Zomato के शेयर में गिरावट: कमजोर नतीजे और बढ़ते प्रतिस्पर्धा के कारण निवेशकों में बेचैनी
फूड डिलीवरी एग्रीगेटर कंपनी Zomato के शेयरों में हाल ही में गिरावट देखने को मिली है, जो मंगलवार को भी जारी रही। कंपनी के तीसरी तिमाही के परिणामों में कमजोर प्रदर्शन और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण निवेशकों के बीच चिंता का माहौल है। सोमवार को Zomato ने अपने तिमाही परिणामों की घोषणा की, जिसके बाद बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा। इस दिन जोमैटो के शेयरों में करीब 8% की गिरावट आई, जो एक दिन में सबसे बड़ी गिरावटों में से एक रही।
Zomato के तीसरी तिमाही के परिणाम
Zomato के Q3 परिणाम बाजार की उम्मीदों से काफी कमजोर साबित हुए हैं। कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा ₹138 करोड़ रहा, जबकि बाजार ने इसे ₹267 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद जताई थी। इस तिमाही में Zomato का मुनाफा पिछले साल के समान तिमाही के मुकाबले बेहतर रहा था, जब यह ₹59 करोड़ था। हालांकि, अनुमान से कम मुनाफे और घाटे का असर शेयर की कीमतों पर पड़ा।
कंपनी की कुल आय भी पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले बढ़ी है, लेकिन यह बाजार के अनुमान से कम रही। दिसंबर तिमाही में Zomato की आय ₹5405 करोड़ रही, जबकि बाजार को ₹5464 करोड़ की उम्मीद थी। इसका मतलब यह है कि कंपनी ने अपेक्षित आंकड़ों के मुकाबले कम आय अर्जित की। हालांकि, यह पिछले साल की समान तिमाही से अधिक था, जब कंपनी की आय ₹3288 करोड़ थी।
Zomato का EBITDA प्रदर्शन
Zomato के EBITDA (आॅपरेटिंग लाभ) में भी साल दर साल वृद्धि देखी गई, लेकिन फिर भी यह अनुमान से कम था। दिसंबर तिमाही में कंपनी का EBITDA ₹162 करोड़ रहा, जबकि इसे ₹258 करोड़ रहने का अनुमान था। यह पिछले साल की दिसंबर तिमाही में ₹51 करोड़ था, जो एक महत्वपूर्ण सुधार को दर्शाता है। हालांकि, यह वृद्धि भी बाजार की उम्मीदों से कम रही है, जो शेयर की गिरावट का मुख्य कारण बन सकती है।
Zomato के EBITDA मार्जिन में भी साल दर साल आधार पर 145 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा हुआ है। पिछले साल की दिसंबर तिमाही में इसका EBITDA मार्जिन 1.55% था, जो अब बढ़कर 3% हो गया है। इस सुधार के बावजूद, बाजार की उम्मीदों के मुकाबले यह आंकड़ा कम दिखा, जिससे निवेशकों के मन में निराशा बनी।
Blinkit का प्रदर्शन
Zomato के साथ-साथ उसकी सहायक कंपनी Blinkit का भी प्रदर्शन महत्वपूर्ण रहा। Blinkit ने अपनी स्टोर संख्या 1000 के पार पहुंचने की जानकारी दी है। कंपनी का लक्ष्य 2023 के अंत तक 2000 स्टोर खोलने का है। यह जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए सामने आई, जो कंपनी की विकास योजनाओं को दर्शाता है। हालांकि, इस स्टोर वृद्धि का असर जोमैटो के समग्र प्रदर्शन पर कितना पड़ेगा, यह समय बताएगा।
Zomato के शेयरों पर असर
Zomato के कमजोर तिमाही परिणामों और बढ़ते प्रतिस्पर्धा के कारण निवेशकों में बेचैनी बढ़ गई है। कंपनी के परिणामों के बाद शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली। मंगलवार को, जोमैटो में 1.67 करोड़ शेयरों के कारोबार में कई बड़े सौदे हुए, जिनकी कुल ट्रेड वैल्यू ₹372 करोड़ रही। यह संकेत देता है कि निवेशक भविष्य के लिए अधिक सतर्क हो सकते हैं, खासकर तब जब कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है।
बढ़ती प्रतिस्पर्धा और निवेशकों की चिंता
Zomato के सामने प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है, जो कंपनी के लिए एक और चुनौती बन गई है। स्विग्गी जैसे प्रतिद्वंद्वी जोमैटो के बाजार हिस्से में लगातार सेंध लगा रहे हैं, जिससे जोमैटो को अपनी रणनीतियों पर पुनः विचार करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, हाल के दिनों में ऑनलाइन रिटेल क्षेत्र में भी उभरते हुए नए खिलाड़ियों के कारण कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा और बढ़ी है।
इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण जोमैटो के निवेशकों को यह चिंता सता रही है कि भविष्य में कंपनी के विकास की गति धीमी हो सकती है। इसके अलावा, महंगे मार्केटिंग और प्रचार खर्चों के कारण जोमैटो की लागत बढ़ती जा रही है, जो उसकी लाभप्रदता को प्रभावित कर सकती है।
निवेशकों के लिए क्या करें?
Zomato के शेयरों में गिरावट के बाद, कई एनालिस्ट्स ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे मध्यम और लंबी अवधि के निवेश के लिए सतर्क रहें। अगर आप एक दीर्घकालिक निवेशक हैं, तो इस गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देख सकते हैं। हालांकि, शॉर्ट-टर्म निवेशकों को बाजार की अस्थिरता को देखते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
एनालिस्ट्स का मानना है कि Zomato की योजनाएं और Blinkit के विकास की दिशा को देखकर, कंपनी के लिए आने वाले समय में सुधार हो सकता है, लेकिन इसके लिए समय की आवश्यकता होगी। निवेशकों को कंपनी के अगले तिमाही परिणामों और इसके द्वारा की गई रणनीतिक पहलियों पर भी ध्यान देना होगा।
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