राज्य में सहकारी संस्थाओं और समितियों द्वारा खोले जा रहे मिलेट आउटलेट्स को आमजन का भरपूर समर्थन मिल रहा है। श्री अन्न उत्पादों के प्रति लोगों की रुचि तेजी से बढ़ी है, जिससे निर्धारित लक्ष्य से दोगुने से अधिक आउटलेट्स अल्प समय में ही शुरू हो चुके हैं।
राज्य भर में इन आउटलेट्स के माध्यम से श्री अन्न को प्रचलन में लाने और राजीविका की महिला स्वयं सहायता समूहों को रोजगार देने का उद्देश्य पूरा किया जा रहा है। 17 जुलाई को सहकार एवं रोजगार उत्सव में 64 आउटलेट्स का उद्घाटन हुआ था, जबकि सितंबर तक 34 आउटलेट्स का लक्ष्य था—जुलाई के अंत तक ही 74 आउटलेट्स शुरू हो चुके हैं।
इनमें 56 सहकारी उपभोक्ता भण्डार, 4 कॉनफेड, 1 महिला सहकारी उपभोक्ता भण्डार, 12 क्रय-विक्रय सहकारी समितियां और 1 ग्राम सेवा सहकारी समिति शामिल हैं। प्रथम चरण में कॉनफेड और जिला सहकारी उपभोक्ता भण्डारों द्वारा आउटलेट्स खोले गए, जबकि द्वितीय चरण में अन्य समितियों और नए जिलों में विस्तार प्रस्तावित है।
राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप ये आउटलेट्स खोले जा रहे हैं ताकि श्री अन्न को आमजन तक उचित मूल्य पर पहुंचाया जा सके। राजस्थान की पारंपरिक खाद्य संस्कृति में मोटा अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी आदि सदियों से शामिल रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं।
इन आउटलेट्स पर सावां, कुटकी, कोदो, कांगनी, मिलेट मिक्स, रोस्टेड ज्वार-बाजरा, रागी और ओट्स बिस्किट, कुकीज, दलिया, फ्लेक्स, पास्ता, नूडल्स, पोहा, सूजी जैसे उत्पाद उपलब्ध हैं। ओट्स और रागी कुकीज की मांग सबसे अधिक है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग इन उत्पादों को विशेष रूप से पसंद कर रहे हैं।