US Army ने यमन में हूती ठिकानों पर किया हमला, प्रमुख सुविधाओं को निशाना बनाया
US Army ने 30 और 31 दिसंबर को यमन के सना स्थित ईरान समर्थित हूती ठिकानों पर हमले किए, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ा। US Army के सेंट्रल कमान (CENTCOM) ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि इस ऑपरेशन में हूती नियंत्रण वाली तटीय क्षेत्रों और अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया गया।
US Army के हमलों में क्या हुआ?
US Army ने अपनी कार्रवाई के दौरान हूती के कई प्रमुख ठिकानों को सटीक निशाना बनाया, जिनमें मिसाइलों, मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी), और अन्य उन्नत पारंपरिक हथियार (ACW) उत्पादन एवं भंडारण सुविधाएं शामिल थीं। इस हमले का उद्देश्य उन सुविधाओं को नष्ट करना था, जो हूती द्वारा समुद्र में अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों और वाणिज्यिक जहाजों पर हमले के लिए उपयोग की जा रही थीं।
सेंट्रल कमान के बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि अमेरिकी नौसेना के जहाजों और विमानों ने हूती कमांड और नियंत्रण सुविधाओं को निशाना बनाया, साथ ही साथ उन हथियारों और तकनीकी उपकरणों को भी नष्ट किया, जो हूती के आक्रामक अभियानों में शामिल थे। इस कार्रवाई में विशेष रूप से लाल सागर और अदन की खाड़ी में अमेरिकी जहाजों और नागरिक जहाजों पर हूती द्वारा किए गए हमलों का जवाब दिया गया।
हूती ठिकानों पर हमला: महत्वपूर्ण रणनीतिक फैसले
US Army ने हूती के प्रमुख तटीय राडार साइट और सात क्रूज मिसाइलों को भी नष्ट किया, जो लाल सागर के ऊपर से लॉन्च किए जा सकते थे। इसके अलावा, एकतरफा हमले वाले यूएवी भी नष्ट किए गए। इस प्रकार की कार्रवाई से यह संदेश गया कि अमेरिकी सेना अपनी नेवी और एयरफोर्स की शक्ति का इस्तेमाल करके सुरक्षा खतरे से निपटने के लिए तैयार है।
अमेरिकी सैन्य कमान ने इस हमले को तटीय क्षेत्र में सुरक्षा को बनाए रखने और हूती द्वारा किए गए आक्रमणों का प्रतिकार करने के रूप में बताया। इससे यह साफ होता है कि अमेरिकी सेना को किसी भी स्थिति में अपने सैनिकों और वाणिज्यिक शिपिंग की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का अधिकार प्राप्त है।
हूती और अमेरिका के बीच संघर्ष
अमेरिका और हूती के बीच यह तनाव एक लंबी अवधि से बना हुआ है। हूती यमन में ईरान के समर्थक समूह हैं, और उनका मानना है कि उनका संघर्ष यमन में सैन्य सत्ता प्राप्त करने के लिए है। वहीं, अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने हूती की बढ़ती सैन्य क्षमता को चुनौती दी है, क्योंकि हूती द्वारा किए गए हमले क्षेत्रीय सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।
US Army के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि हूती के खिलाफ किए गए हमले केवल उनके आक्रामक कार्रवाई के जवाब में थे और इसका उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखना था। वहीं, ईरान द्वारा हूती को आपूर्ति किए गए हथियारों का लगातार बढ़ना अमेरिकी सेना के लिए एक चिंता का विषय रहा है, क्योंकि इससे यमन में हिंसा और अस्थिरता बढ़ने का खतरा है।
क्षेत्रीय प्रभाव और अमेरिकी सैन्य रणनीति
इस हमले के परिणामस्वरूप अमेरिकी सेना ने न केवल हूती के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, बल्कि यह कदम उन देशों के लिए भी एक चेतावनी है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा के संदर्भ में संवेदनशील परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। अमेरिका की यह कार्रवाई उस समय पर की गई है, जब मध्य पूर्व और खाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा के मुद्दे महत्वपूर्ण बने हुए हैं।
साथ ही, यह हमले US Army की रणनीतिक सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करते हैं। अमेरिका ने यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया है कि उसके नागरिक जहाज और सैन्य इकाइयां सुरक्षित रहें, जबकि क्षेत्रीय समुद्री मार्गों की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए हूती के आक्रमणों को नाकाम किया जा सके।
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