Bihar विधानसभा में डीबीटी योजना को लेकर विपक्ष का हंगामा—किसान मुद्दे पर तीखी बहस
Bihar विधानसभा में आज किसानों और बटाईदारों को लेकर नकद प्रत्यक्ष अंतरण (डीबीटी) योजना के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने सरकार के जवाबों पर सवाल उठाते हुए मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के साथ तीखी नोकझोंक की। विधानसभा में यह घटना तब हुई जब सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के सदस्य वीरेंद्र कुमार गुप्ता के प्रश्न का उत्तर दिया।
विपक्ष का विरोध—केंद्र सरकार की योजनाओं पर जोर देने का आरोप
वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने मंत्री से सवाल किया था कि Bihar में 70 प्रतिशत खेती बटाईदार किसानों द्वारा की जाती है, लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभ से बाहर रखा गया है। क्या Bihar सरकार इस मुद्दे को केंद्र सरकार के पास उठाएगी और बटाईदार किसानों को भी इस योजना का लाभ दिलवाएगी? मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने इस प्रश्न का जवाब देने के बजाय केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया, जिस पर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई।
विपक्षी सदस्यों ने कहा कि मंत्री किसानों के सवाल का जवाब देने के बजाय केंद्र की योजनाओं का गुणगान कर रहे हैं, जोकि उनकी जिम्मेदारी नहीं है। इस पर मंत्री और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।
मंत्री का रुख—विपक्ष के दबाव में न आने की बात
Bihar: विपक्ष द्वारा हंगामा किए जाने पर मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह विपक्ष के दबाव में नहीं आएंगे और अपने उत्तरों को सही तरीके से देंगे। मंत्री के इस रुख से सदन में और भी हंगामा हुआ। विपक्षी सदस्य आरोप लगाने लगे कि मंत्री सदन के मंच पर असंसदीय भाषा का उपयोग कर रहे थे।
इस दौरान भाकपा-माले के नेता सत्यदेव राम ने आरोप लगाया कि मंत्री विपक्षी सदस्यों को धमकाने की कोशिश कर रहे थे। वहीं, श्री गुप्ता ने मंत्री से असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल के लिए माफी मांगने की मांग की। विपक्ष के इस विरोध के बाद, सदन में नंदकिशोर यादव, जो कि सभाध्यक्ष थे, ने हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों को शांत करने का प्रयास किया।
बटाईदार किसानों की स्थिति—डीबीटी के लाभ से बाहर
Bihar: वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने मंत्री से यह सवाल किया था कि Bihar में इतने बड़े पैमाने पर बटाईदार किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से क्यों वंचित हैं। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या Bihar सरकार इस मुद्दे को केंद्र सरकार के पास उठाएगी और बटाईदार किसानों को भी इस योजना का लाभ दिलवाएगी।
मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि डीबीटी पोर्टल पर कुल दो करोड़ चार लाख किसान पंजीकृत हैं, जिनमें एक करोड़ 78 लाख बटाईदार किसान और 26 लाख गैर-बटाईदार किसान शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया कि बटाईदार किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ क्यों नहीं मिल रहा है।
मंत्री का बयान—किसानों के लिए केंद्र की योजनाओं की शुरुआत
Bihar: डॉ. प्रेम कुमार ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में किसानों के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने अटल Bihar वाजपेयी के समय किसानों के लिए केसीसी (कृषि क्रेडिट कार्ड) योजना शुरू की थी, और मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की।
इस दौरान, विपक्ष ने मंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उन्होंने मुद्दे का सही तरीके से समाधान नहीं किया। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि मंत्री किसानों के मुद्दे पर बहस करने की बजाय केवल केंद्र सरकार की योजनाओं को बढ़ावा दे रहे थे, जोकि राज्य की वास्तविक समस्याओं से ध्यान भटकाने का एक तरीका था।
राजद और भाकपा-माले का आक्रोश—सदन की कार्यवाही पर सवाल
Bihar: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्य भाई वीरेंद्र ने कहा कि मंत्री के इस तरह के व्यवहार से सदन की कार्यवाही और परंपरा को नुकसान पहुंच रहा है। उनका कहना था कि इस तरह की राजनीति से सदन में केवल हंगामा बढ़ेगा, और सही मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री द्वारा विपक्ष के सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हें धमकाना एक गलत परंपरा को जन्म देगा।
भाकपा-माले के नेताओं ने भी मंत्री के व्यवहार की आलोचना की और उन्हें असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल के लिए माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस तरह के हंगामे से राज्य की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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