Bihar के बेतिया में जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के घर पर छापेमारी: करोड़ों के कैश और काली कमाई का खुलासा
Bihar के बेतिया जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) रजनीकांत प्रवीण के घर से एक बड़ा खजाना बरामद हुआ है। इस छापेमारी में विजिलेंस टीम को लाखों रुपये के नोटों के बंडल मिले, जिन्हें गिनने के लिए मशीनें लगानी पड़ीं। यह छापेमारी गुरुवार को की गई और अधिकारी रजनीकांत उस समय अपने घर पर पूजा कर रहे थे।
बेतिया में रजनीकांत प्रवीण के आवास पर कार्रवाई के अलावा उनकी ससुराल समस्तीपुर और दरभंगा में भी छापेमारी की गई, जहां से काली कमाई के और सुराग मिलने की संभावना जताई जा रही है। यह मामला Bihar में भ्रष्टाचार की एक और बड़ी मिसाल बनकर सामने आया है।
विजिलेंस की टीम की बड़ी कार्रवाई
विजिलेंस की टीम ने बेतिया में रजनीकांत प्रवीण के घर पर सुबह 9 बजे छापेमारी की, जब वह पूजा में व्यस्त थे। टीम ने उनकी किराये के घर में तगड़ी तलाशी ली और वहां बिस्तरों पर पड़े नोटों के बंडल देखे गए। इस रकम को गिनने के लिए विजिलेंस की टीम ने मशीनों का उपयोग किया। यह रकम इतनी बड़ी थी कि घर के कई हिस्सों में पैसे के बंडल फैले हुए थे। यह छापेमारी राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई का हिस्सा है, जिसमें अधिकारियों की काली कमाई को उजागर किया जा रहा है।
ससुराल और अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी
बेतिया में हुई इस छापेमारी के बाद समस्तीपुर में रजनीकांत की ससुराल में भी कार्रवाई की गई। समस्तीपुर के बहादुरपुर मुहल्ले में उनकी ससुराल स्थित संपत्ति पर भी विजिलेंस की टीम ने दबिश दी। इसके अलावा दरभंगा में भी उनकी अन्य संपत्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई है और वहां भी जांच की जा रही है। रजनीकांत प्रवीण के खिलाफ यह कार्रवाई कई स्थानों पर हो रही है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका भ्रष्टाचार का नेटवर्क काफी बड़ा हो सकता है।
किराये के घर में रहने वाला अफसर
अभी तक यह बात सामने आई है कि रजनीकांत प्रवीण एक किराये के घर में रहते थे, जो बेतिया के बसंत विद्वार इलाके में स्थित था। यह तथ्य और भी चौंकाने वाला है, क्योंकि इतना बड़ा अधिकारी जो कि शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ है, वह खुद किराये के घर में रह रहा था। यह सवाल उठाता है कि ऐसे अधिकारी ने इतनी बड़ी काली कमाई कैसे की। यह भी दिलचस्प है कि रजनीकांत की ससुराल में भी छापेमारी की जा रही है, जहां से उनके भ्रष्टाचार के और सबूत मिल सकते हैं।
शिक्षा विभाग में अधिकारी के काले कारनामे
रजनीकांत प्रवीण ने वर्ष 2012 में समस्तीपुर जिले के डीईओ की जिम्मेदारी भी संभाली थी। इस दौरान भी उनके कार्यों पर सवाल उठते रहे थे, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। अब जब उनकी काली कमाई का खुलासा हुआ है, तो यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनकी इसी भूमिका में भी घोटाले किए गए थे। इस मामले के उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर सवाल उठने लगे हैं, और यह Bihar के शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या को सामने लाता है।
Bihar में भ्रष्टाचार के खिलाफ बढ़ती कार्रवाई
यह छापेमारी Bihar में भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रही एक बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है। हाल के दिनों में Bihar में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनकी काली कमाई का पता चला है। रजनीकांत प्रवीण के मामले में भी यह स्पष्ट होता है कि विभागीय अधिकारी कैसे अपनी जिम्मेदारियों का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से संपत्ति जुटा रहे थे। इस कार्रवाई के बाद Bihar सरकार के खिलाफ जनता का विश्वास बढ़ सकता है, क्योंकि राज्य सरकार अब भ्रष्टाचार को लेकर कठोर कदम उठा रही है।
Read More: विकास योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचे: Bagde का बयान