Share Market: लगातार दूसरे दिन उछला बाजार, ये हैं 3 बड़ी वजहें!

Share Market

भारतीय Share Market में तेजी के 3 प्रमुख कारण

1. ग्लोबल बाजारों से मजबूत संकेत
भारतीय Share Market में तेजी का एक मुख्य कारण अमेरिका और वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेत हैं। 29 जनवरी को अमेरिकी Share Market में मजबूत वृद्धि देखने को मिली, जिससे भारतीय बाजारों में भी उत्साह का माहौल बना। खासतौर पर, टेक कंपनियों के शेयरों में तेजी आई, और नैस्डैक इंडेक्स में 2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।

वहीं, S&P 500 में भी 31 जुलाई के बाद से सबसे बड़ी उछाल देखी गई, जो 3.6 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ। इन वैश्विक संकेतों ने भारतीय निवेशकों को भी उत्साहित किया और भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई।

2. छोटे और मझोले शेयरों में बढ़ी खरीदारी
Share Market: दूसरी बड़ी वजह छोटे और मझोले शेयरों में हालिया गिरावट के बाद निचले स्तर से की गई खरीदारी है। निवेशकों ने इन शेयरों को आकर्षक वैल्यूएशन पर खरीदा, जिसके चलते बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 2 से 2.5 प्रतिशत तक की बढ़त हुई। पार्थिव शाह, जो ट्राकॉम स्टॉक ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं, ने बताया कि छोटे और मझोले शेयरों में पिछले कुछ समय से तेज गिरावट आई थी, और अब इनका वैल्यूएशन आकर्षक हो गया है।

Share Market: उन्होंने यह भी बताया कि इन शेयरों की तेज़ी इस बात पर निर्भर करेगी कि चौथी तिमाही के नतीजे क्या होते हैं, क्योंकि शेयर की चाल आमतौर पर अर्निंग ग्रोथ पर निर्भर करती है।

3. अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें
Share Market: तीसरी वजह अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की बढ़ी हुई उम्मीदें हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक में उम्मीद की जा रही है कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा, हालांकि बाजार को इस पर अधिक ध्यान है कि क्या फेडरल रिजर्व आगामी महीनों में ब्याज दरों में कटौती करेगा।

Share Market: पिछले एक हफ्ते से बाजार इस आशंका में था कि फेडरल रिजर्व इस साल सिर्फ एक बार ब्याज दरों में कटौती करेगा, लेकिन अब यह उम्मीद दो कटौती तक बढ़ गई है। इससे निवेशकों को लगता है कि वैश्विक आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए केंद्रीय बैंक ने कदम उठाए हैं, जो भारतीय बाजारों को भी प्रोत्साहित कर रहा है।

निवेशकों के लिए सावधानी की जरूरत
Share Market: इन सकारात्मक संकेतों के बावजूद, निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, खासकर छोटे और मझोले शेयरों के मामले में। इन शेयरों में पिछले दो वर्षों में काफी तेजी देखने को मिली थी, और उनके अर्निंग मल्टीपल्स काफी बढ़ गए हैं। इसलिए इन शेयरों में निवेश करते समय सावधानी बरतना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगले कुछ महीनों में उनकी कमाई का ग्रोथ इन शेयरों की कीमत को प्रभावित करेगा।

Read More: Sensex में 600 अंक की बढ़त, निफ्टी 23150 के पार; ऑटो और मेटल शेयरों में जोरदार तेजी

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *