प्रयागराज Mahakumbh: माघ पूर्णिमा पर 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी, व्यवस्था ने बनाई रिकॉर्ड
प्रयागराज में माघ पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ ने Mahakumbh का नजारा एक बार फिर जीवंत किया। करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाकर इस पवित्र अवसर को यादगार बना दिया। माघ महीने की पूर्णिमा के दिन संगम तट पर उमड़ी भक्तों की भीड़ ने श्रद्धा और विश्वास का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।
इस दौरान प्रशासन की तत्परता और उच्चतम स्तर की व्यवस्था को भी सराहा गया, लेकिन भारी भीड़ के कारण यात्रियों को ट्रेनों और बसों में कुछ परेशानी का सामना भी करना पड़ा।
योगी आदित्यनाथ की चौकस निगरानी
Mahakumbh: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माघ पूर्णिमा के स्नान पर्व के लिए पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने सुबह 4 बजे से ही प्रशासन की व्यवस्थाओं का जायजा लेना शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री ने स्वयं स्थिति का मूल्यांकन किया और सुनिश्चित किया कि कोई भी श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के स्नान कर सके।
प्रशासन ने यातायात, सफाई, चिकित्सा सेवाओं, और सुरक्षा के हर पहलू पर खास ध्यान दिया। हर किसी को बेहतर सुविधा देने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे, जिससे पूरे आयोजन में कोई बड़ी अव्यवस्था उत्पन्न न हो।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और प्रशासन की तैयारियां
Mahakumbh: माघ पूर्णिमा पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज आते हैं, लेकिन इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। संगम पर स्नान के लिए पहुंचे करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने प्रशासन की चुनौती को और बढ़ा दिया था। इसके बावजूद, प्रशासन ने बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों, मेडिकल टीमों, और सफाई कर्मचारियों को तैनात किया था। हेल्पलाइन और सूचना केंद्र भी बनाए गए थे ताकि श्रद्धालु आसानी से सही मार्ग की जानकारी प्राप्त कर सकें।
संगम क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसमें ड्रोन कैमरों से निगरानी, सीसीटीवी कैमरे और तैनात सुरक्षा बलों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की। इसके अलावा, स्नान के बाद श्रद्धालुओं को गर्म पानी, चाय, और अन्य जरूरी सुविधाएं भी प्रदान की गई थीं। इसके साथ ही, जलपान केंद्र और शिविरों का भी इंतजाम किया गया था, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न हो।
यात्री सुविधाओं में परेशानी
Mahakumbh: हालांकि प्रशासन ने सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के लिए पर्याप्त तैयारी की थी, लेकिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने ट्रेनों और बसों में यात्रा करने वालों को थोड़ी परेशानी में डाल दिया। विशेषकर उन श्रद्धालुओं को जो दूर-दराज के इलाकों से ट्रेन और बसों के जरिए प्रयागराज पहुंचे थे।
ट्रेनों और बसों की भीड़ के कारण कई यात्रियों को जगह पाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा और कुछ मामलों में गंतव्य तक पहुँचने में देरी हुई। प्रशासन ने इस पर भी नजर रखी और कोशिश की कि जितना संभव हो सके भीड़ को नियंत्रित किया जा सके, लेकिन विशाल संख्या के कारण कुछ असुविधाएं पैदा हुईं।
गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम में आस्था
Mahakumbh: माघ पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह दिन विशेष रूप से संगम में स्नान करने के लिए माना जाता है, जो गंगा, यमुन और सरस्वती नदियों के मिलन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। श्रद्धालु इस दिन यहां आकर पवित्र स्नान करते हैं और अपने पापों से मुक्ति की प्राप्ति की कामना करते हैं।
प्रयागराज का यह Mahakumbh हर साल विश्वभर से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं का सैलाब संगम पर उमड़ा, और इस धार्मिक अवसर ने शहर को एक विशाल धार्मिक आयोजन का रूप दिया।
प्रशासन के इंतजामों की सराहना
Mahakumbh: प्रशासन की व्यवस्थाओं को इस बार खासे सकारात्मक समीक्षाएं मिली हैं। विशेष रूप से, स्वास्थ्य सेवाओं और सफाई के मोर्चे पर बड़ी सफलता हासिल की गई थी। भारी भीड़ के बावजूद, चिकित्सकीय सहायता के लिए तैनात अस्पतालों और मोबाइल चिकित्सा इकाइयों ने किसी भी आपात स्थिति को प्रभावी तरीके से संभाला। संगम क्षेत्र में सफाई बनाए रखने के लिए कर्मचारियों की टीम ने लगातार काम किया, और शौचालयों की सुविधा का विस्तार भी किया गया।
इसके अलावा, यातायात व्यवस्था के तहत मार्गों का उचित डायवर्जन किया गया था, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं के आने के बावजूद, यातायात व्यवस्था को संभालने में प्रशासन ने बेहतरीन काम किया।
निचले इलाकों में भी विशेष इंतजाम
Mahakumbh: प्रशासन ने सिर्फ संगम क्षेत्र तक ही सीमित न रहते हुए, आसपास के निचले इलाकों में भी श्रद्धालुओं की भारी संख्या का ध्यान रखा। माघ पूर्णिमा पर अन्य इलाकों में भी जलकुंभ, रात्रि दर्शन और भंडारे आयोजित किए गए थे, जहां प्रशासन ने सार्वजनिक सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा।
Read More: Modi-Trump Meet: क्या PM Modi टैरिफ और डिपोर्टेशन पर ट्रंप को मना पाएंगे?