Stock Market में 5 बड़े कारणों से भारी गिरावट, सेंसेक्स में 1200 अंकों की गिरावट, सभी सेक्टर में गिरावट

By Editor
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Stock Market में गिरावट के प्रमुख कारण: सेंसेक्स में 1200 अंकों की गिरावट, FII बिकवाली, फेड रिजर्व की नीति, और रुपया कमजोर

Stock Market में शुक्रवार, 20 दिसंबर को लगातार पांचवे दिन गिरावट जारी रही। इस गिरावट के साथ ही निफ्टी अपने हालिया ऑलटाइम हाई से अब लगभग 10 प्रतिशत नीचे आ चुका है। सेंसेक्स भी दिन के उच्चतम स्तर से लगभग 1,300 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। Stock Market के चौतरफा गिरावट की स्थिति ने निवेशकों के बीच चिंता पैदा कर दी है। इस गिरावट का मुख्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति में बदलाव, मुनाफावसूली और भारतीय रुपया की कमजोरी हैं। आइए जानते हैं कि इस गिरावट के पीछे क्या प्रमुख कारण हैं और बाजार में अगले कुछ दिनों में क्या हो सकता है।

1. FII की बिकवाली (Foreign Institutional Investor Selling):

Stock Market में गिरावट का सबसे बड़ा कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली को माना जा रहा है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर विश्लेषक अजीत मिश्रा के अनुसार, “आज की गिरावट का सबसे बड़ा कारण FII द्वारा की गई तेज बिकवाली है।” इस हफ्ते अब तक एफआईआई ने करीब 12,230 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है, जिनमें से 4,224.92 करोड़ रुपये की बिकवाली उन्होंने गुरुवार, 19 दिसंबर को की थी।

FII की यह बिकवाली अक्टूबर महीने की याद दिला रही है, जब उन्होंने भारतीय शेयर बाजार से करीब 1 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। भारतीय बाजार में एफआईआई की बिकवाली का असर गहरा पड़ता है क्योंकि ये संस्थाएं बड़ी मात्रा में निवेश करती हैं, और इनकी बिकवाली से बाजार में तेजी से गिरावट आती है। एफआईआई की बिकवाली के साथ-साथ घरेलू निवेशकों का बाजार से भरोसा उठता है, और वे भी सतर्क हो जाते हैं, जिससे गिरावट और तेज हो जाती है।

2. फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति में बदलाव:

अजीत मिश्रा के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा 2025 तक मौद्रिक नीति पर सख्त रुख अपनाने का संकेत भी Stock Market में गिरावट का एक महत्वपूर्ण कारण है। फेडरल रिजर्व ने हाल ही में यह संकेत दिया कि वह अगले कुछ वर्षों में ब्याज दरों को घटाने के बजाय उच्च स्तर पर रख सकता है, जो बाजार के लिए नकारात्मक है।

Stock Market के विशेषज्ञों का मानना है कि पहले निवेशकों को उम्मीद थी कि अगले वित्त वर्ष के दौरान ब्याज दरों में तीन से चार बार कटौती हो सकती है, लेकिन अब यह स्पष्ट नहीं है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को कितनी बार घटाएगा। इस असमंजस की स्थिति ने निवेशकों के मन में अनिश्चितता पैदा कर दी है और वे मुनाफावसूली की ओर बढ़ने लगे हैं। फेडरल रिजर्व की नीति की अनिश्चितता और बदलाव के कारण निवेशकों का आत्मविश्वास गिरा है, और यह बाजार में गिरावट का कारण बना है।

3. मुनाफावसूली (Profit Booking):

फेडरल रिजर्व की पॉलिसी घोषणा के बाद निवेशकों के बीच मुनाफावसूली का दबाव बढ़ गया है। कई निवेशक यह मानते हैं कि Stock Market में हाल ही में बढ़त के बाद समय आ गया है जब वे अपनी पूंजी का लाभ उठा कर मुनाफा बुक कर लें।

विशेषज्ञों का कहना है कि Stock Market में मुनाफावसूली एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, खासकर तब जब बाजार में अनिश्चितता होती है। मुनाफावसूली से बाजार की स्थिति और अधिक कमजोर हो जाती है, जिससे गिरावट की रफ्तार तेज हो जाती है। इसके अलावा, निफ्टी के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी गिरावट देखने को मिली है, जो इस बात का संकेत है कि छोटे और मंझले शेयरों में भी मुनाफावसूली हो रही है। इन सेगमेंट्स में कई स्टॉक्स का वैल्यूएशन ऊंचा हो गया है, और निवेशक अधिक सतर्क हो रहे हैं।

4. डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कमजोरी (Indian Rupee’s Weakness Against the Dollar):

Stock Market में गिरावट का एक और कारण भारतीय रुपये की कमजोरी है। विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपये पर दबाव देखा जा रहा है, और एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू शुक्रवार को 85.1050 के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई। इस साल अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में लगभग 2 प्रतिशत की गिरावट आई है।

रुपये की कमजोरी के कारण विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में निवेश करने में संकोच कर रहे हैं। जब मुद्रा कमजोर होती है, तो विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में निवेश करना महंगा हो जाता है, जिससे एफआईआई की बिकवाली और बढ़ जाती है। इसके अलावा, नवंबर में व्यापार घाटे में बढ़ोतरी के आंकड़े भी आए हैं, जो आर्थिक सेंटिमेंट को और कमजोर कर रहे हैं। व्यापार घाटा बढ़ने से आयात महंगा हो सकता है, और इसके असर से रुपया और कमजोर हो सकता है, जिससे शेयर बाजार में भी गिरावट आई है।

5. निफ्टी आईटी इंडेक्स का प्रदर्शन (Nifty IT Index Performance):

Stock Market: निफ्टी आईटी इंडेक्स का प्रदर्शन भी शुक्रवार को बेहद कमजोर रहा। एक्सेंचर के अच्छे नतीजों के बावजूद, निफ्टी आईटी इंडेक्स 2 प्रतिशत से अधिक गिर गया। यह गिरावट न सिर्फ आईटी सेक्टर के लिए, बल्कि पूरे बाजार के लिए चिंता का विषय बन गई है।

आईटी सेक्टर आमतौर पर भारतीय शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और जब यह सेक्टर संघर्ष करता है, तो बाजार की स्थिति और भी नकारात्मक हो जाती है। आईटी कंपनियों के लिए बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा और विदेशी मुद्रा की कमजोरी जैसी समस्याएं भी उनके मुनाफे को प्रभावित कर सकती हैं, जो निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन सकती हैं।

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