TAD के विद्यालय स्तरीय छात्रावासों में अनुभवी विशेषज्ञ प्रदान करेंगे कोचिंग

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राजस्थान में विद्या संबल योजना के तहत छात्रावासों में कोचिंग: TAD की पहल

राजस्थान सरकार के जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (TAD) ने अपने विद्यालय स्तरीय छात्रावासों में एक नई और महत्वाकांक्षी पहल शुरू की है। इस पहल का नाम “विद्या संबल योजना” है, जिसके तहत गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों की कोचिंग अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा दी जाएगी। यह योजना शैक्षिक सत्र 2024-25 से लागू होगी और इसका उद्देश्य विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाना है, खासकर जनजाति क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के लिए।

विद्या संबल योजना: एक नई पहल

विद्या संबल योजना के तहत, TAD द्वारा संचालित विद्यालय स्तरीय छात्रावासों में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषयों में गेस्ट फैकल्टी के रूप में विशेषज्ञ शिक्षकों को कोचिंग देने की व्यवस्था की गई है। यह कदम विशेष रूप से उन छात्रों के लिए है, जो जनजातीय इलाकों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और जिन्हें मुख्यधारा की शिक्षा के समान अवसर नहीं मिल पाते। विद्या संबल योजना का उद्देश्य इन छात्रों को विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के अवसर प्रदान करना है, ताकि वे अपने शिक्षा जीवन में सफल हो सकें।

कोचिंग प्रक्रिया और शेड्यूल

TAD: विभाग के अतिरिक्त आयुक्त, गीतेश श्री मालवीय ने बताया कि यह कोचिंग प्रक्रिया 12 जनवरी 2024 से शुरू होगी। इस कोचिंग के तहत हर छात्रावास को 75,000 रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो एक निश्चित राशि से अधिक खर्च नहीं की जा सकेगी। इसके अलावा, यह बजट 31 मार्च 2025 से पहले ही खर्च किया जाना चाहिए।

विद्या संबल योजना के तहत कोचिंग का समय सायंकाल 5:30 बजे से 7:30 बजे तक निर्धारित किया गया है, ताकि छात्रों को विद्यालय के पाठ्यक्रम के अलावा अतिरिक्त समय में विषयों पर ध्यान देने का अवसर मिल सके। इसके तहत प्रत्येक छात्रावास को एक गेस्ट फैकल्टी नियुक्त करनी होगी, जो उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेगी।

कोचिंग के लिए मानदेय और भुगतान की प्रक्रिया

TAD ने इस योजना में शामिल शिक्षकों के लिए कोचिंग के मानदेय की सीमा भी निर्धारित की है। कक्षा 9 और 10 के लिए प्रत्येक घंटे का मानदेय अधिकतम 350 रुपये होगा, जबकि कक्षा 11 और 12 के लिए यह मानदेय 400 रुपये प्रति घंटे तक होगा। यह सुनिश्चित किया गया है कि कोचिंग के दौरान शिक्षकों को उचित मानदेय मिले, ताकि वे विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान कर सकें।

हालांकि, रविवार को छुट्टी के दिन कोई कोचिंग नहीं होगी और इसके लिए कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि शिक्षक भी अपने व्यक्तिगत समय का उपयोग कर सकें और छात्र भी साप्ताहिक अवकाश का आनंद ले सकें।

आवश्यक दिशा-निर्देश और निगरानी

TAD: विभाग ने यह भी निर्देशित किया है कि प्रत्येक छात्रावास में कोचिंग की फोटो प्रतिदिन हॉस्टल के व्हाट्सएप्प ग्रुप पर डाली जाए। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि कोचिंग की प्रक्रिया और गतिविधियों की नियमित निगरानी की जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह योजना छात्रों के लिए कारगर साबित हो रही है।

इसके अलावा, सभी छात्रावासों में कोचिंग के लिए आवंटित बजट का उपयोग विभाग द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाएगा। कोई भी छात्रावास निर्धारित बजट से अधिक खर्च नहीं कर सकेगा और इसे 31 मार्च 2025 से पहले खर्च करना होगा।

विद्या संबल योजना का महत्व

राजस्थान में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (TAD) की यह पहल विशेष रूप से उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, जो शिक्षा के मामले में पिछड़े हुए हैं। इन छात्रों के पास अक्सर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच नहीं होती, और वे अकसर मुख्यधारा की शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। विद्या संबल योजना के माध्यम से इन छात्रों को विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उनकी शैक्षिक क्षमता में सुधार होगा।

TAD: यह योजना न केवल विद्यार्थियों के लिए अवसर प्रदान करती है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है। जब छात्रों को इन महत्वपूर्ण विषयों में गहरी समझ मिलेगी, तो वे प्रतियोगी परीक्षाओं और उच्च शिक्षा के अवसरों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे। इसके अलावा, यह योजना राज्य के जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को भी ऊंचा उठाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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