14 नक्सलियों की मौत पर Amit Shah का बयान, नक्सलवाद पर करारा प्रहार

Amit Shah

Amit Shah का बयान: नक्सलियों की मौत पर सुरक्षा बलों की सराहना, नक्सलवाद पर करारा प्रहार

केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर सुरक्षा बलों द्वारा किए गए संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों को मारे जाने के बाद इसे नक्सलवाद पर एक और करारे प्रहार के रूप में सराहा। Amit Shah ने अपने बयान में कहा कि यह कदम नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में एक बड़ी सफलता है और यह दिखाता है कि नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें ले रहा है।

नक्सलवाद पर करारा प्रहार

Amit Shah ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने संदेश में सुरक्षा बलों की तारीफ करते हुए कहा, “नक्सलवाद पर एक और करारा प्रहार। हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। सीआरपीएफ, एसओजी ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों को मार गिराया।”

उन्होंने यह भी कहा कि “नक्सल मुक्त भारत” के लिए सरकार का संकल्प मजबूत है और सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से नक्सलवाद का सफाया किया जा रहा है। Amit Shah ने यह भी उल्लेख किया कि इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम दिनों में है और सुरक्षा बलों की लगातार मेहनत से इस समस्या पर काबू पाया जा रहा है।

संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों की मौत

यह विशेष अभियान ओडिशा के नुआपाड़ा जिले की सीमा से केवल पांच किलोमीटर दूर स्थित छत्तीसगढ़ के कुलारीघाट रिजर्व फॉरेस्ट में चलाया गया था। ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ सीआरपीएफ के कर्मियों ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने 14 नक्सलियों को मार गिराया। यह बड़ी सफलता उस समय हासिल की गई जब नक्सलियों ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा के जंगलों में सुरक्षा बलों के खिलाफ हमला करने का प्रयास किया।

इस संयुक्त अभियान की सफलता को लेकर ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों ने भी खुशी जाहिर की और इसे नक्सलवाद के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम बताया। सुरक्षा बलों द्वारा यह कार्रवाई नक्सलियों की सक्रियता को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ी जीत मानी जा रही है।

नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की कड़ी नीति

Amit Shah ने हमेशा नक्सलवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता को महसूस किया है और उनकी सरकार ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उनका कहना है कि नक्सलवाद केवल एक कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है, बल्कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने नक्सलवाद के खिलाफ विशेष अभियान की योजना बनाई है जिसमें राज्य पुलिस के साथ केंद्रीय बलों का भी सक्रिय रूप से सहयोग लिया जाता है। इसके तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में न केवल सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है, बल्कि स्थानीय विकास कार्यों पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि लोगों को नक्सलवाद से मुक्ति मिल सके और वे मुख्यधारा में जुड़ सकें।

नक्सलवाद का दंश और सुरक्षा बलों का साहस

नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों का यह अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। नक्सलियों की छावनियों और उनके अड्डों को ध्वस्त करना आसान नहीं होता, क्योंकि वे अक्सर जंगलों और दुर्गम इलाकों में छुपकर रहते हैं। बावजूद इसके, सुरक्षा बलों ने अपनी पूरी ताकत और साहस के साथ नक्सलियों को निशाना बनाया और उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया।

साथ ही, Amit Shah ने यह भी कहा कि इस अभियान में शहीद हुए सुरक्षा बलों के जवानों की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी बहादुरी और बलिदान देश के प्रति उनके योगदान को दर्शाता है। केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों के जरिए वहां के लोगों को बेहतर जीवन देने की दिशा में काम कर रही है।

नक्सलवाद के खिलाफ मोदी सरकार की नीति

Amit Shah: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ कड़ी नीति अपनाई है और इस पर समय-समय पर चर्चा भी की है। उनका कहना है कि नक्सलवाद से निपटने के लिए केवल सुरक्षा बलों की कार्रवाई ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सुधार भी जरूरी हैं। सरकार का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता देना है, ताकि वहां के लोग नक्सलियों के प्रभाव से बाहर आ सकें।

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