राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का 19-20 अगस्त को प्रदेश में अहम दौरा प्रस्तावित है। दो दिवसीय इस दौरे के दौरान आयोग राज्य सरकार, पुलिस अधिकारियों, सांसदों, विधायकों और अनुसूचित जाति कल्याण से जुड़ी संस्थाओं के साथ चर्चा करेगा। इस दौरान आयोग अनुसूचित जाति वर्ग के सामाजिक और आर्थिक उत्थान से जुड़ी योजनाओं की गहन समीक्षा करेगा।
प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार 19 अगस्त को सुबह 10:30 बजे सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में बैठक होगी। इसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत की मौजूदगी में केंद्रीय योजनाओं, आवास, भूमि आवंटन, रोजगार सृजन, छात्रवृत्ति और अन्य योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद दोपहर 2 बजे संविधान में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए दिए गए सुरक्षात्मक उपायों पर चर्चा होगी। शाम 6 बजे के बाद आयोग संविधान क्लब में अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर विचार-विमर्श करेगा।
20 अगस्त को सुबह 10 बजे आयोग पुलिस महानिदेशक और अधिकारियों के साथ बैठक करेगा। इसमें एट्रोसिटी एक्ट के तहत पीड़ितों को राहत राशि, हाथ से मैला उठाने वाले कार्मिकों के पुनर्वास और नमस्ते इंडिया योजना की समीक्षा होगी। दोपहर 3 बजे आयोग जामडोली कैंपस में बने अनुसूचित जाति छात्रावासों का निरीक्षण करेगा।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष किशोर मकवाना, सदस्य वड्डेपल्ली रामचंदर और लवकुश कुमार इस पूरे दौरे में योजनाओं की समीक्षा करेंगे। आयोग का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अनुसूचित जाति वर्ग को राज्य सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले और उनकी स्थिति में वास्तविक सुधार हो।
गौरतलब है कि अनुसूचित जातियों के विकास के लिए 1979-80 में विशेष योजना शुरू की गई थी, जिसे 2006-07 में अनुसूचित जाति उपयोजना नाम दिया गया। वर्तमान में योजना विभाग राज्य की अनुसूचित जाति जनसंख्या (17.83%) के अनुपात में बजट आवंटित करता है।