PM Modi के अमेरिका दौरे का एजेंडा: 6 अहम प्वाइंट्स में जानिए

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PM Modi के अमेरिका दौरे का एजेंडा: 6 अहम प्वाइंट्स में जानिए

PM Modi 12-13 फरवरी को अमेरिका का दौरा करेंगे, और यह दौरा बहुत अहम माना जा रहा है। यह दोनों नेताओं की पहली मुलाकात होगी, जब से डोनाल्ड ट्रंप ने अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया है। PM Modi अमेरिका का दौरा करने वाले चौथे वैश्विक नेता होंगे। इस दौरे का एजेंडा बहुत विस्तृत और महत्वाकांक्षी है, जिसमें दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।

आइए जानें PM Modi के अमेरिका दौरे में प्रमुख एजेंडों के बारे में:

1. द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाना

PM Modi: भारत और अमेरिका के बीच 2005 में शुरू हुई ‘रणनीतिक साझेदारी’ अब एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में बदल चुकी है। फरवरी 2020 में ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने इसे और मजबूत किया। अब, ट्रंप प्रशासन के दूसरे कार्यकाल के बाद, यह पहली बार है जब दोनों नेता मिल रहे हैं।

इस दौरे के दौरान भारत और अमेरिका के बीच इस साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए विचार-विमर्श होगा, विशेष रूप से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दोनों देशों के बीच क्वाड डायलॉग को लेकर भी चर्चा हो सकती है, जिसे 2021 में नेताओं के शिखर सम्मेलन तक बढ़ा दिया गया था।

2. व्यापार और निवेश में बढ़ोतरी

PM Modi: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध हमेशा महत्वपूर्ण रहे हैं, और 2023 तक दोनों देशों के बीच व्यापार का आंकड़ा 190 बिलियन डॉलर के आसपास पहुंचने की उम्मीद है। भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 36 बिलियन डॉलर से अधिक है।

इस यात्रा में PM Modi सरकार अमेरिका के साथ एक छोटे, लेकिन प्रभावी व्यापार सौदे की संभावनाओं पर चर्चा करेगी, जो 2019 में रद्द किए गए GSP (जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेस) के तहत भारत को मिलने वाले लाभ को बहाल कर सके। इसके अलावा, निवेश के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए चर्चा होगी, खासतौर पर FDI और तकनीकी निवेश में।

3. ऊर्जा साझेदारी में विस्तार

PM Modi: भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। 2023-24 में अमेरिका के साथ भारत का हाइड्रोकार्बन व्यापार 13.6 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, और अमेरिका भारत का छठा सबसे बड़ा ऊर्जा साझीदार बन चुका है।

PM Modi दी के अमेरिका दौरे के दौरान इस क्षेत्र में नए समझौतों की संभावना जताई जा रही है। दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, और गैस आपूर्ति के मुद्दों पर भी बातचीत हो सकती है। इन साझेदारियों के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकता है, जो भारत के लिए एक अहम पहलू है।

4. शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग

PM Modi: भारत और अमेरिका के बीच शिक्षा और सांस्कृतिक साझेदारी हमेशा एक अहम पहलू रही है। अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ रही है, और अमेरिका अब भी उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के लिए एक प्रमुख गंतव्य है।

अमेरिका ने भारत के साथ 2024 में ‘सांस्कृतिक संपत्ति समझौते’ पर हस्ताक्षर किए, जो प्राचीन वस्तुओं की अवैध तस्करी को रोकने में मदद करेगा। इसके तहत, अमेरिका ने अब तक भारत को 578 प्राचीन वस्तुएं वापस की हैं। यह दौरा इस सहयोग को और मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है, खासतौर पर उच्च शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए।

5. रक्षा साझेदारी और सुरक्षा

PM Modi: भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में लगातार वृद्धि हो रही है। 2015 में ‘भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग के लिए नए ढांचे’ के तहत, दोनों देशों ने रक्षा संबंधों को मजबूत किया। 2016 में इसे एक प्रमुख रक्षा साझेदारी के रूप में नामित किया गया, और अब यह संबंध दोनों देशों के लिए रणनीतिक महत्व के रूप में उभरा है।

इस दौरे में रक्षा सहयोग पर विस्तार से बातचीत हो सकती है, जिसमें महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास, तकनीकी साझेदारी, और रक्षा उपकरणों की खरीदारी पर चर्चा हो सकती है। अमेरिका से भारत ने 20 बिलियन डॉलर से अधिक के सैन्य सामानों की खरीदारी की है, जिसमें C-130J, C-17, और Apache हेलीकॉप्टर शामिल हैं।

6. साइंस, टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष सहयोग

PM Modi: भारत और अमेरिका के बीच साइंस और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच 2019 में साइंस एंड टेक्नोलॉजी सहयोग समझौते को 10 वर्षों के लिए रिन्यू किया गया था।

इस दौरे के दौरान, विशेष रूप से अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी चर्चा हो सकती है। भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम (ISRO) और अमेरिका के NASA के बीच सहयोग बढ़ रहा है। दोनों एजेंसियां पृथ्वी अवलोकन के लिए एक माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग उपग्रह पर काम कर रही हैं। 2024 में, नासा और इसरो ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए संयुक्त प्रयास शुरू करने की घोषणा की है।

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