PM Modi के पॉडकास्ट पर पाकिस्तान का आक्रोश: भारत-पाकिस्तान संबंधों पर खुलकर बोले मोदी, पाकिस्तान ने कहा – “भ्रामक और एकतरफा”
PM Modi के हालिया पॉडकास्ट ने पाकिस्तान को आहत कर दिया है, जिसके बाद इसने PM Modi के बयानों को “भ्रामक और एकतरफा” करार दिया। अमेरिका के प्रसिद्ध पॉडकास्टर और कंप्यूटर वैज्ञानिक लेक्स फ्रिडमैन के साथ रविवार को रिलीज हुए तीन घंटे के पॉडकास्ट में PM Modi ने भारत-पाकिस्तान संबंधों, शांति की पहल और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर अपने विचार रखे। मोदी ने इस दौरान कहा कि भारत ने हमेशा पाकिस्तान के साथ शांति की पहल की, लेकिन इसके जवाब में उसे केवल शत्रुता और विश्वासघात ही मिला।
भारत ने शांति की कोशिश की, पाकिस्तान ने दी शत्रुता और विश्वासघात
PM Modi ने अपने पॉडकास्ट में यह स्पष्ट किया कि भारत ने हमेशा पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने की कोशिश की है। उन्होंने 2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करने का उदाहरण दिया और कहा कि उनका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करना था। हालांकि, इसके बाद जो भी शांति की कोशिशें हुईं, उनका परिणाम केवल शत्रुता और विश्वासघात के रूप में सामने आया। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खतरे को लेकर पूरी दुनिया जानती है कि आतंकी घटनाओं का कहीं न कहीं पाकिस्तान से संबंध होता है।
पाकिस्तान ने PM Modi की टिप्पणी को “भ्रामक और एकतरफा” बताया
पाकिस्तान ने PM Modi की इस टिप्पणी पर विरोध जताते हुए इसे भ्रामक और एकतरफा करार दिया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान जारी कर PM Modi के बयान को खारिज किया और कहा कि इन टिप्पणियों में जानबूझकर जम्मू-कश्मीर के विवाद को नजरअंदाज किया गया है। पाकिस्तान ने इस विवाद को सात दशकों से अनसुलझा बताते हुए आरोप लगाया कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र, पाकिस्तान और कश्मीर के लोगों से यह वादा किया था कि इस विवाद का समाधान किया जाएगा, लेकिन अब तक इसे हल नहीं किया गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया कि वह उसके क्षेत्रों में टारगेट किलिंग, तोड़फोड़ और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं: PM Modi
PM Modi ने पॉडकास्ट में यह भी कहा कि उन्हें यकीन है कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं, क्योंकि वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंकी माहौल से थक चुके होंगे। उन्होंने यह माना कि पाकिस्तान में होने वाली हिंसा और आतंकवादी घटनाओं ने वहां के लोगों की जिंदगी बर्बाद कर दी है और इसने मासूम बच्चों की हत्या जैसी घटनाओं को जन्म दिया है। मोदी ने कहा कि शांति के लिए उनका पहला प्रयास सद्भावना का संकेत था, और यह उदाहरण उन्होंने 2014 में सभी सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित करने के रूप में प्रस्तुत किया।
पाकिस्तान का बयान और PM Modi के उत्तर
पाकिस्तान का कहना है कि PM Modi की टिप्पणी में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ भ्रामक आरोप लगाए हैं और जम्मू-कश्मीर के विवाद को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है। पाकिस्तान ने मोदी के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें एकतरफा और तथ्यों से परे बताया। पाकिस्तान का दावा है कि भारत की नीतियों और कार्रवाइयों के कारण ही क्षेत्रीय तनाव बढ़ा है, और भारत ने कभी भी शांति की वास्तविक पहल नहीं की। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को आह्वान किया कि वह शांति का रास्ता अपनाए और दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए।
भारत की विदेश नीति और शांति की प्रतिबद्धता
PM Modi ने इस पॉडकास्ट के दौरान भारत की विदेश नीति के स्पष्ट और आत्मविश्वास से भरे दृष्टिकोण की बात की। उन्होंने बताया कि भारत ने हमेशा शांति और सद्भाव की ओर कदम बढ़ाए हैं और यह उसकी विदेश नीति का हिस्सा रहा है। उनका कहना था कि भारत ने न केवल अपने पड़ोसियों के साथ बल्कि पूरी दुनिया के साथ शांतिपूर्ण रिश्तों की स्थापना की है। हालांकि, उन्हें अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं, क्योंकि पाकिस्तान और अन्य तत्वों की तरफ से इस दिशा में सही प्रयास नहीं किए गए हैं।
शांति की पहल और पाकिस्तान का रुख
PM Modi ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि भारत की तरफ से लगातार शांति की पहल की गई है, लेकिन पाकिस्तान का रुख हमेशा नकारात्मक रहा है। भारत ने पाकिस्तान को कई बार दोस्ती और शांति का संदेश दिया है, लेकिन हर बार उसे न केवल शत्रुता का सामना करना पड़ा, बल्कि विश्वासघात भी हुआ। उनका कहना था कि पाकिस्तान को अब सद्बुद्धि प्राप्त होनी चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच रिश्तों को सुधारने का एक मौका मिले।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव और पाकिस्तान का जवाब
भारत के प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार की संभावना फिलहाल बहुत कम है। पाकिस्तान ने अपने बयान में इस बात का संकेत दिया है कि वह भारत के आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह इस विवाद को हल करने के लिए किसी निष्कर्ष पर पहुंचे, लेकिन फिलहाल दोनों देशों के बीच कोई ठोस समाधान दिखाई नहीं दे रहा है
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