Trump ने हूती को फिर से विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया

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Trump ने हूती को फिर से विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया: अमेरिकी नीति में बदलाव

अमेरिकी राष्ट्रपति Trump ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें उन्होंने यमन स्थित आतंकवादी समूह हूती को एक बार फिर से विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) के रूप में नामित किया। यह कदम राष्ट्रपति Trump द्वारा बाइडेन प्रशासन की नीति को चुनौती देने के रूप में देखा जा रहा है। इस निर्णय ने पहले जारी किए गए जो बाइडेन के आदेश को पलट दिया, जिसमें हूती को एफटीओ सूची से हटा दिया गया था। व्हाइट हाउस ने इस पर विस्तार से जानकारी दी है और इसे अमेरिकी विदेश नीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में पेश किया है।

बाइडेन प्रशासन का निर्णय पलटते हुए Trump ने क्या किया?

जो बाइडेन प्रशासन ने 2021 में हूती को एफटीओ सूची से हटा दिया था, इस कदम को कुछ अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और मानवाधिकार संगठनों ने एक सकारात्मक बदलाव माना था, क्योंकि यह कदम यमन में चल रहे संघर्ष में मानवीय सहायता पहुंचाने में आसानियों का रास्ता खोलता था। हालांकि, Trump प्रशासन ने इसे गलत निर्णय के रूप में देखा और व्हाइट हाउस ने बुधवार को इसका पलटवार करते हुए हूती को फिर से आतंकवादी संगठन घोषित किया।

हूती का अमेरिका और साझेदार देशों पर बढ़ता खतरा

व्हाइट हाउस द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि बाइडेन प्रशासन की नीति में कमजोरी के परिणामस्वरूप, हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों पर दर्जनों बार गोलीबारी की है। इसके अलावा, हूती ने साझेदार देशों में नागरिक बुनियादी ढांचे पर हमले किए हैं और बाब अल-मंडेब जैसे महत्वपूर्ण जलमार्गों पर वाणिज्यिक जहाजों पर भी हमले किए हैं। इन हमलों में कई बार अमेरिकी और विदेशी नागरिकों की जान को खतरा हुआ है। इसके अलावा, हूती द्वारा किए गए इन हमलों ने वैश्विक व्यापार मार्गों और सुरक्षा स्थिति को भी प्रभावित किया है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और विवाद

इस फैसले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में विभाजन देखा जा रहा है। कुछ देशों और विशेषज्ञों का मानना है कि हूती को एफटीओ सूची में शामिल करना एक कड़ा संदेश है, जो आतंकवादियों को रोकने में मदद करेगा। वहीं, अन्य लोग इसे यमन में हो रही मानवीय संकट को और बढ़ाने वाला कदम मानते हैं। बाइडेन प्रशासन ने अपनी नीतियों के दौरान हूती को आतंकवादी सूची से बाहर कर मानवीय सहायता को सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाया था, लेकिन Trump ने इसे गलत बताया और इसे एक रणनीतिक गलती के रूप में देखा।

हूती का संघर्ष और यमन में स्थिति

Trump: यमन में हूती विद्रोही समूह ने 2014 में सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू किया था, जिसके बाद देश में भीषण गृहयुद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई। हूती ने यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है और साथ ही कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनाई है। इस संघर्ष ने यमन को एक बड़े मानवीय संकट में धकेल दिया है, जिसमें लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और देश की आधारभूत संरचना पूरी तरह से नष्ट हो गई है।

अमेरिका और हूती के बीच बढ़ता तनाव

Trump: अमेरिका ने पहले भी हूती विद्रोहियों को आतंकवादी घोषित किया था, लेकिन बाइडेन प्रशासन ने इसे हटा दिया था, यह मानते हुए कि यह यमन में मानवीय संकट को और बढ़ा सकता है। Trump ने अपनी नीतियों के तहत इसे फिर से लागू करने का निर्णय लिया। व्हाइट हाउस ने बताया कि हूती विद्रोही समूह की कार्रवाइयों ने अमेरिकी और वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डाला है, जिससे यह कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हुई।

अगला कदम: अमेरिका की रणनीति और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

Trump: यह निर्णय आने वाले महीनों में अमेरिका की यमन और मध्य पूर्व नीति को प्रभावित कर सकता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने पहले ही चेतावनी दी है कि इस कदम के परिणामस्वरूप, अमेरिका हूती के समर्थकों और उनके साथ व्यापार करने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाएगा। इसके अलावा, अमेरिका अपने साझेदार देशों से भी यह उम्मीद करेगा कि वे हूती विद्रोहियों के खिलाफ कड़े कदम उठाएं।

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