Bhajanlal Sharma ने की नई जिला परिषदों के गठन की घोषणा

Bhajanlal Sharma

Bhajanlal Sharma: राजस्थान सरकार ने नई जिला परिषदों के गठन और पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी

राजस्थान के मुख्यमंत्री Bhajanlal Sharma ने प्रदेश में नई जिला परिषदों के गठन और प्रभावित जिलों के पुनर्गठन के संबंध में कार्यवाही की मंजूरी दी है। इस निर्णय से राजस्थान के प्रशासनिक ढांचे में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, जो प्रदेश की जनता के लिए अधिक सुविधाजनक और प्रभावी साबित होगा। मुख्यमंत्री के इस कदम को लेकर प्रदेशभर में उत्साह है, क्योंकि इससे विकास कार्यों में तेजी आएगी और प्रशासनिक फैसले क्षेत्रीय स्तर पर और भी ज्यादा प्रभावी हो सकेंगे।

नई जिला परिषदों और पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन
मुख्यमंत्री Bhajanlal Sharma ने राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम के तहत प्रस्ताव को अनुमोदित किया, जिसके अंतर्गत 8 नए जिले और 12 प्रभावित जिले शामिल होंगे। इन जिलों के जिला कलक्टर पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के आधार पर जिला परिषदों के गठन और पुनर्गठन के प्रस्ताव तैयार करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो प्रशासनिक स्तर पर अधिक दक्षता और गति लाने का लक्ष्य रखता है।

इसके तहत पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के नवसृजन और पुनर्गठन के प्रस्ताव भी तैयार किए जाएंगे, जो राज्य में विकास कार्यों को प्रोत्साहन देंगे। यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक सशक्त प्रशासन की नींव रखेगा, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक तेजी से पहुंचेगा।

प्रस्तावों के परीक्षण और अनुमोदन की प्रक्रिया
Bhajanlal Sharma: प्रस्तावों को सार्वजनिक अवलोकन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा और एक महीने तक आपत्तियों को आमंत्रित किया जाएगा। इस प्रक्रिया में सभी संबंधित पक्षों से फीडबैक लिया जाएगा, ताकि किसी भी तरह की समस्याओं या चिंताओं का समाधान किया जा सके। आपत्तियों के निस्तारण के बाद प्रस्तावों को राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा। राज्य सरकार प्रस्तावों का परीक्षण करेगी और मंजूरी देने के बाद नवगठित या पुनर्गठित जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के गठन की अधिसूचना जारी की जाएगी।

नवीन जिलों का पुनर्निर्धारण और नई जिला परिषदों की आवश्यकता
Bhajanlal Sharma: पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में प्रदेश में 17 नए जिले और तीन नए संभाग बनाने का निर्णय लिया था। हालांकि, इन नवगठित जिलों में नई जिला परिषदों का गठन नहीं किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने जिलों का पुनर्निर्धारण किया और इस बार न केवल जिलों का पुनर्निर्धारण किया गया, बल्कि इन जिलों में नई जिला परिषदों के गठन का भी निर्णय लिया गया।

यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे नवगठित जिलों में प्रशासनिक कार्यों में अधिक दक्षता और पारदर्शिता आएगी। नई जिला परिषदों के गठन से इन जिलों के लोगों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा और विकास कार्यों को तेज गति से पूरा किया जा सकेगा। इससे जनता को अधिक स्थानीय और प्रशासनिक फैसलों में पारदर्शिता देखने को मिलेगी, और वे प्रशासनिक प्रक्रियाओं के प्रति अधिक भरोसा कर सकेंगे।

स्थानीय शासन को सशक्त बनाना
Bhajanlal Sharma: नई जिला परिषदों के गठन का एक प्रमुख उद्देश्य स्थानीय शासन को सशक्त बनाना है। जब जिला परिषदों का गठन और पुनर्गठन होता है, तो यह प्रशासनिक ढांचे को अधिक कुशल और गतिशील बनाता है। इससे ग्रामीण इलाकों में सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लोगों तक पहुंचता है और उनकी समस्याओं का हल जल्दी किया जा सकता है।

Bhajanlal Sharma: इसके अलावा, नवसृजन और पुनर्गठन के तहत ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के गठन से स्थानीय विकास कार्यों में भी तेजी आएगी। ये सुधार उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण होंगे, जो पिछड़े हुए थे और जहां विकास कार्यों में देरी हो रही थी। नई जिला परिषदों के गठन से इन क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए नई दिशा और गति मिलेगी।

सार्वजनिक अवलोकन और सुझावों की प्रक्रिया
Bhajanlal Sharma: प्रस्तावों को सार्वजनिक अवलोकन के लिए प्रसारित किया जाएगा, जिससे नागरिकों और संबंधित पक्षों को अपनी आपत्तियां और सुझाव देने का अवसर मिलेगा। यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, जिसमें जनता की आवाज को प्राथमिकता दी जाती है। यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी प्रस्ताव या निर्णय क्षेत्रीय स्तर पर लागू होने से पहले पूरी तरह से पारदर्शी और समावेशी हो।

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