर्थन मिल सकता है।

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