सोनिया गांधी पर UAPA और NIA जांच की मांग, जॉर्ज सोरोस से लिंक का मामला उठाया
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी पर जॉर्ज सोरोस से जुड़े होने और कश्मीर को एक अलग देश बनाने की वकालत करने के आरोपों के बीच, पूर्व सांसद महेश जेठमलानी ने एक बड़ी मांग की है। उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ UAPA (गैरकानूनी गतिविधियों रोकथाम अधिनियम) के तहत जांच की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को कार्रवाई करनी चाहिए। यह विवाद तब उठा जब महेश जेठमलानी ने सोनिया गांधी के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें वह एक अंतर्राष्ट्रीय फोरम की सह-अध्यक्ष रहीं, जो कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने की वकालत करता है।
इस मुद्दे को लेकर महेश जेठमलानी ने दावा किया कि यह बयान भारत के आपराधिक कानून के तहत आता है, और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उनका कहना है कि सोनिया गांधी जिस थिंक टैंक का हिस्सा थीं, वह जॉर्ज सोरोस से जुड़ा हुआ है, और इस संस्था के जरिए कश्मीर को लेकर एक अलग राष्ट्र की बात करना देश की संप्रभुता के खिलाफ है। ऐसे में यह आरोप गंभीर हैं और इन पर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। महेश जेठमलानी के अनुसार, इस मामले में NIA को तुरंत जांच शुरू करनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्या विदेशी शक्तियों का हस्तक्षेप भारत के आंतरिक मामलों में हो रहा है।
महेश जेठमलानी का आरोप: थिंक टैंक का संबंध जॉर्ज सोरोस से
महेश जेठमलानी ने इस विवाद को लेकर सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सोनिया गांधी एक ऐसे थिंक टैंक ‘फोरम फॉर डेमोक्रेटिक लीडर-एशिया पेसिफिक’ की सह-अध्यक्ष रही हैं, जो कश्मीर को भारत से अलग करने की बात करता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के बयान भारत की संप्रभुता और आधिकारिक नीतियों के खिलाफ हैं और यह UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत अपराध के तौर पर लिए जाने चाहिए।
महेश जेठमलानी ने यह आरोप भी लगाया कि यह संस्था जॉर्ज सोरोस के प्रभाव में काम करती है, जो एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय निवेशक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो हमेशा से भारत की राजनीति और कश्मीर मुद्दे पर नकारात्मक रूप से टिप्पणियां करते रहे हैं। सोरोस के फाउंडेशन द्वारा इस थिंक टैंक को फंडिंग करने की बातें कही जा रही हैं। इस फंडिंग के माध्यम से, कथित तौर पर यह संगठन कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के एजेंडे को आगे बढ़ाता है।
UAPA के तहत सोनिया गांधी पर मामला दर्ज किया जाए
NIA जांच की मांग: महेश जेठमलानी ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि सोनिया गांधी के इस लिंक और उनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को इस मामले की जांच शुरू करनी चाहिए। उनका कहना है कि अगर किसी विदेशी संगठन या व्यक्ति के साथ भारत के एक प्रमुख नेता का संबंध है, जो कश्मीर के अलगाववाद को बढ़ावा देता है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। इसलिए सोनिया गांधी के खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि यह जांच की जा सके कि क्या वाकई इसमें विदेशी फंडिंग और विदेशी प्रभाव शामिल हैं, जो भारत के संप्रभुता के खिलाफ काम कर रहे हैं।
NIA के तहत ऐसे मामलों में निषिद्ध गतिविधियों के आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सकता है और जांच की जाती है कि क्या ये गतिविधियां देशद्रोह या आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं। महेश जेठमलानी के अनुसार, अगर सोनिया गांधी की भूमिका जॉर्ज सोरोस और उनकी संस्था से जुड़ी हुई है, तो यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर हो सकता है।
NIA जांच की मांग: कानून का पालन और कार्रवाई की आवश्यकता
NIA जांच की मांग: महेश जेठमलानी के अनुसार, अगर सोनिया गांधी और उनकी सह-अध्यक्षता वाली संस्था के संबंधों की जांच की जाती है, तो इससे यह पता चल सकता है कि क्या जॉर्ज सोरोस और उनके संगठनों का भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई दुराग्रह है। उनका कहना है कि NIA को इस मामले की जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि क्या कोई विदेशी एजेंडा भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है।
NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) का प्रमुख काम आतंकवाद, देशद्रोह और ऐसे मामलों की जांच करना है, जो देश की संप्रभुता या सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं। महेश जेठमलानी के मुताबिक, अगर सोनिया गांधी की भूमिका जॉर्ज सोरोस और उनकी संस्था से जुड़ी हुई है, तो यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर हो सकता है।
कांग्रेस और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
NIA जांच की मांग: इस मामले में कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं ने महेश जेठमलानी के आरोपों का विरोध किया है। कांग्रेस का कहना है कि यह आरोप राजनीतिक द्वेष और बेहद आधारहीन हैं। कांग्रेस पार्टी ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी के खिलाफ इस तरह की जांच की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनके और पार्टी के अन्य नेताओं के लिए भारत के संविधान और उसके मूल्यों के खिलाफ कोई गतिविधि करने का कोई सवाल नहीं है।
वहीं कुछ विपक्षी दलों ने महेश जेठमलानी के आरोपों को एकतरफा और संवेदनशील मुद्दे पर उठाए गए आरोप बताया है। उनका कहना है कि यह केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए एक रणनीति हो सकती है, जो केवल विभाजन और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति को बढ़ावा देती है।
कश्मीर मुद्दा और विदेशी हस्तक्षेप
कश्मीर के अलगाववाद और भारत में विदेशी हस्तक्षेप का मुद्दा हमेशा से राजनीतिक विवाद का कारण रहा है। कई बार विदेशी फंडिंग और संगठनों के कश्मीर में हस्तक्षेप को लेकर आरोप लगाए गए हैं। महेश जेठमलानी ने सोनिया गांधी पर जो आरोप लगाए हैं, उनका कश्मीर के लिए संभावित अलगाववाद पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है। यह समस्या न केवल भारत की सुरक्षा बल्कि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के लिहाज से भी जटिल हो सकती है, क्योंकि इसमें विदेशी शक्तियां और उनका प्रभाव शामिल हो सकते हैं।
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