PM Modi ने स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि
PM Modi ने रविवार को स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानन्द को युवाओं के लिए एक शाश्वत प्रेरणा स्रोत बताते हुए कहा कि वे हमेशा युवा मन में जुनून और उद्देश्य को प्रज्वलित करते रहते हैं। PM Modi ने अपने संदेश में यह भी कहा कि भारत को एक मजबूत और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हम स्वामी विवेकानन्द के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर श्रद्धांजलि
स्वामी विवेकानन्द भारतीय समाज और विश्व स्तर पर एक प्रभावशाली विचारक, योगी और समाज सुधारक के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनके विचारों और कार्यों का प्रभाव आज भी लाखों लोगों पर पड़ा है। PM Modi ने उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया और कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने हमेशा युवाओं को प्रेरित किया है। उनके विचारों ने भारतीय समाज को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानन्द
स्वामी विवेकानन्द का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने जीवन में कठिनाईयों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त किया और समाज में बदलाव लाने के लिए काम किया। PM Modi ने इस पर जोर देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द की शिक्षा युवाओं को आत्मविश्वास, साहस और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। उनके अनुसार, यदि युवा अपने उद्देश्य को समझकर मेहनत करें तो वे किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।
PM Modi का स्वामी विवेकानन्द के दृष्टिकोण के प्रति समर्पण
PM Modi ने कई अवसरों पर स्वामी विवेकानन्द के विचारों और दर्शन को अपने कार्यों में लागू किया है। PM Modi का मानना है कि राष्ट्र की प्रगति के लिए युवा वर्ग का उत्साह और समर्पण अत्यंत आवश्यक है। स्वामी विवेकानन्द के सिद्धांतों का पालन करते हुए PM Modi सरकार ने विभिन्न योजनाएं बनाई हैं जो युवाओं के लिए शिक्षा, रोजगार और समाज सेवा के अवसर प्रदान करती हैं। उनका कहना है कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए स्वामी विवेकानन्द के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए काम करना चाहिए।
स्वामी विवेकानन्द के विचार और उनकी शिक्षाएं
स्वामी विवेकानन्द ने हमेशा समाज के हर वर्ग को जागरूक करने और उन्हें अपने आत्मविश्वास को जागृत करने के लिए प्रेरित किया। उनके अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति में अपार क्षमता होती है और उसे इस क्षमता को पहचानकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने अपने प्रसिद्ध भाषण में कहा था, “उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।” स्वामी विवेकानन्द का यह सिद्धांत आज भी लोगों को अपनी दिशा निर्धारित करने और कठिनाइयों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है।
PM Modi और स्वामी विवेकानन्द का साझा दृष्टिकोण
PM Modi ने स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर अपने संदेश में यह स्पष्ट किया कि वे स्वामी विवेकानन्द के विचारों से प्रेरित होकर ही देश को एक आत्मनिर्भर, विकसित और सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उनके अनुसार, स्वामी विवेकानन्द का दृष्टिकोण न केवल भारतीय समाज की सोच को बदलने के लिए आवश्यक था, बल्कि यह आज के युवाओं के लिए एक मील का पत्थर है। PM Modi ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं, जैसे “आत्मनिर्भर भारत” अभियान और “स्टार्टअप इंडिया” जैसे पहल, जो स्वामी विवेकानन्द के आत्मनिर्भरता और राष्ट्र निर्माण के सिद्धांतों से प्रेरित हैं।
स्वामी विवेकानन्द और उनके योगदान का वैश्विक महत्व
स्वामी विवेकानन्द का योगदान सिर्फ भारतीय समाज तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने अपने विचारों और दृष्टिकोण से दुनिया भर में समाज के लिए जागरूकता और परिवर्तन की लहर उत्पन्न की। उनका शिकागो में दिया गया भाषण आज भी एक ऐतिहासिक क्षण माना जाता है, जिसमें उन्होंने धर्म, मानवता और भाईचारे का संदेश दिया था। स्वामी विवेकानन्द ने यह सिद्धांत प्रस्तुत किया कि सभी धर्मों और विश्वासों का सम्मान करना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में उद्देश्य और दिशा निर्धारित करनी चाहिए।
युवा शक्ति का महत्व और उनका योगदान
PM Modi ने यह भी कहा कि युवा शक्ति ही राष्ट्र के विकास की कुंजी है। उन्होंने कहा, “युवाओं के भीतर अपार शक्ति और संभावनाएं हैं, जिनका सही दिशा में उपयोग करके हम अपने समाज और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।” स्वामी विवेकानन्द ने हमेशा युवाओं को प्रोत्साहित किया और उन्हें अपने जीवन के उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से पहचानने के लिए प्रेरित किया। उनका यह संदेश आज भी प्रत्येक युवा को प्रेरित करता है कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें और समाज के भले के लिए काम करें।
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